ग्रीन हाइड्रोजन पाॅलिसी को योगी सरकार की मंजूरी

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(राममिलन शर्मा) लखनऊ। योगी सरकार ने प्रदेश में इनवायरमेंट फ्रेंडली एनर्जी के प्रोडक्शन की दिशा में एक और बड़ा कदम उठा या है। इसके तहत सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में ग्री न हाइड्रोजन पाॅलिसी से संबं धित प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। पाॅलिसी के तहत 2028 तक प्रतिवर्ष एक मिलि यन मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है। पाॅलिसी की वैद्यता 5 वर्ष तक होगी। इसके अंत र्गत योगी सरकार उद्योग ल गाने वालों को विभिन्न तरह के लाभ और प्रोत्साहन प्रदान करेगी। नीति के 5 वर्षों में 1,20,000 रोजगार सृजन की संभावना है। ग्रीन हाइड्रोजन नीति के संचालन में यूपीनेडा नोडल एजेंसी होगी।
5 हजार करोड़ रुपए से दी जाएगी सब्सिडी व अन्य राहत –
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन के रूप में बड़े कारखाने जैसे फर्टिलाइजर प्लांट, पेट्रोकेमिकल प्लांट और स्टील प्लांट में होता है। अभी तक हाइड्रोजन पैदा करने की जो तकनीक थी वो बिज ली या गैस के सहारे होती थी, जिसे ग्रे हाइड्रोजन कहा जाता है। ग्रे हाइड्रोजन को ग्रीन हाइड्रोजन में परिवर्तित करने की दिशा में बहुत बड़ा काम शुरू हुआ है। पाॅलिसी में आने वाले 4 साल यानी 2028 तक प्रतिवर्ष एक मिलि यन मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रो जन पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि नीति की समयावधि 5 वर्ष रखी गई है। समयावधि में जो उद्योग यहां आएंगे उन्हें 5 हजार 45 करोड़ रुपए सब्सि डी व अन्य राहतों के रूप में प्रदान किए जाएंगे। ऐसे उद्योगों को 10 से 30 प्रतिशत तक कैपिटल एक्सपेंडीचर पर सब्सिडी देंगे। पहले 5 उद्योगों को 40 प्रतिशत तक छूट प्रदा न करेंगे। इसके तहत एनर्जी बैंकिंग का भी प्रावधान कर रहे हैं। इंट्रास्टेट बिजली भेज ने पर जो चार्जेस लगते हैं उस पर 100 प्रतिशत तक छूट देंगे। अन्य राज्यों में भेजने या मंगाने पर भी 100 प्रतिशत तक बिलिंग और ट्रांसमिशन चार्जेस में छूट मिलेगी। साथ ही इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में भी 100 प्रतिशत छूट का प्राविधान किया गया है।
30 वर्ष के लिए लीज पर मिलेगी भूमि –
ग्रीन हाइड्रोजन परियोज नाओं की स्थापना के लिए 30 वर्ष अवधि हेतु ग्राम समाज, सरकारी भूमि पर लीज पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्रों के लिए लीज का मूल्य एक रुपए प्र ति एकड़ प्रतिवर्ष होगा तथा निजी निवेशकों के लिए यह 15,000 रुपए प्रति एकड़ प्रति वर्ष होगा। यह भूमि अस्था नांतरणीय होगी और यदि आ वंटन होने के 3 वर्ष की समय अवधि में भूमि ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं हेतु उपयोग में नहीं लाई जाती है तो भूमि अनिवार्य रूप से वापस ले ली जाएगी। ईज आॅफ डूईंग बिजनेस के तहत यूपीनेडा द्वारा सिंगल विंडो पोर्टल को निवेश मित्र से इंटरलिंक कि या जाएगा। ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट को पर्यावरण अना पत्ति हेतु व्हाइट कैटेगरी स्टे टस प्रदान किया जाएगा। प्रदेश सरकार भूमि बैंक एवं जल की उपलब्धता हेतु आंक ड़े तैयार करेगी एवं संभावित निवेशकों को आवश्यकता अनुसार भूमि, जल एवं विद्युत पारेषण त्रंत उपलब्ध करवा ने में सहयोग प्रदान करेगी।
स्टार्टअप को मिलेगा प्रोत्साहन – ग्रीन हाइड्रोजन एवं इसके उत्पादों की उत्पा दन लागत घटाने एवं नवीन तम तकनीकी विकास हेतु 2 सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी, जिसमें शासकीय शैक्षणिक संस्थानों को 100 प्रतिशत एक मुश्त वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में अधिकतम 50 करोड़ रुपए तक दिया जाएगा।
ग्रीन हाइड्रोजन में स्टार्ट अप को प्रोत्साहित करने के लिए अधिकतम वित्तीय प्रोत्साहन 25 लाख रुपए प्रति वर्ष प्रति स्टार्टअप 05 वर्षों तक दिया जाएगा। इसके अति रिक्त इंक्यूबेटर को भी प्रोत्सा हित किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा समय समय पर उपलब्ध कराए गए प्रोत्साह न इस नीति के प्राविधानिक प्रोत्साहन के अतिरिक्त माने जाएंगे एवं अनुमन्य होंगे।

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