चीन में बच्चों, किशोरों में फैली श्वांस की रहस्यमय बीमारी पर डब्लूएचओ सहित पूरी दुनियां अलर्ट को रेखांकित करना जरूरी

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी – गोंदिया। वैश्विक स्तरपर पूरी दुनियां अभी कोविड- 19 महामारी से उबर भी न हीं पाई है कि फिर एक बार मेडिकल इमरजेंसी की आहट सुनाई दे रही है, क्योंकि उत्तरी चीन के बच्चों में तथाकथित निमोनिया जैसी रहस्यमय बीमारी तेजी से फैल रही है, स्थिति यहां तक है कि एक दिन में सात हजार से अधिक केस आने से स्थिति विस्फो टक होते जा रही है और अब डब्लूएचओ ने भी कमेंट कर बेहतर प्रतिक्रिया तंत्र की तलाश करने का दबाव बनाया जा रहा है तो अब पूरी दुनि यां अलर्ट हो गई है, क्योंकि कोविड महामारी के भयंकर नतीजे में लाखों नागरिकों की जान जा चुकी है इसलिए अब भारत भी अलर्ट मोड में आ गया है। दिनांक 26 नवंबर 2023 को दो पृष्ठों के प्रेस रिलीज, पीआईबी में जानकारी दी गई है। राज्य केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इस संबंध में पत्र जारी कर खास निर्देश दिए हैं। चूंकि कोविड के नतीजे पूरी दुनियां भुगत चुकी है इसलिए इस रहस्यमय बीमारी पर अलर्ट रहना जरूरी है, इस लिए आज हम मीडिया प्रेस और पीआईबी में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, चीन में बच्चों में फैली श्वास की रहस्यमय बीमारी पर डब्लूएचओ सहित पूरी दुनियां अलर्ट हुई है इसको रेखांकित करना जरूरी है।
साथियों बात अगर हम कोविड-19 के बाद नई इस रहस्यमय बीमारी की दस्तक की करें तो, चीन में कोरोना महामारी के बाद एक नई बी मारी ने दस्तक दे दी है। इस बीमारी का बच्चों पर ज्यादा असर पड़ रहा है। इस बीमारी की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां की सरकार ने कई स्कूलों को बंद करने का आ देश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी इसे लेकर अलर्ट हो गया है। किसी द्वारा फै लाई गई कोरोना महामारी से दुनिया अभी पूरी तरह से उबरी भी नहीं है कि अब एक और बड़ी मेडिकल इमरजेंसी की आहट सुनाई देने लगी है। इस बार फिर वही बीमारी का जनक बनता नजर आ रहा है। उत्तरी चीन के बच्चों में निमोनिया की बीमारी तेजी से फैल रही है। आलम यह है कि स्थिति विस्फोटक हो गई है। चीन में डाॅक्टर कोरोना की तर्ज पर एक और बीमारी के खतरे से सहमे लोगों को भ्रम नहीं फैलाने की सलाह दे रहे हैं।
साथियों बात अगर हम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी खास निर्देशों की करें तो, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव द्वारा राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को लिखे गए एक पत्र में, उन्हें जन स्वास्थ्य और अस्पताल की तैयारियों की तुरंत समीक्षा करने की सलाह दी गई है। मानव संसाधन, अस्पताल में फ्लू के लिए दवाएं और टीके, मेडिकल आॅक्सी जन, एंटीबायोटिक औषधियों, व्यक्तिगत सुरक्षा के उपकर णों, टेस्टिंग किट एवं रिएजेंट, आॅक्सीजन प्लांट और वेंटिले टर की पर्याप्त उपलब्धता, स्वास्थ्य सेवाओं में संक्रमण की रोकथाम के पर्याप्त उपाय इनमें शामिल हैं। केंद्रीय स्वा स्थ्य मंत्रालय ने हाल के सप्ता हों में उत्तरी चीन में बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि का संकेत देने वाली हालिया रिपोर्टों के मद्देनजर पर्याप्त सावधानी बरतने के लिए, श्वसन संबंधी बीमारियों से निपटने के लिए तैयारियों के क्रम में किए जा रहे उपायों की विस्तृत समीक्षा करने का निर्णय लिया है। मौजूदा इन्फ्लूएंजा और सर्दी के मौसम को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है, जिसके परिणामस्वरूप श्वसन संबंधी बीमारी में वृद्धि हुई है। भारत सरकार इस पर बारीकी से नजर रख रही है। भारत सरकार ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। सभी राज्यों और केंद्र- शासितप्रदेशों को कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति, के लिए परिचालन दिशानिर्देश लागू करने की सलाह दी गई है, जिसे इस वर्ष की शुरुआत में जारी किया गया था और जो इन्फ्लू एंजा जैसी बीमारी (आईएल आई) और गंभीर तीव्र श्वसन रोग (एसएआरआई) के माम लों के रूप में पेश होने वाले श्वसन रोगजनकों की एकी कृत निगरानी प्रदान करता है।
उन्हें यह सुनिश्चित कर ने के लिए भी कहा गया है कि एकीकृत रोग निगरानी परियोजना (आईडीएसपी) की जिला और राज्य निगरानी इकाइयों द्वारा विशेष रूप से बच्चों और किशोरों में आईएल आईध्एसएआरआई के लक्षणों की बारीकी से निगरानी की जानी चाहिए। विशेष रूप से मेडिकल काॅलेज अस्पतालों सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों से मिलने वाले आई एलआईध्एसएआरआई का डेटा आईडीएसपी आईएच आईपी पोर्टल पर अपलोड करना आवश्यक है। राज्यों ने श्वसन परीक्षण के लिए राज्यों में स्थित वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी ज (वीआरडीएल) को एसएआ रआई वाले रोगियों, विशेष रूप से बच्चों और किशोरों के नाक और गले के स्वाब के नमूने भेजने के लिए कहा है। इन एहतियाती और व्या पक उपायों के परिणामस्वरूप किसी भी संभावित स्थिति का मुकाबला करने और नाग रिकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित होने की उम्मीद है।
हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा साझा की गई जानकारी से चीन के उत्तरी भागों में श्वसन संबंधी बीमारी में वृद्धि का संकेत मिला है। मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा माइ कोप्लाज्मा निमोनिया, सार्स- कोव-2 आदि के सामान्य कारणों को इसके लिए जिम्मे दार बताया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, सर्दी के मौसम की शुरुआत के साथ-साथ माइकोप्लाज्मा निमोनिया जैसी श्वसन संबं धी बीमारियों के प्रसार के साथ-साथ कोविड-19 प्रति बंधों को हटाया जाना भी इसमें वृद्धि का कारण बना। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीनी अधिकारियों से अति रिक्त जानकारी मांगी है, यह आकलन किया गया है कि फिलहाल घबराने का कोई कारण नहीं है।
साथियों बात अगर हम चीन में तेजी से बढ़ते प्रकोप की करें तो, इस बीमारी के बढ़ते प्रकोप के चलते चीन के उत्तरी हिस्से में स्कूलों को बंद करना पड़ा है। चीन के स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि रोगाणुओं का संयोजन तीव्र श्वसन संक्रमण में वृद्धि का कारण बन रहा हैं राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के प्रवक्ता मी फेंग का कहना है कि इन्फ्लु एंजा, मामलों में बढ़ोतरी के मुख्य कारणों में से एक है. उनका कहना है कि राइनो वायरस, माइकोप्लाज्मा निमो निया और रेस्पिरेटरी सिंकाइ टियल वायरस भी फैल रहे हैं।
इस बीच देखा जाए तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीतें शुक्रवार (24 नवंबर) को एक बयान में कहा था कि चीन के बच्चों में एच9एन2 के प्रकोप और उनके श्वसन संबंधी कई बीमारी से घिरने की घटना पर सरकार गहन नजर रखे हुए है। अपने दक्षिणी और उत्तरी प्रांतों के लोगों खासकर बच्चों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के बढ़ते मामलों पर वैश्विक चिंताओं के बीच, चीन ने दावा किया है कि मौसमी बीमारी के अ लावा इसका कारण कोई अ सामान्य या नया रोगाणु नहीं पाया गया है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि चीन में फैली रह स्यमय बीमारी से भारत पूरी तरह अलर्ट मोड में आया। चीन की रहस्यमय बीमारी – केंद्र ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर खास निर्देश दिए। चीन में बच्चों, किशोरों में फैली श्वांस की रहस्यमय बीमारी पर डब्लूएचओ सहित पूरी दुनिया अलर्ट को रेखांकित करना जरूरी है।

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