सरकार द्वारा कृषकांे को दी जा रही है विभिन्न सुविधाएं

RAJNITIK BULLET
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बीज उर्वरक एवं कीटनाशक रसायनों की मात्रा उपलब्ध कराया जाए। आय वृद्धि का सफल मॉडल तैयार कर दी जा रही सुविधा।
लखनऊ। मण्डल लखनऊ जिलाधिकारी लखनऊ श्री अभिषेक प्रकाश ने बताया कि मंडल में कृषि निवेश यथा रासायनिक उर्वरक एवं बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। मंडल में कुल 14.83 लाख हेक्टेयर में बुवाई की जानी है, जिसमें 12.77 हेक्टेयर में खाद्यान्न, 0.79 लाख हेक्टेयर में दलहन, 2.05 लाख हेक्टेयर में तिलहन की एवं रबी में मंडल की मुख्य फसल गेहूं है। मंडल में 11.91 लाख हेक्टेयर गेहूं की बुवाई किए जाने हेतु प्रस्तावित है।
जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद लखनऊ में इंटीग्रेटेड फार्मिंग के अंतर्गत फूलों, सब्जियों, की खेती के साथ-साथ अंडा उत्पादन भी किया जा रहा है। जिसमें दूसरे कृषक भी अभीप्रेरित हो रहे हैं। पराली प्रबंधन के लिए विगत वर्ष में भी पराली को निराश्रित गौशालाओं तक पहुंचाया गया था। इस वर्ष भी गौशालाओं तक पहुंचाया जाएगा। जो पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग होगा। यह कार्य मंडल के समस्त जिलों में मुख्य विकास अधिकारियों की देखरेख में हो रहा है।
उन्होंने बताया कि जनपद उन्नाव एवं हरदोई में 1 अक्टूबर से धान क्रय केंद्रों से खरीद का कार्य शुरू कर दिया गया है, शेष 4 जनपदों में 1 नवंबर 2021 से धान क्रय केंद्रों से खरीद का कार्य शुरू किया जाएगा। प्रमुख सचिव सहकारिता के निर्देशानुसार मंडल के मिलर्स की एक बैठक अवश्य कर लें तथा मिलर्स से एग्रीमेंट साइन करा लें, जिन मिलर्स द्वारा एग्रीमेंट साइन नहीं किया जा रहा है उनकी सूचना उपलब्द्द कराने हेतु निर्देश दिए गए। कृषकों का भुगतान नाम- मिसमैच होने के कारण समय से नहीं हो पा रहा हैध्देरी होती है, उसे तहसील स्तर से अभिलंब ठीक करा लिया जाए। केंद्रों पर मैनपावर की कोई समस्या आ रही हो, तो एक अलग से काउंटर खोलने एवं उनके भुगतान आदि की कार्यवाही इस स्तर से किए जाने के निर्देश दिए गए। अपर मुख्य सचिव कृषि उत्तर प्रदेश शासन ने बताया है कि समस्त जिलाधि कारीगण अपने-अपने जनपदों के धान क्रय केंद्रों का नियमित निरीक्षण करेंगे तथा जनपद में धान क्रय केंद्रों हेतु नोडल अधिकारी भी नामित कर दें। जनपद में जितने क्रय केंद्र निर्धारित हैं उनके खोलने की तैयारी सुनिश्चित कर लें, हो सकता है कि निर्धारित क्रय केंद्रों से अधिक क्रय केंद्र खोलने की संभावना बन सकती है। कृषकों द्वारा बिक्री हेतु लाई जाने वाली मात्रा क्रय किया जाना है आवश्यक है कि लक्ष्य जो भी हो जब तक कृषक धान क्रय केंद्र पर लाएंगे उनका धान क्रय किया जाएगा। यह भी बताया गया कि मिलर्स कुछ व्यक्तियों के माध्यम से कृषकों को बहला-फुसलाकर सस्ते में धान क्रय कर लेते हैं उस पर सतत निगरानी रखी जाए। जिलाधिकारी उन्नाव ने बताया कि जनपद में 262 नहरों में टेल तक पानी पहुंचाया गया है। पराली प्रबंद्दन के बहुत अच्छे परिणाम आए हैं। न्याय पंचायतवार पराली को निराश्रित गौशा लाओं तक पहुंचाई जा रही है। जनपद के 03 कृषक उत्पादक संगठन जैविक खेती करते हैं, उनके उत्पाद हेतु अलग से काउंटर खुल वाकर मार्केटिंग कराई जा रही है। जनपद में बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक रसायनों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होना बताया गया।
जिलाधिकारी रायबरेली ने बताया कि यदि कृषकों को सुपर सीडर पर 80 प्रतिशत अनुदान की सुविधा दी जाए तो निश्चित रूप से कृषकों को लाभ होगा। जनपद में बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक रसायनों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है। मुख्य विकास अधिकारी सीतापुर ने बताया कि फसल ऋण मोचन में जनपद 893 कृषकों की संस्तुति की गई है जिसमें 576 कृषकों का ही पैसा आया है। नहर की सफाई का कार्य धनराशि न होने के कारण नहीं हो पा रही है। नलकूप विभाग में नलकूप चालकों की व्यवस्था न होने के कारण नलकूपों का संचालन में समस्या आ रही हैं। जनपद में बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक रसा यनों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होना बताया गया है। जिलाधिकारी हरदोई ने बताया कि जनपद में पराली प्रबंधन की बैठक कर ली गई है। जनपद में जैविक खेती की जा रही हैं। कृषक उत्पादक संगठनों के यहां फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना कराई गई है। जनपद में बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक रसायनों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होना बताया गया। इसके द्वारा उर्द फसल में फली न आने की समस्या रखी गई। अपर मुख्य सचिव कृषि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अवगत कराया गया है कि जब तक बायो मेट्रिक की व्यवस्था होने के बाद ही इस व्यवस्था के क्रियान्वयन पर विचार किया जाएगा।
मुख्य विकास अधिकारी लखीमपुर खीरी ने बताया कि जनपद में रबी में गेहूं एवं राई-सरसों की खेती होती है। मिनीकिट का वितरण करा दिया गया है। जनपद में 15 विकास खंडों में 17 कृषक उत्पादक संगठन चयनित है। जनपद में गन्ने के साथ सहफसली खेती कृषकों द्वारा की जा रही है। जनपद लखीमपुर में रैक पॉइंट न होने की समस्या रखी गई। वर्ष 2013 में बनी मितौली तहसील कृषि पोर्टल पर प्रदर्शित न होने की बात रखी गई। जनपद में बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक रसायनों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होना बताया गया।

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