मोटा कमीशन व चहेते ठेकेदार दे रहे विकास कार्यों को हवाला

RAJNITIK BULLET
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(मोनू शर्मा) माधौगढ़ (जालौन)। भ्रष्टाचार का दीमक किस पैमाने पर है यह देखना बड़ा लाजमी है विकास खण्ड रामपुरा की ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में शिथिलता है तो वहीं अधिकारीयों का गुडवैल व कार्यों का रवैया बड़ा दिलचस्प दिखायी पड़ता है विकास खण्ड में आयोजित बैठक बड़े पैमाने पर कड़े दिशा निर्देश व विकास कार्यों की तैयार रुप रेखा महज कहीं न कहीं बैठकों में ही सिमटकर रह जाती है बाहर आने पर कार्यों का ढंग शिथिल पड़ जाता है हालांकि यदि देखा जाये तो एक खास बात तो यह है कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायतों को किस पैमाने पर रखा है यह सभी को वाकिफ है इसके लिए वह जिलाधिकारी , मुख्य विकास अधिकारी , व स्वयं ही बैठकों को आयोजित कर निर्देशित करते है कुछ दिन पूर्व ही विकास भवन सभागार में विकास कार्यों की बैठक में सीडीओ ने ग्राम पंचायत सचिवों की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई। विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान सचिवों का ग्राम पंचायतवार रोस्टर तैयार करने का निर्देश दिया। कहा कि हर दिन बीडीओ व एडीओ पंचायत औचक निरीक्षण कर सचिवों की उपस्थिति जांचें। व्हाट्सएप पर लाइव लोकेशन मंगाएं। ग्रामपंचायतों में चल रहे कार्यों को सही ढंग से पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इसके बाद जिनके क्षेत्र में शौचालय निर्माण पूरा नहीं मिले, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि हर सचिव अपने क्षेत्र में सुदृढ़ ढंग से कार्य करें हालांकि यदि ग्राम पंचायतों की हालिया स्थिति को देख लिया जाये तो कुछ और ही वयां होता है।
सूत्रों के मुताबिक विकास खण्ड रामपुरा अपने विकास कार्यों में अलग ही चर्चित माना जाता है ग्राम विकास अधिकारियों का तो जबाब ही नही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायतों में ठेकेदार करायेंगे विकास कार्य हमें चाहिए कमीशन अब ऐसे में कितना विकास होगा कितना कमीशन बटेगा यह तय कर पाना तो विकास खण्ड की टेढ़ी खीर है ग्राम पंचायतों में सरकार द्वारा बनवाए गये सामुदायिक शौचालय तो लगभग तालों में ही बंद है , ग्राम पंचायतों की सफाई व्यवस्था का तो जबाब नही किसानों की समस्याओं का हल ढ़ूड़कर बनवायी गयी गौशालाऐं लगभग ग्राम पंचायतों से गायब ही हो गयी गाय आवारा है किसानों की चिंताएं भी बढ़ गयी है , लगभग गाँव के रास्ते आज भी विकास कार्यों की पोल खोलते नजर आते है अब ऐसे में शिथिलता क्या है यह तो ग्राम पंचायतों के विकास कार्य ही वयां करते है ।
बीहड़ में नरेगा हो या विकास कार्य सभी मुख्यरुप से भ्रष्टाचार की भेंट ही चढ़ता दिखाई दे रहा है विकास खण्ड में चल रहा मोटा कमीशन सचिव से लेकर अन्य जिम्मेदार विकास कार्यों में अनदेखी कर पलड़ा झाड़ते ही दिखाई देते है हालांकि यदि देखा जाये तो नलकूपों की मरम्मत , नरेगा का तालाब , गूल , चकरोड व अन्य कार्यों को हबाला देते हुए लाखों का भुगतान घोटाले के रुप में ही अनुमानन समझ आया अभी हाल ही बीहड़ में आयी भीषण बाढ़ विभीषिका से सैकड़ों घर परिवार गाँव को त्याग आश्रय लेकर सुरक्षित स्थानों पर भेजे गये तो नही विकास कार्यों की ओट सहारे भ्रष्टाचार ने पूरी स्थिति को सामान्य कर दिया सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीणों का मानना है ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों का होना महज एक औपचारिकता है ।

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