एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया। वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के बाद हर देश का ध्यान बहुत ही गंभीरता से स्वास्थ्य क्षेत्र की ओर गया है। हर देश स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट का अधिक से अधिक एलोकेशन कर रहे हैं। स्वा स्थ्य क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर बुनि यादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। उसी कड़ी में अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करने की ओर हर देश आगे बढ़ रहे हैं। परंतु जहां एक और भारत देश स्वास्थ्य क्षेत्र में एआई की ओर तेजी से जा रहा है वहीं दूसरीओर निजी व शासकीय अस्पतालों में कुछ घटनाएं ऐसी हो रही है, जो स्वास्थ्य क्षेत्र को शर्म सार कर रही है बीती दिनांक 12 जुलाई 2024 को झारखंड के हुसैनाबाद के एक अस्प ताल में एक छोटे से बालक के हाथ में जहां प्लास्टर या स्टेप्लांट का उपयोग किया जाना चाहिए था उसके स्था न पर हाथ को कार्टून के मोटे पेपर के सपोर्ट से बांध कर दूसरी जगह रेफर कर दिया गया, तो वही टीवी चैनल पब्लिक इंट्रेस्ट में 18 जुलाई 2024 को यूपी के हापुड़ में एक निजी अस्पताल के 26 जून 2024 का केस बताया गया जहां समरी की मांग करने पर नहीं मिली तो 112 नंबर डायल किया गया जिस से पुलिस आई तो अस्पताल व पुलिस में झमेला हुआ, एसपी डीएसपी एसएचओ का ट्रांसफर हो गया। यूपी के ही एक केंद्रीय मंत्री की मां को एक अस्पताल में भर्ती करा या गया तो 4 घंटे का बिल 4 लाख आया यह घटना 11 अप्रैल 2024 की बताई गई है, अगर एक मिनिस्टर लेवल के व्यक्ति के साथ ऐसी बातें हो रही है तो आम आदमी के साथ क्या होता होगा यह सोचने वाली बात है। मेरा मानना है कि ऐसे हजारों केस रोज पूरे भारत के अस्पतालों में हो रहे होंगे। मैं अपनी रा इस सिटी गोंदिया में मेरे परिवार के एक केस में मैंने देखा जब महिला को डिली वरी के लिए शासकीय अस्प ताल ले जाया गया तो वहां के डाॅक्टरो ने साठगांठ से भारी केस का डर दिखाकर प्राइवेट हॉस्पिटल जाने को कहा, वैसे ही मेरी सिस्टर को भी शास कीय अस्पताल से प्राइवेट हॉस्पिटल में भेजा गया था, यह खेल शायद पूरे भारत में चल रहा होगा, इसलिए अब समय आ गया है कि स्कूलों की तरह अब डीएम साहब निजी व शासकीय अस्पतालों का भी आकस्मिक दौरा करेंगे तो प्रत्येक जिले में अनेकों केस पकड़ में आएंगे। स्वास्थ्य सेवाओं में उपयोगिता बढ़ाने के लिए दिनांक 19 जुलाई 2024 को नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने स्वास्थ्य क्षेत्र में एआई की सबसे अधिक मदद या उप योग लेने की बात कही, इसी लिए मेरा अनुरोध है कि बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिक एलोकेशन करने की लोगों की अपील को पूरा किया जाए, चूंकि अस्पतालों का बुरा हाल मरीजों का बेहाल हो रहा है, इसीलिए स्वास्थ्य सेवा व चिकित्सा शिक्षा के परि णामो में सुधार के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का लाभ उठाना समय की मांग है, व डिजिटल स्वास्थ्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग से पूर्ण सफलता ओं की अपार संभावनाओं को रेखांकित करना जरूरी है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्धजानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, कृत्रिम बुद्धि मत्ता के उपयोग से दैनिक प रीक्षण से लेकर उपचार योज नाओं तक चिकित्सकों को निर्णय लेने में सहयोग की संभावना है।
नीति आयोग के सदस्य डाॅ. वी.के. पाॅल ने आईएए नएस को बताया कि देश में सबसे बड़ी डिजिटल स्वास्थ्य योजना के लिए एक रिपोर्ट जारी की गई है। इसे डिजि टल स्वास्थ्य सेवा और काॅर पोरेट वेलनेस की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है भारत लगातार स्वास्थ्य क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। इसमें आ र्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जा रहा है। आगे चलकर इसमें टेक्नोलॉजी के प्रयोग से स्वास्थ्य सेवा में और ज्यादा सुधार होगा और नए -नए आयाम बनेंगे। बजट को लेकर उन्होंने कहा, हम सबको बजट का इंतजार है और स्वास्थ्य क्षेत्र को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव ने आईएए नएस से कहा, हम देश में ए आई का बहुत उपयोग कर सकते हैं। हेल्थ सेक्टर एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें आर्टिफि शियल इंटेलिजेंस की सब से ज्यादा मदद ली जा सक ती है। तमाम तरह की जांच और सूचना में इसका इस्ते माल हो सकता है। उन्होंने बजट को लेकर कहा, हमें उम्मीद है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में इस बार बजट को लेकर कई प्रावधान किए जाएंगे। हमें उम्मीद है कि नेशनल हेल्थ मिशन, नेशनल हेल्थ अथाॅरि टी और एम्स हाॅस्पिटल के लिए पर्याप्त बजट रखा जा एगा।
साथियों बात अगर हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एआई को समझने की करें तो, एआई का दायरा अब देश के हर सेक्टर में बढ़ता जा रहा है। अब इसकी डिमांड हर सेक्टर में बढ़ने लगी है।
सरकार कई इंडस्ट्रीज में एआई का तेजी से चलन बढ़ा है। सरकार फूड प्रोसेसिंग इं डस्ट्री से लेकर आॅटो तक में इसको बढ़ावा दे रही है। इसी कड़ी में हेल्थ सेक्टर से जुड़े लोग भी इस सेक्टर में इसे और बूस्ट करने की मांग कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुता बिक हेल्थकेयर इंडस्ट्री जि तनी तेजी से बढ़ रही है, उसमे अगर एआई को बढ़ावा मिले तो यह और ग्रोथ कर सकता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक इस सेक्टर में एआई और तकनीक से जुड़े लोगों की मांग काफी बढ़ने वाली है। आने वाले समय में इसमें करीब 27 लाख रोजगार पैदा होने की संभावना जताई जा रही है। एआई हेल्थकेयर सेक्टर में कई बदलाव लेकर आया है, जो रोगी की देख भाल और क्वालिटी जीवन जीने में मद्द कर सकता है। एआई टेक्नाॅलिजी में तेजी से विकास, हेल्थ की देखभाल के लिए ड्रिस्ट्रीब्यूशन हो या क्लिनिकल प्रोसेस में सहज ता से शामिल करके बदलाव का एक अवसर पेश करता है। क्लिनिकल सेटिंग्स में एआई कार्यप्रणाली की विस्तृत समझ इसे सफलतापूर्वक अप नाने और जरूरी संसाधनों के साथ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स को सशक्त बनाने में महत्व पूर्ण है। हेल्थकेयर में एआई को शामिल करने से रोग का पता करने, उपचार का निर्णय लेने और क्लिनिकल जांच में आसानी हो सकती है। बड़े डाटासेट के साथ एआई मुश् िकल स्थितियों को भी समझ सकते हैं, जिन्हें आमतौर पर विभिन्न हेल्थकेयर क्षेत्रों में मानवीय स्तर पर समझना मुश्किल होता है। मानवीय गलती होने के खतरे को कम करने के साथ एआई, बेहद स्पष्ट रूप से प्रभावी लागत और समय की बचत करता है। इसका एप्लिकेशन रोगी के उपचार में क्रांति लाने, दवा की खुराक को अनुकूलि त करने, जनसंख्या स्वास्थ्य प्रबंधन को मजबूत करने, क्लि निकल दिशानिर्देश निर्धारित करने, वर्चुअल हेल्थकेयर स हायता प्रदान करने, मानसिक स्वास्थ्य सहायता को मजबूती देने, रोगी को जागरूक करने और रोगियों और चिकित्स कों के बीच भरोसे को बढ़ावा देने के लिए है।
साथियों बात अगर हम प्रोवाइडर्स को फायदों की करें तो, हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स को रोगी के देखभाल में एआई को प्रभावी रूप से शामिल करने की आवश्यक समझ और उपकरणों से लैस होने पर क्लिनिकल प्रैक्टिस में एआई की भूमिका से संबंधित दस्ता वेजीकरण और ज्ञान के प्रसार में अनिवार्यता होना जरूरी है। ग्लोबल लेबल पर हेल्थकेयर सेक्टर में विकास के बावजूद, जटिल तंत्र और लक्षणों के कारण रोग का निदान चुनौती पूर्ण बना हुआ है। एआई, विशेष रूप से मशीन लर्निंग, निदान सहित हेल्थकेयर में क्रांति लाने का वादा करती है। वहीं डेटा गुणवत्ता और मात्रा पर एमएल की निर्भरता क्लिनिकल मुश्किलों को कम करने में मदद करती है। गहन समझ, कन्वेन्शनल न्यूरल नेट वर्क्स (सीएनएन) और डेटा माइनिंग का प्रयोग करके यह डेटासेट के भीतर पैटर्न पह चान में खासियत रखता है। एआई तकनीक, चिकित्सकों को सही समय पर सहायता और अन्त दृष्टि प्रदान करके चिकित्सा निर्णय लेने में वृद्धि करने की क्षमता रखती है, जैसे एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई में एआई को शामिल करने के लिए चल रहे अनुसंधान प्रयास, विविध रास्ते तलाशते हैं एआई, एम एल तकनीकों का फायदा उ ठाते हुए, असंगतियों की पह चान करने, फ्रैक्चर, ट्यूमर और अन्य रोग संबंधी स्थिति यों का पता लगाने में सहायता करता है, जबकि चिकित्सा निदान में तेजी लाने और सु धार करने के लिए परिणाम संबंधी माप पेश करता है। बीमारी का पता लगाने में म दद एआई-संचालित सिस्टम किसी व्यक्ति के उपचार के लिए योजनाओं को तैयार करने और सही परिणाम प्राप्त करने के लिए जेनेटिक, बायो मार्कर, अन्य बीमारी और उप चार प्रतिक्रियाओं सहित रोगी के विशेष डेटा का पता कर ते हैं बीमारी का सटीक पता करके अनुकूल उपचार के साथ एआई-संचालित वैयक्ति कृत दवा अधिक असरदार है और प्रतिकूल प्रभावों को कम करती है। इसके अलावा, ए आई संचालित डायग्नोस्टिक उपकरण मेडिकल इमेज और पैथोलॉजी स्लाइडों का तेजी से और सटीक विश्लेषण करने के लिए मशीन लर्निंग एल्गो रिदम का उपयोग करते हैं, जिससे समय पर उपचार और पूर्वानुमान में सहायता मिलती है।
साथियों बात अगर हम स्वास्थ्य सेवा में एआई के लाभों की करें तो, एआई की पूर्वानुमानित विश्लेषण क्षमता, हेल्थकेयर मार्केटर को रोगी की जरूरतों का अनुमान लगा ने, अधिक जोखिम वाले रोगी की पहचान करने में सक्षम बनाती हैं और वह पूर्व निवारण के लिए देखभाल सुनिश्चित करते हैं हेल्थकेयर मुहैया क रने वाले, एआई प्रौद्योगिकि यों का लाभ उठाकर रोगी को बेहतर परिणाम दे सकते हैं, उनकी लागत कम कर सकते हैं और स्वास्थ्य सेवा को अधिक सक्रिय बना सक ते है। हेल्थकेयर में 24 घंटे, सातों दिन एआई-संचालित चैटबाॅट की उपलब्धता, त्वरि त प्रतिक्रिया और सटीक जा नकारी के माध्यम से ग्राह कों की संतुष्टि को बढ़ाते हैं वे अप्वांटमेंट शेड्यूल को सु व्यवस्थित करते हैं, लक्षण आंकलन करते हैं,मेडिकेशन रिमाइंडर देते हैं,भावनात्मक समर्थन प्रदान करते हैं, और भाषा/सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील होते हैं इसके अ लावा, वे प्रशासनिक प्रबंध न के बोझ को कम करते हैं और डेटा संग्रहध्विश्लेषण की सुविधा प्रदान करते हैं।ये चैटबाॅट हेल्थकेयर की पहुंच बढ़ाते हैं, इसकी लागत कम करते हैं, मापनीयता प्रदान करते हैं और रोगी की सह भागिता बढ़ाते हैं, जिससे आ खिर में सम्पूर्ण स्वास्थ्य देख भाल परिणामों में सुधार होता है।
आश्चर्यजनक रूप से 78 प्रतिशत चिकित्सक अप्वाइंट मेंट बुकिंग को सुव्यवस्थित करने में मेडिकल वर्चुअल सहायकों की विशाल क्षमता को मानते हैं। उत्पाद संबंधी पूछताछ का जवाब देने से ले कर अपाॅइंटमेंट देने और बुनि यादी समस्या निवारण मार्ग दर्शन प्रदान करने तक, ये चैटबाॅट एक समृद्ध व्यक्तिगत ग्राहक अनुभव प्रदान करते हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि अस्पतालों का बुरा हाल – मरीज बेहाल! स्वास्थ्य सेवा व चिकित्सा शिक्षा के परिणामों में सुधार के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का लाभ उ ठाना समय की मांग।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उप योग से दैनि क परीक्षण से लेकर उपचार योजनाओं तक चिकित्सकों को निर्णय लेने में सहयोग की संभावना डिजि टल स्वास्थ्य में कृत्रिम बुद्धि मत्ता के उपयोग से पूर्ण सफ लताओं की अपार संभावनाओं को रेखांकित करना जरूरी है।
डिजिटल स्वास्थ्य में कृत्रिम बुद्विमत्ता के उपयोग से पूर्ण सफलताओं की अपार संभावनाओं को रेखांकित करना जरूरी
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