आओ सभी मिलकर अपने परिवार, समाज, देश के लिए सुख समृद्धि धन-धान्य भरपूर करने की स्तुति करें

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लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी अपनी कृपा दृष्टि बरसाने निकली है, जिसपर नजर पड़ी उसकी किस्मत निहाल धन धान्य से मालामाल, ऐसी मान्यता है
एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
वैश्विक स्तरपर दुनियां में भारत एक अकेला ऐसा देश है जो सदियों से अपनी रीति रिवाजो मान्यताओं अपने पूर्वजों की संस्कृतियों से चलने वाला देश है। हालांकि दुनियां में भारत ही एक अकेला ऐसा देश है, जहां हजारों, लाखों जाति समाज धर्म समुदाय सेसारोबार हैं, जहां एकता में अनेकता का भाव है। यही कारण है कि हर द्दर्म समाज जाति समुदाय के मानुषी जीव अपने अपने द्दर्म समुदायों के त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाते हैं, परंतु इतिहास में सदियों से चल रहा एक पर्व दीपावलीको मनाने का अगर हम अध्ययन करेंगे तो सभी धर्मो जातियों समुदायों के लोग इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं, हाला ंकि कुछ अपवाद से इनकार नहीं किया जा सकता फिर भी बड़ी मात्रा में यह पर्व सभी मिलकर मनाते हैं, जो इसवर्ष 12 नवंबर 2023 को रात 12 बजे से और प्रातः काल 7.20 से 9.37 तक अनेक लोगों ने धूमधाम से मनाया। हालांकि इस पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत 10 नवंबर 2023 द्दन तेरस के दिन से ही हो गई थी परंतु मुख्य रूप से मां लक्ष्मी की पूजा वंदन स्तुति 12 नवंबर 2023 को ही भिन्न भिन्न महूरतों में धूमधाम से भावपूर्ण आस्था से मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि जो मां लक्ष्मी के सामने दिल से भावपूर्ण भाव से अपनी मनोकामना रखेगा, मां लक्ष्मी उन शुद्ध निस्वार्थ ईमानदार भावों पर अपनी कृपा दृष्टि जरूर बरसाती है और उनकी दरिद्रता गरीबी हर लेती है, व धन- द्दान्य की बारिश करती है इसलिए आओ सभी मिलकर अपने परिवार समाज देश के लिए सुख समृद्धि धन-धान्य भरपूर करने की स्तुति करें चूंकि लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी अपनी कृपा दृष्टि बरसाने निकलती है व जिसपर नजर पड़ी उसकी किस्मत निहाल, धन धान्य से मालामाल ऐसी मान्यता है।
साथियों बात अगर हम 12 नवंबर 2023 को प्रातः काल 7.20 से 9.37 तक वाले शुभ मुहूर्त में अनेकों परिवारों ने द्दूमधाम से मां लक्ष्मी का पूजन कर जोरदार ढंग से दीपावली मनानें की करें तो, दिवाली (12 नवंबर) धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का इसी दिन समुद्र मंथन से प्राकट्य हुआ था। यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। रात 12 बजे से प्रातःकाल तक का समय महानिशा काल कहलाता है। इस दिन लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु गण पति, सरस्वती, हनुमान जी का पूजन करना चाहिए। दिवाली की पूजा हमेशा स्थिर लग्न में करनी चाहिए। चार स्थिर लग्न के अलावा भी दो अन्य लग्न ऐसे हैं जिनमें पूजा की जा सकती है। शुभू मुहूर्त- प्रातः काल 7ः20 से 9ः37 तक वृश्चिक लग्न।दोपहर 1ः24 से 2ः55 तक कुंभ लग्न। शाम को 6 बजे से 7ः57 तक वृषभ लग्न। इस समय सभी लोगों को घरों में पूजा करनी चाहिए। शाम 7ः57 बजे से रात 10ः10 तक भी घरों में पूजा कर सकते हैं। अंतिम शुभ मुहूर्त अर्धरात्रि में 12ः28 से लेकर 2ः45 तक सिंह लग्न में है। जिन लोगों की पूजा किसी कारण से रह जाए वो अंतिम मुहूर्त में भी पूजन कर सकते हैं। दीपावली पर्व पर सभी लोगों ने अपने घरों में मां लक्ष्मी का पूजन करने के साथ ही तेल के दीपक जला कर उजाला किया।
कई प्रधान अध्यापको ने पहले अपने सहयोगी शिक्षक के साथ अपने स्कूल पहुंचकर छात्र छात्राओं के साथ दीपा वली मनाई। उसके बाद घर पहुंचकर अपने परिवार के साथ घर में दीपावली पर्व मनाया। दीपावली पर्व पर सभी लोगों ने अपने घरों में मां लक्ष्मी का पूजन करने के साथ ही तेल के दीपक जलाकर उजाला किया। साथियों बात अगर हम पूजन सामग्री के लिए दुकानों पर भीड़भाड़ की करें तो, दीपावली की पूजन सामग्री के लिए दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी रही। लोग दीये, लक्ष्मी गणेश प्रतिमाएं, नारियल अगरबत्ती धूप और मिठाई की खरीददारी करते नजर आए। इसके साथ पूजन सामग्री में लाई, बताशे की भी खरीददारी की। दीपावली पर्व पर गणेश व गौरी पूजन के बाद माता लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। प्रतिष्ठानों में भी लक्ष्मी पूजन के बाद दीपावली मिलन समा रोह का सिलसिला शुरू होगा। यह दशकों सौ साल से अधिक पुरानी परंपरा है। आज भी जन प्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक देर रात यहां व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर पहुंचते हैं। मध्य रात्रि के बाद तक चलने वाला यह सिलसिला नए शहर में गलियों तक दिखता है। दीपावली के दिन रविवार सुबह से हीबाजार प्रांगण के पास बिकने आए कमल के फूल दस-दस रुपये में बिके। वहीं सीमित मात्रा में आए कमल फूल हर किसी को नहीं मिल सके । नगर में बिकने आई गेंदा फूल माला भी प्रति बीससे पचास के भाव से बिकी। वह भी सभी को नहीं मिल सकी। पूजन के लिए गेंदा फूल मंगाए गए थे। दीपावली के चलते महिलाओं युवतियों और कला से प्रतिभा संपन्ना युवाओं में रंगोली उकेरने की उमंग देखते बन रही थी । अनेक घरों के आंगन और प्रतिष्ठान परिसर पर उकेरी गयी रंगो लियां परंपरा के साथ प्रतिभा का भी परिचय दे रही थी। किसी ने ओम स्वास्तिक जैसे मंगल प्रतीकों में रंग भरा तो किसी ने सिद्धिविनायक गणेश सच्चिदानन्द सदगुरु साईंनाथ महाराज सहित भगवती चित्रों को रंगोली में उकेर कर वैभव लक्ष्मी को अपने घर आने का आमंत्रण दिया।
साथियों बात अगर हम दीपावली के पावन पर्व पर भारत में आम से लेकर खास व्यक्तियों में उत्साहित भावपूर्ण माहौल की करें तो धनतेरस के दिन से ही जोरदार खरीदी शुरू कर दी थी। दीपों का त्योहार दीपावली नगर व आस पास के गांवों में बड़ी धूम द्दाम से मनाया गया। दीपा वली पर्व के उपलक्ष्य में बाजारों में चहल-पहल व भारी भीड़ रही, वहीं लोगों ने मिठाइयां व चाइनिज लड़ियों की जम कर खरीदारी की। बाजार दुल्हन की तरह सजे हुए थे। लोगों ने पटाखे, मिठाइयां, लड़ियां, मोमबतियां जमकर खरीदी। आधुनिकता की चकाचैंध के चलते मिट्टी के बर्तन बनाने वाले प्रजापति समाज के लोगों के दिये की बिक्री इस बार ओर भी जोर दार रही। जिसे लेकर प्रजा पति समाज के लोगों में खुशी ही रही। सांय के समय लोगों ने दीपावली पूजन के दौरान लक्ष्मी, गणेश की पूजा कर घर में सुख शांति की कामना की। आसपास के गांवों में दीपावली पर्व धूमधाम से मनाया गया। बाजारों में सुबह से लेकर देर शाम तक लोगों की भारी भीड़ उमड़ी हुई रही और हर दुकान पर खरीदारी करने वाले लोगों का हजूम उमड़ रहा था। लोगों ने जम कर खरीदारी की। बच्चों व युवाओं ने जमकर आतिश बाजी की और आसमान रंगबिरंगी आतिशबाजी से चमक रहा था। दीपावली के चलते लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी और मिठाइयां बांटी। लोगों ने अपने घरों में रंगबिरंगी लाइटें व दीप जलाए हुए थे और शाम को भगवान श्रीगणेश व माता लक्ष्मी जी की विद्दि वत रूप से पूजा की।
साथियों बात अगर हम द्द नतेरस से दीपावली तक के माहौल में कानून व्यवस्था यातायात विशेष की व्यवस्था की करें तो करीब पूरे भारत में जाम से जूझते रहे लोग, शहर में बेतरतीब वाहनों के खड़े किए जाने और पार्किंग का समुचित प्रबंध न होने के कारण रविवार को शहर के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। दीपावली की खरीदारी से लौट रहे या घर से बाजार जा रहे लोगों को शहर के मेन बाजारो में जाम से जूझना पड़ा। जाम खुलवाने के लिए पुलिस भी तैनात थी, लेकिन वाहनों की संख्या इतनी अधिक थी कि जवानों को भी जाम खुलवाने में मशक्कत करनी पड़ी। सुरक्षा के हुए थे कड़े प्रबंध, दीपावली को लेकर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे।
शहर में पुलिस के साथ जवान भी तैनात थी। सभी चैक-चैराहों पर जवान तैनात किए थे। राष्ट्रीय राज मार्ग पर भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध थे। साथियों बात अगर हम प्रदूषण और अव्यवस्था को रोकने पटाखों पर जारी गाइडलाइंस की करें तो, देशभर में इस त्योहार को काफी धूमधाम के साथ मनाया गया है। रौशनी की इस पर्व पर लोग जश्न के लिए पटाखों को जलाते हैं और आसमान में आतिशबाजी करते हैं। गौर करने वाली बात है कि दिल्ली एनसीआर, मुंबई जैसे कई इलाकों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पटाखों को जलाने पर बंदिशें लगाई गई हैं। दिल्ली एन सीआर, गाजियाबाद, नोएडा आदि कई इलाकों में बीते कुछ दिनों से प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा हुआ है। वातावरण में फैली यह जहरीली हवा काफी गंभीर है। इसके कई दुष्परिणाम लोगों के स्वास्थ्य के ऊपर पड़ रहे हैं। ऐसे में दिवाली के मौके पर पटाखों को जलाने से प्रदूषण का स्तर और भी भयावह रूप ले सकता है। इसी कड़ी में दिवाली के दिन दिल्ली में पटाखों के ऊपर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ था। यूपीयूपी में पटाखों पर प्रतिबं ध नहीं है। गौरतलब बात है कि एनसीआर में नियम दिल्ली की तरह ही लागू रहेंगे। बिहार पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में सभी प्रकार के पटाखों के ऊपर प्रतिबंध है। वहीं अन्य शहरों और गावों में ग्रीन पटाखों को रात के 8 बजे से 10 बजे तक जलाया जा सकेगा। महाराष्ट्र बाम्बे हाईकोर्ट ने आधिकारियों और पुलिस से इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि दिवाली के दिन पटाखे रात 7 बजे से लेकर 10 बजे के बीच ही फोड़े जाएं। वहीं नागपुर मेआतिशबाजी की अनुमति रात 8 बजे से लेकर 10 बजे तक है। कर्नाटक में रात 8 बजे से लेकर 10 बजे तक ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति है। पंजाब में केवल ग्रीन पटाखों के फोड़ने की अनुमति दी गई है। लुधियाना प्रशासन ने पटाखे फोड़ने की एडवाइजरी में इस बात का उल्लेख किया है कि रात 8 बजे से 10 बजे तक पटाखे फोड़े जा सकते हैं। पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार ने सीमित समय के लिए ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति दी है। केरल यहां राज्य सरकार ने रात 8 बजे से लेकर 10 बजे तक पटाखे फोड़ने की अनुमति दी है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि प्रातः कालदीपावली 2023 मनाई – मन्नत सुनाई – हे मां लक्ष्मी, दरिद्रता- गरीबी हरो – धन की बारिश करो। आओ सभी मिलकर अपने परिवार, समाज, देश के लिए सुख समृद्धि धन -द्दान्य भरपूर करने की स्तुति करें। लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी अपनी कृपा दृष्टि बरसाने निकली है, जिस पर नजर पड़ी उसकी किस्मत निहाल धन धान्य से मालामाल, ऐसी मान्यता है।

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