(धर्मेन्द्र सिंह) हरदोई। जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार इस कदर हाबी है कि रिश्वत के लालच में चिकित्सक फर्जी मेडिको लीगल भी करने को तैयार हो जाते हैं। मतलब साफ है कि रिश्वत दो मनचाही रिपोर्ट लो। ऐसा ही कारनामा सामने आया है जिसमें जिला अस्पताल के सर्जन डा0 सुरजीत सिंह ने इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान एक ऐसे व्यक्ति की मेडिकल रिपोर्ट में शार्प इंजरी लिख दी जो पूरी तरह से स्वस्थ था। यही नहीं, डक्टर साहब ने उसे सिर में चोट दर्शाते हुए एक्सरे के लिए भी रेफर कर दिया। जिसके बाद रेडियोलोजिस्ट ड0ॉ. अरुण कुमार ने अपनी रिपोर्ट में सिर की हड्डी टूटने तक का जिक्र कर दिया। हालांकि मामला पकड़ में आने के बाद सीएमएस ने इस फर्जी मेडिकोलीगल रिपोर्ट को निरस्त करने की बात कही है। दरअसल पिहानी क्षेत्र निवासी शिशुपाल व रजनीश के मध्य विगत दिनों विवाद हो गया था। हालांकि किसी के शरीर पर चोट नही थी, इसलिए पिहानी सीएचसी के डॉक्टर जितेंद्र श्रीवास्तव ने दोनों की रिपोर्ट में नार्मल लिख दिया था, इस कारण एसडीएम ने दोनों को मुचलके पर जमानत दे दी थी। 13 जुलाई को रजनीश ने जिला अस्पताल के इमरजेंसी में ड्यूटीरत डॉक्टर सुरजीत सिंह व रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अरुण कुमार से अपनी सेटिंग कर धारदार हथियार से घायल होने की मनचाही रिपोर्ट बनवा ली। इस मामले में दूसरे पक्ष के शिशुपाल ने सीएमओ व नगर मजिस्ट्रेट को पूरे प्रकरण से अवगत कराते हुए शिकायत कर दी। प्रकरण को गंभीरता से लेते उच्चाधिकारियों के निर्देश पर सीएमएस ने तीन डॉक्टरों की संयुक्त टीम का पैनल गठित कर दिया। उधर पिहानी पुलिस ने पुनः जांच के लिए रजनीश को 05 अगस्त को जिला अस्पताल बुलाया था, पर वो नही आया। मामले की विवेचना कर रहे सब इंस्पेक्टर नरेश कुमार राजनीतिक बुलेट को बताया कि राजनीश को बुलाने के लिए उन्होंने सिपाही भेजे थे, उसके घरवालों ने बताया कि रजनीश दिल्ली चला गया है। सीएमएस डॉ. जेएन तिवार राजनीतिक बुलेट को बताया कि रजनीश को एक और पत्र भेजकर बुलाया जायेगा यदि वो निर्धारित समय पर नही आता है तो उसका मेडिकोलीगल संदिग्ध मानते हुए निरस्त कर दिया जाएगा, और उसकी रिपोर्ट पुलिस को भेज दी जाएगी। अब सवाल ये उठता है कि फर्जी मेडिकोलीगल तैयार करने वाले चिकित्सकों पर क्या कार्यवाही होगी?

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(धर्मेन्द्र सिंह)
हरदोई। जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार इस कदर हाबी है कि रिश्वत के लालच में चिकित्सक फर्जी मेडिको लीगल भी करने को तैयार हो जाते हैं। मतलब साफ है कि रिश्वत दो मनचाही रिपोर्ट लो। ऐसा ही कारनामा सामने आया है जिसमें जिला अस्पताल के सर्जन डा0 सुरजीत सिंह ने इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान एक ऐसे व्यक्ति की मेडिकल रिपोर्ट में शार्प इंजरी लिख दी जो पूरी तरह से स्वस्थ था। यही नहीं, डक्टर साहब ने उसे सिर में चोट दर्शाते हुए एक्सरे के लिए भी रेफर कर दिया। जिसके बाद रेडियोलोजिस्ट ड0ॉ. अरुण कुमार ने अपनी रिपोर्ट में सिर की हड्डी टूटने तक का जिक्र कर दिया। हालांकि मामला पकड़ में आने के बाद सीएमएस ने इस फर्जी मेडिकोलीगल रिपोर्ट को निरस्त करने की बात कही है। दरअसल पिहानी क्षेत्र निवासी शिशुपाल व रजनीश के मध्य विगत दिनों विवाद हो गया था। हालांकि किसी के शरीर पर चोट नही थी, इसलिए पिहानी सीएचसी के डॉक्टर जितेंद्र श्रीवास्तव ने दोनों की रिपोर्ट में नार्मल लिख दिया था, इस कारण एसडीएम ने दोनों को मुचलके पर जमानत दे दी थी। 13 जुलाई को रजनीश ने जिला अस्पताल के इमरजेंसी में ड्यूटीरत डॉक्टर सुरजीत सिंह व रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अरुण कुमार से अपनी सेटिंग कर धारदार हथियार से घायल होने की मनचाही रिपोर्ट बनवा ली। इस मामले में दूसरे पक्ष के शिशुपाल ने सीएमओ व नगर मजिस्ट्रेट को पूरे प्रकरण से अवगत कराते हुए शिकायत कर दी। प्रकरण को गंभीरता से लेते उच्चाधिकारियों के निर्देश पर सीएमएस ने तीन डॉक्टरों की संयुक्त टीम का पैनल गठित कर दिया। उधर पिहानी पुलिस ने पुनः जांच के लिए रजनीश को 05 अगस्त को जिला अस्पताल बुलाया था, पर वो नही आया। मामले की विवेचना कर रहे सब इंस्पेक्टर नरेश कुमार राजनीतिक बुलेट को बताया कि राजनीश को बुलाने के लिए उन्होंने सिपाही भेजे थे, उसके घरवालों ने बताया कि रजनीश दिल्ली चला गया है। सीएमएस डॉ. जेएन तिवार राजनीतिक बुलेट को बताया कि रजनीश को एक और पत्र भेजकर बुलाया जायेगा यदि वो निर्धारित समय पर नही आता है तो उसका मेडिकोलीगल संदिग्ध मानते हुए निरस्त कर दिया जाएगा, और उसकी रिपोर्ट पुलिस को भेज दी जाएगी। अब सवाल ये उठता है कि फर्जी मेडिकोलीगल तैयार करने वाले चिकित्सकों पर क्या कार्यवाही होगी?

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