(सौरभ श्रीवास्तव) बीकेटी, लखनऊ। स्थानीय विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत मदारीपुर में प्रति वर्ष लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी यहां विकास की अनेकों जनकल्याणकारी योजनाएं धरातल पर नहीं दिखाई दे रही हैं।पंचायत सचिव व प्रधान की खाऊ कमाऊ नीति के चलते यह पंचायत आज भी विकास के लिए तरस रही है। ग्राम पंचायत के मुख्य मार्गों व गलियों में गंदा पानी भरा हुआ है।सफाई कर्मचारी के न आने से गांव में चारों तरफ गंदगी बिखरी हुई है।नालियों का निर्माण न होने से गांव की गलियां भी गंदे पानी से भरी हुई है। जिससे नागरिकों व राहगीरों को आने जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि इस ग्राम पंचायत की आबादी लगभग 5000 है। इसमें सभी सभी जाति के लोग रहते हैं। यहां पर आने जाने वाले मार्ग पानी से भरे हुए हैं। इससे नागरिकों को तहसील जाना तथा अन्य कार्य के लिए लखनऊ जाना उन्हें पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है।इस गांव में गुजरते हुए अनेक लोग पानी में गिर कर चोटिल हो गए हैं।यहां पर गंदगी का बोलबाला है।नालियों में भरा रहता है, जिसमें मच्छरों की फौज पनप रही है। जिससे जल्दी ही संक्रामक रोग या संचारी रोग फैल सकता है।यहां के जनप्रतिनिधि रामदेव तिवारी, छोटे लाल पाल, सर्वेश कुमार, अमीर बहादुर सिंह,रामप्रकाश सहित अन्य कई नागरिकों ने बताया कि प्रधान व सचिव की लापरवाही की वजह से यहां के नागरिकों का जीवन घोर संकट में पड़ गया है।ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान व सचिव उनकी सुनते नहीं है। जिससे यहां लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।यहां के सुलभ शौचालय में सदैव ताला लटकता रहता है।जिससे गांव की बहू बेटियां खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।यहां शौचालय निर्माण में भी जमकर घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया है। जिससे वह किसी भी समय गिर सकते हैं। यहां पर एक कमी हो गिनाई जाए यहां पर कमियों का अंबार लगा हुआ है। यह पंचायत जबरदस्त अव्यवस्था का शिकार है।
धरातल पर नहीं दिखाई दे रही विकास की अनेकों जनकल्याणकारी योजनाएं
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