मतदाताओं ने अब 2024 लोकसभा चुनाव में ठान लिया है कि, उस पार्टी व प्रत्याशी को वोट देंगे जो मुद्दों और तथ्यात्मक आधार पर बात करेगा

RAJNITIK BULLET
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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी – गोंदिया। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में लोक सभा चुनाव 2024 रूपी लोक तंत्र के महापर्व की अधिसूचना राष्ट्रपति के द्वारा बहुत जल्द जारी होने की संभावना है इसके मद्देनजर भारतीय चुनाव आयोग ने दिनांक 01 मार्च 2024 को देर शाम राजनी तिक दलों प्रत्याशियों सरकारों व अन्य संबंधित हित धारकों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है, तो वहीं सत्ताधारी पार्टी ने निर्वाचन आयोग से आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान सभी मतदान केंद्रों पर मत दान प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराने और शहरी इलाकों में विभिन्न आवासीय सोसायटी के परिसरों में भी मतदान केंद्र स्थापित किए जाने की मांग की। एक ज्ञापन में पार्टी ने निर्वाचन आयोग से राजनी तिक दलों की मीडिया सामग्री की अनुमोदन प्रक्रिया में सुधार पर विचार करने का भी आग्रह किया ताकि उन्हें अपने अभियान की योजना बनाने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
पार्टी ने आयोग से यह सुनिश्चित करने का भी अनु रोध किया कि चुनाव के दौरान पार्टीकार्यकर्ताओं द्वारा अपने घरों पर झंडे लगाने और वाॅल पेंटिंग बनाने से संबंधित नियम में कोई अस्पष्टता नहीं हो नी चाहिए। चूंकि लोकसभा चुनाव 2024 की अधिसूचना राष्ट्रपति द्वाराशीघ्र रही जारी करने की उम्मीद है उसी के आधार पर चुनाव आयोग द्वारा भी तारीखों की शीघ्र घोषणा की जाएगी, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, लोक सभा चुनाव 2024 की एडवाइ जरी में सोशल मीडिया गति विधियों से बदनाम करने, अप मान करने को भी शामिल किया गया है तथा मतदाता ओं ने अब 2024 लोकसभा चुनाव में ठान लिया है कि उस पार्टी व प्रत्याशी को वोट देंगे जो मुद्दों और तथ्यात्मक आधार पर बात करेगा।
साथियों बात अगर हम दिनांक 1 मार्च 2024 को देर शाम चुनाव आयोग द्वारा जारी एडवाइजरी की करें तो लोक सभा चुनाव 2024 की घोषणा से पहले चुनाव आयोग की राजनीतिक दलों को एडवाइ जरी जारी किया है,आयोग ने कहा कि प्रचार के दौरान जाति, धर्म और भाषा के आ धार पर वोट न मांगें और भक्त-देवता के रिश्ते का अपमान न करें। इसके अलावा भड़काऊ और नफरत फैला ने वाले भाषण के साथ साथ गलत और बिना तथ्यों के बयान ना देने का सख्त निर्देश दिया है। आयोग ने मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे या कोई अन्य पूजा स्थल को लेकर किसी तरह के बयान देने से बचने को कहा अन्यथा कार्र वाई हो सकती है। चुनाव आयोग के पैनल ने कहा कि जिन स्टार प्रचारकों और उम्मीद वारों को पहले भी आदर्श आचार संहिता उल्लंधन करने का नोटिस मिल चुका है, दो बारा करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है। आयोग का यह सलाह इस महीने के अंत में लोकसभा और चार राज्यों के विधान सभा चुनावों की घोषणा के साथ आदर्श संहिता लागू हो ने से कुछ दिन पहले आई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने हाल ही में इस बात पर जोर दिया था कि राजनीतिक दलों को नैतिक और सम्मानजनक राज नीतिक प्रचलन को बढ़ावा देना चाहिए, जो लोगों को बांटने या व्यक्तिगत हमलों के बजाय विचारों को बढ़ावा दें।
आयोग की सलाह नैतिक राजनीतिक को प्रेरित करता है। साथ ही 2024 के आम चुनावों में अव्यवस्था को दूर करने का प्रयास है। आयोग ने माॅडल कोड आॅफ कंडक्ट का उल्लंघन न हो इसके लिए व्यवस्थित दृष्टिकोण के जरिए सभ्य अभियान के लिए जमीन तैयार की है। चुनाव आयोग ने पार्टियों को सार्व जनिक प्रचार में शिष्टाचार बनाए रखने और स्टार प्रचा रकों और उम्मीदवारों, खास कर उन लोगों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी डालने की चेतावनी दी, जिन्हें अतीत में नोटिस जारी किए गए थे। चुनाव आयोग ने पार्टियों को अभियान में मुद्दा-आधारित बहस कर ने के लिए कहा, साथ ही पा र्टियों और उनके नेताओं को तथ्यात्मक आधार के बिना बयान नहीं देने की सलाह दी है।
मतदाताओं को गुमराह नहीं करने की भी सलाह दी है। इस एडवाइजरी में सोशल मीडिया गतिविधियों को भी शामिल किया गया है, जिसमें प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने वाले या उनका अपमान करने वाले पोस्ट को शेयर न करने की सलाह दी है। साथियों बात अगर हम भारत में हर 5 वर्षों में लोक सभा चुनाव होने की करें तो, भारत में सामान्य तौर पर हर पांच साल बाद लोक सभा चुनाव होते हैं और अभी तक कुल 17 चुनाव हो चुके हैं।
अगली यानें 18वीं लोक सभा के लिए वर्ष 2024 के अप्रैल-मई में चुनाव प्रस्तावि त है। भारतीय संसद के दो सदन हैं- राज्य सभा और लोक सभा। राज्य सभा के सदस्यों का चुनाव विधायक और सांसद करते हैं, इसलिए इसे ऊपरी सदन भी कहते हैं जबकि लोक सभा के सदस्यों का चुनाव मतदान के द्वारा सीधे जनता करती है। इस लिए लोक सभा के चुनाव को आम चुनाव भी कहा जा ता है। लोक सभा चुनाव 20 24 में भी 543 सीटों के लिए मतदान होगा, जिसमें भाजपा और कांग्रेस प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पार्टियां होंगी। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में जीत से उत्साहित सत्ताधारी लोकसभा इलेक्शन 2024 में भी विजय का दावा कर रही है, वहीं विपक्षी पार्टियां कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन के बैनर तले साझा उम्मीदवार देकर सत्ताधारी पार्टी को चुनौती पेश करने की कोशिश कर रही है। पिछली लोक सभा के लिए चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई 2019 के बीच संपन्न हुए थे और 18 वीं लोक सभा के लिए भी वर्ष 2024 में इन्हीं तारीखों के आसपास चुनाव कराने की घोषणा निर्वाचन आयोग कर सकता है।
साथियों बात अगर हम लोकसभा चुनाव की अधि सूचना और मतदान तिथियों की घोषणा की करें तो, लोक सभा चुनाव की अधिसूचना राष्ट्रपति द्वारा जारी की जा ती है।
इसके बाद आयोग द्वारा मतदान तिथियों की घोषणा की जाती है। यहीं से चुनाव प्रक्रिया आरम्भ होती है। वहीं, विधानसभा के चुनाव के लिए राज्यपाल अधिसूचना जारी करता है। एक या अधिक अधिसूचनाओं द्वारा राज्य के आधिकारिक राजपत्र में ऐसी तिथि या तारीखों पर प्रकाशि त करता है, जैसा कि चुनाव आयोग द्वारा अनुशंसित किया जा सकता है। राज्य के सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों से इस अधिनियम और उसके तहत बनाए गए नियमों और आदेशों के प्रावधानों के अनु सार सदस्यों का चुनाव करने का आह्वान करता है। अधिसूचना जारी होने का क्या होता है मतलब? चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद राज्य में मौजूदा सरकार भंग हो जाती है। इसके बाद सर कार कोई भी योजना या नया काम शुरू नहीं कर सकती। इतना ही नहीं सत्ताधारी पार्टी सरकारी खजाने के इस्तेमाल भी नहीं कर सकती है। प्रदेश में राज्यपाल का शासन लागू हो जाता है। चुनाव होने के बाद अगली सरकार का गठन होने तक राज्यपाल का ही शासन रहता है।
साथियों बात अगर हम चुनाव आदर्श आचार संहिता की करें तो, यह राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों के लिये बनायी गयी एक नियमावली है जिसका पालन चुनाव के समय आवश्यक है। चुनाव आयोग चुनाव से पहले इसके लागू होने की घोषणा करता है और चुनाव के बाद इसके समाप्त होने की। यह सरकार, राजनीतिक दलों, उम्मीदवा रों तथा जनता को दिये गये निर्देश हैं, जिसका पालन चुनाव के दौरान किया जाना जरूरी है। चुनाव आचार संहिता चुनाव की तिथि की घोषणा से लागू होता है और यह मतदान के परिणाम आ ने पर समाप्त हो जाता है। चुनाव आचार संहिता संवि धान में वर्णित नहीं किया गया है, अपितु यह एक क्रमशः प्रक्रिया का परिणाम है। इस का प्रवर्तन एक चुनाव आयुक्त एन.शेषण द्वारा किया गया है। चुनाव आचार संहिता के अंतर्गत अनेक बातें शामिल है- (1) सरकार के द्वारा लोक लुभावन घोषणाएँ नहीं करना (2) चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग न कर ना (3) राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के द्वारा जाति, धर्म व क्षेत्र से संबंधित मुद्दे न उठाना। (4) चुनाव के दौरान धन-बल और बाहु-बल का प्रयोग नकरना। (5) आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी व्यक्ति को धन का लोभ न देना। (6) आचार संहिता लागू हो जाने के बादकिसी भी योजनाओ को लागू नहीं कर सकते।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि लोकसभा चुनाव 2024-चुनाव आयोग की राजनीतिक दलों प्रत्याशियों को एडवाइजरी जारी।
लोक सभा चुनाव 2024 एडवाइजरी में सोशल मीडि या गतिविधि यों से बदनाम करने, अपमान करने को भी शामिल किया गया। मतदाताओं ने अब 20 24 लोकसभा चुनाव में ठान लिया है कि, उस पार्टी व प्रत्याशी को वोट देंगे जो मुद्दों और तथ्या त्मक आधार पर बात करेगा।

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