(सन्तोष उपाध्याय)
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में अपर मुख्य सचिव कृषि विभाग उप्र0 शासन के निर्देशानुसार कृषको को उनकी कृषित भूमि के आद्दार पर उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु उर्वरकों की ससमय व्यवस्था कराने, उर्वरको की बिक्री वितरण के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग रोकने, ओवरेंटिंग तथा कालाबाजारी की सतत निगरानी किये जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार द्वारा कृषि एवं सहकारिता विभाग के अद्दि कारियो, जनपद के समस्त उर्वरक डीलर्स, थोक उर्वरक विक्रेता, बफर स्टाकिस्ट एवं कम्पनी के प्रतिनिधियों के साथ आज डा एपीजे अब्दुल कलाम सभागार, कलेक्ट्रेट, लखनऊ में एक महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई। बैठक मे जिला कृषि अधिकारी लखनऊ के द्वारा उर्वरको को कृषको को उनकी मांग एवं निर्धारित दर पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये साथ ही जिला प्रशासन द्वारा कृषको के उत्थान के लिये चलाये जा रहे कार्यक्रमो के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा करते हुए उर्वरक कम्पनियो को उनके उत्पाद की विशेषताओं एवं उनके द्वारा चलाये रहे प्रचार-प्रसार कार्यक्रमो की सूचना कृषि विभाग को उप लब्ध कराने हेतु अवगत कराया गया तथा क्षेत्र प्रबन्द्दक इफको द्वारा नैनो यूरिया एव नैनो डीएपी के विषय में तकनीकी जानकारी दी गयी। जिलाधिकारी लखनऊ के द्वारा उर्वरक विक्रेताओं को निर्देश दिये गये कि उर्वरक लाईसेन्स के अन्तर्गत निर्धा रित परिसर में ही उर्वरक का क्राय विक्रय एवं भण्डारण किया जाये। थोक उर्वरक विक्रेता प्रदायकर्ता यह सुनि श्चित करेंगे कि किसी भी दशा मे फुटकर विक्रेताओ को अनुदानित उर्वरको के साथ अन्य उत्पाद टैगिंग कदापि ना की जाये। उर्वरको के प्रेषण के उपरान्त फुटकर विक्रेताओ से रियल टाइम एक्नालेजमेन्ट कराना सम्ब न्द्दित थोक उर्वरक विक्रेता का पूर्ण उत्तरदायित्व होगा। समस्त अनुदानित उर्वरको की बिक्री पीओएस मशीन के माध्यम से ही की जाये तथा कृषक से पहचान का विवरण अवश्य प्राप्त करें जोत के आधार पर ही उर्वरक की मात्रा दी जाये एवं उन्हे पीओएस मशीन से निकलने वाली रसीद, अनिवार्य रूप से दी जाये। उर्वरकों की बिक्री कृषको को निर्धारित दरों पर ही करने एवं सभी उर्वरक प्रष्ठिान में स्टाक बोर्ड डिस्पले जिसमे उर्वरको की उपलब्धता एवं मूल्य का प्रदर्शन सार्वजनिक रूप से किये जाने के कड़े निर्देश दिये गये। इसके अतिरिक्त जनपद के समस्त उर्वरक निरीक्षको को दिये गये निर्देशों का परिपालन सुनिश्चत कराने हेतु उर्वरक प्रतिष्ठानो पर आकस्मिक रूप से प्रर्वतन की कार्यवाही करने के भी निर्देश दिये गये। उर्वरक विक्रे ताओं को सचेत करते हुये निर्देशित किया गया कि यदि उर्वरक विक्रय में किसी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अ धिनियम 1955 के अन्तर्गत सम्बन्धित विक्रेता के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी।
जिलाधिकारी द्वारा सभी को निर्देश दिए गए की उर्वरकों के स्टाक को रखने के लिए जो स्थल निर्धारित किए गए है उसी स्थल पर उर्वरकों का स्टाक किया जाए। स्टाकिंग में किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिलाधिकारी द्वारा जिला कृषि अधिकारी को निर्देश दिए गए की अभियान चलाते हुए उर्वरकों की सैंपलिंग व डीलरोध्विक्रेताओं के यहां निरीक्षण करना सुनिश्चित किया जाए और अनियमितता पाए जाने पर कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए की सभी विक्रेता स्टाक रजिस्टरो को प्रतिदिन अपडेट करना सुनि श्चित करे। उर्वरकों की ओवर प्राइसिंग कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उक्त के साथ ही निर्देश दिए की माह के तीसरे बुधवार को जो किसान बंधुओ के लिए कार्यशाल आयोजित की जाती है उसमे नए उत्पादों की प्रदर्शनी लगवाना सुनिश्चित किया जाए। बैठक के उपरांत जिला धिकारी द्वारा 5 उर्वरक विक्रेताओं को नये वर्जन की पीओएस मशीन भी वितरित की गयी।
आपूर्ति करने वाले उर्वरक कम्पनियो के प्रति निद्दि, थोक एवं खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के साथ अजीत कुमार सिंह, जिला विकास अधिकारी, ए0के0 मिश्रा, उप कृषि निदेशक, तेग बहादुर सिंह जिला कृषि अधिकारी, विनय सिंह कृषि रक्षा अधिकारी, संगीता कटियार, भूमि संरक्षण अधिकारी, लोकेश त्रिपाठी, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता, हर्षित त्रिपाठी, अपर जिला कृषि अधिकारी, अरविन्द यादव, क्षेत्र प्रबन्धक इफको, महेन्द्र वर्मा, जिला प्रबन्द्दक पीएस एफ एवं जनपद के समस्त सहायक विकास अधिकारी कृषि बैठक में उपस्थित रहे।
उर्वरकों की बिक्री कृषको को निर्धारित दरों पर किया जाये – जिलाधिकारी
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