गांवो में सरकार के स्वच्छता अभियान को लगा पलीता शौचालय अपूर्ण होने पर सड़को पर जारी शौंच क्रिया

RAJNITIK BULLET
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गांवो में सामुदायिक शौचालय की हो चुकी धननिकासी कार्य अभी तक पूर्ण नही डले है ताले’
’गैरजिम्मेदार बीडीओ ऑफिस में बैठकर कर देते है हर सवाल पर गुमराह समस्याये जस की तस’
डीएम साहब एक नजर कदौरा ब्लाक के भृष्टाचार पर जहां सरकार की प्रमुख योजना को खुद ब्लाक अधिकारी लगा रहे पलीता’

(मोनू शर्मा) कदौरा/ जालौन। स्वच्छता अभियान को लेकर केंद्र प्रदेश सरकार द्वारा अथक प्रयास करके योजनाओं के जरिये अरबो रुपये की धनराशि जनपद व ब्लाक स्तर में मुहैया कराई गई जिससे गांवो की सूरत बदल सके।
लेकिन सरकार के ही कुछ नुमाइंदे गैरजिम्मे दारी ब्लाक अधिकारियों द्वारा ही सरकार के उद्देश्य के विपरीत उक्त धन की बंदरबांट कर योजनाओं को चैपट कर डाला और अंजाम सामने है कदौरा ब्लाक में गांव गांव 5 से 7 लाख तक के खर्च पर बने शौचालय वर्ष भर बाद भी पूर्ण नही है जबकि कागजों में इन्हें पूर्ण दिखाकर धननिकासी हो चुके है और शोपीस उक्त शौचालयों में ताला जड़ा हुआ है एव कुछ में अब भी घटिया निर्माण जारी है जिससे ग्रामीनाचल में आज भी लोग सड़क पर ही शौचक्रिया को अंजाम दे रहे है वही भ्र्ष्टाचार को लेकर ब्लाक के जिम्मेदार अधिकारी कन्नी काटते नजर आते है।
गौरतलब हो कि केंद्र सरकार की स्वच्छता अभियान के अंतर्गत मुख्य योजना सामु दायिक शौचालय का निर्माण चिन्हित ग्राम पंचायतों में बड़ी लागत से करवाया गया था जिससे गांवो को स्वच्छता की कड़ी से जोड़ा जा सके।
जिसके अंतर्गत जनपद के विकास खण्ड कदौरा की महज 55 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया जिसकी लागत 5 लाख से लेकर 7 लाख थी।लेकिन ब्लाक अधिकारियों की सांठ गांठ व व भृष्टाचार के चलते सरकार के बड़े प्रोजेक्ट में भी ग्रहण लग गया। फल स्वरूप धन बंदरबांट की भेंट चढ़ गया और शौचालय 1 वर्ष बाद भी अधूरे ठूंठ की तरह खड़े है।
खास बात ये है कि पिछले सत्र में जब उक्त सामु दायिक शौचालयों का निर्माण हो रहा था तो कदौरा ब्लाक की ग्राम पंचायत बबीना व हांसा में नोडल अधिकारी धीरज साहू द्वारा जांच में फर्जीवाड़ा पाया था जिसमे शौचालय निर्माण मानक विहीन था घटिया सामग्री के इस्तेमाल पर नोडल अधिकारी द्वारा सचिव सिकन्दर सिंह को सस्पेंड किया गया था और वर्तमान में एक वर्ष बाद भी उक्त बबीना व सुरौला शौचालय का निर्माण अभी तक पूर्ण नही है वही ग्राम पंचायत सुरौला में बनते में ही सा शौचालय का छज्जा मानक विहीन कार्य की वजह से भरभराकर गिर गया जिसमें लेदेकर बिना कार्यवाही क्लीन चिट देकर मामला रफा दफा कर दिया गया। इसी कमीशन खोरी के चलते उक्त बबीना व सुरौला में आज तक निर्माण अधूरा छोड़ उनमें ताला लगा दिया गया है।
ग्रामीणों की माने तो इन शौचालयों का धन भी फर्जी तरीके से निकाल लिया गया है और शौचालय ठूठ की तरह अधूरे पड़े है।
हालात ये कि ब्लाक अधिकारियों से लेकर किसी को किसी भी अधिकारी का कोई डर नही है क्यो कि उनकी सोच है कि कमीशन सब मे बंटा है तो कार्यवाही होने का प्रश्न ही नही उठता।अब ऐसे में सरकार के बड़े प्रोजेक्ट में खुद उन्ही के कुछ भृष्ट नुमाइंदों द्वारा पलीता लगा दिया गया।
ब्लाक में मौजूद बीडीओ अश्वनी सिंह ज्यादातर अपने घर य एयर कंडीशनर आफिस में बैठकर खानापूर्ति करते नजर आते है जो अपने हेंकड अंदाज के चलते जनसमस्याएं भी नही सुनते जो कि फोन काट देते है य फिर उठाते ही नहीं। भ्रषटाचार पर जवाब न देना पड़ जाए।
उक्त शौचालयों की बदतर हालात पर जब उनसे जान कारी चाही गयी तो आना कानी करते दिखे वही मामले में एसडीएम कौशल कुमार द्वारा कहा गया कि वह ट्रेनिंग में है और उक्त गौशालाये यदि अपूर्ण है या ताला लगा है तो इसकी जानकारी करते हुए जांच कार्यवाही की जाएगी।

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