ड्रम सीडर तकनीक से पाये काम लगत में अधिक उपज

RAJNITIK BULLET
0 0
Read Time3 Minute, 21 Second

(बीके सिंह) सीतापुर।
कृषि विज्ञान केंद्र कटिया सीतापुर द्वारा ड्रम सीडर से धान की सीधी बुआई तक नीकी का प्रदर्शन कृषक प्रक्षेत्र पर किसानों के उपस्थि ति में कराया गया जिसमें किसानों को ड्रम सीडर मशीन से बुआई करके बताया गया कि धान की बुवाई सही समय पर करना अति आव कश्यक होता है क्योंकि अगर धान की बुवाई उचित समय पर ना किया जाए तो इसका असर फसल की पैदावार पर पड़ता है आजकल मजदूर समय से ना मिलने की वजह से किसान भाई धान की बुवाई या रोपाई में पीछे हो जाते हैं इस समस्या से निजात पाने के लिए किसान भाई ड्रम सीडर मशीन द्वारा आसानी से सीधी बुवाई की जा सकती है यह मशीन काफी सस्ती और आसानी से उपयोग में लाई जा सकती है। इस मशीन में बीज भरने के लिए चार प्लास्टिक के खोखले ड्रम लगे होते हैं जो कि एक बेलन पर बधे रहते हैं बेलन के दोनों किनारों पर पहिए होते हैं इसका व्यास लगभग 60 सेंटीमीटर तक होता है प्लास्टिक के इन ड्रम में 2 पंक्तियों पर लगभग 8 से 9 मिलीमीटर व्यास के छेद बने रहते हैं ड्रम सीडर मशीन को खींचने के लिए एक हत्था भी लगा होता है।
ड्रम सीडर मशीन से बुवाई करते समय कुछ महत्व पूर्ण बातों का ध्यान ध्यान रखना चाहिए –
1. जिस खेत में ड्रम सीडर से धान की सीधी बुवाई कर ने जा रहे हैं उस खेत की मृदा को अच्छी तरह से समतल तैयार कर लें बुवाई करने से पूर्व खेत में एकत्रित अधिक पानी को निकाल देना चाहिए।
2. बीजों को कम से कम 10 से 12 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखे।
3. धान के बीजों को हल्का अंकुरित होने दें इस बात का ध्यान रखें अंकुरण ज्यादा ना हो पाए नहीं तो ड्रम सीडर के छिद्रों से बीज सही मात्रा में नहीं गिरेंगे।
4. अंकुरित बीजों को ड्रम सीडर के ड्रमों में भरने से पहले लगभग 10 से 15 मिनट के लिए छायादार जगह पर सुखा लें ड्रम सीडर से बुवाई के लाभ – 1. इस तकनीकी में धान की सीधी बुवाई की जाती है जिससे की नर्सरी तैयार करने और रोपाई का खर्च बच जाता है। 2. सिंचाई कम करनी पड़ती है प्रति हेक्टेयर 40 मजदूरों की बचत होती है। 3. खरपतवार नियंत्रण में आसानी होता है। 4. धान की फसल 7 से 10 दिन पहले तैयार हो जाती है। 5. प्रति हेक्टेयर 8 से 10000 तक की बचत हो सकती है।

Next Post

श्री रेतेश्वर महादेव धाम सौंदर्यीकरण पर्यटन हेतु किया गया भूमि पूजन

(सन्तोष […]
👉