(राममिलन शर्मा)
रायबरेली। प्रदेश में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति हेतु केंद्र सहायतित राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम का संचालन केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा 50ः50 प्रतिशत वित्त पोषण के आधार पर किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत ‘‘हर घर को नल से जल‘‘ उपलब्ध कराये जाने की कार्यवाही तेजी से की जा रही है।
भारत सरकार द्वारा प्रदेश के समस्त अनाच्छादित बस्ति यों को पाइप पेयजल योजना आंे से वर्ष 2024 तक आच् छादित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के क्षेत्र में तेजी से कार्य किये गये है। प्रदेश में कुल 2.6584 करोड़ घरों को वर्ष 2024 तक शुद्ध पाइप पेयजल से आच्छादित किया जाना लक्षित है।
प्रदेश में अब तक लगभग 2.2359 करोड़ (84.10प्रतिशत) फन्कशनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन (एफ0एच0टी0सी0) के माध्यम से ग्रामीण आबादी को पाइप पेयजल योजना से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा चुका है तथा अवशेष लग भग 42.25 लाख घरों में एफ0 एच0टी0सी0 का कार्य वर्ष 2024 तक पूर्ण किया जा रहा है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 41 सतही स्रोत जल आधारित एवं 423 भूजल आधारित पाइप पेयजल परियोजना के माध्यम से कुल 3748 राजस्व ग्रामों में 11,22,994 एफ0एच0टी0 सी0 के माध्यम से शुद्ध पेय जल की आपूर्ति किये जाने के सापेक्ष बुन्देलखण्ड क्षेत्र में अद्यतन 10,92,000 एफ0 एच0 टी0सी0 उपलब्ध कराया जा चुका है। विन्ध्य क्षेत्र में 21 सतही स्रोत जल परियोज नाओं एवं 140 भूजल आधा रित परियोजनाओं के माध्यम से 2998 राजस्व ग्रामों में 5,98,999 एफ0एच0टी0सी0 के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति दिसम्बर, 2024 तक किये जाने के सापेक्ष अद्यतन 5,27,230 एफ0एच0 टी0सी0 उपलब्ध कराया जा चुका है। प्रदेश के अन्य जन पदों हेतु 33 कार्यदायी फर्मों को सूचीबद्ध करते हुए समस्त राजस्व ग्रामों में कार्य आवंटित किया गया है। प्रदेश के गुणता प्रभावित जनपदों आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, बलिया, उन्नाव, प्रयागराज एवं चन्दौली के 6439 राजस्व ग्रामों में 14 सतही स्त्रोत आधारित योज नाओं का कार्य चयनित फर्मों द्वारा किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के समस्त 75 जनपदों की 58,287 ग्राम पंचायतों में कुल 163 आई0 एस0ए0 संस्थाओं को कार्य आवंटित किया गया था। आई0 एस0ए0 द्वारा तीन चरणों में जन जागरूकता संबंधित कार्य संपादित किए जा रहें है- योजना चरण, कार्यान्वयन चरण, पोस्ट कार्यान्वयन चरण पर कार्य किये गये है।
जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक राजस्व ग्राम में 05 महिलाओं को जल गुणवत्ता की जांच हेतु को एफ0टी0के0 के माध्यम से अब तक कुल 5,57,958 महिलाओं को प्रशि क्षित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 36, 73,192 एवं चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 18,01,841 पेयजल स्रोतों की जांच की गयी है। प्रदेश में जल जीवन मिशन एवं अन्य योजनाओं के माध्यम से कुल 1,14,807 स्कूलों एवं 1,51,258 आंगन बाड़ी केन्द्रों में पाइप द्वारा पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कराई गयी है।
योजना के सुचारू रूप से संचालन एवं रखरखाव हेतु प्रदेश में प्रति ग्राम पंचायत 06 ट्रेड में 13 व्यक्तियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 1,16,037 प्लम्बर, 116007 पम्प आपरे टर, 1,15,505 मोटर मैकेनिक 1,16,078 फिटर, 1,16667 इलेक्ट्रीशियन तथा 175880 मेशन, कुल 756174 कर्मियों को प्रशिक्षित करते हुए रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है।
योजना को भविष्य में सही दिशा में चलाये रखने हेतु पंचायती राज इंस्टीट îूशन का प्रशिक्षण वर्तमान में चल रहा है जिसमें प्रधान, वार्ड मेम्बर्स, बी0डी0सी0 मेम्बर्स, जिला पंचायत सदस्य, सचिव, लेखपाल तथा रोज गार सेवक को प्रशिक्षित किया जा रहा है। अब तक 945959 हितग्राहियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा धनराशि रू0 22000.00 करोड़ का बजट प्राविधान किया गया है। भारत सरकार द्वाररा केन्द्रांश में आवंटित धनराशि रू012621.95 करोड़ के सापेक्ष वर्तमान वित्तीय वर्ष में धनराशि रू03786.58 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गयी है। राज्य सरकार द्वारा मैचिंग राज्यांशध्शार्ट फॉलध्सेन्टेज के सापेक्ष अब तक कुल धन राशि रू0 2498.80 करोड़ अवमुक्त की जा चुकी है। कुल उपलब्घ धनराशि के सापेक्ष अद्यतन रू0 4684.41 करोड़ व्यय किया गया है।
प्रदेश सरकार के ‘‘हर घर को नल से जल’’ कार्यक्रम के अन्तर्गत लगभग 2.25 करोड़ आबादी को जलापूर्ति
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