Kartavyapath : देश के विकास में भागीदारी दे रहे खेल और खिलाड़ी, सरकार की योजना से हुआ लाभ

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Apr 30 2023
खेल का सशक्त और मजबूत इकोसिस्टम बनाने के लिए वर्ष 2016 में सरकार ने खेलो इंडिया योजना की शुरुआत की थी। खेलो इंडिया का बजट 2021-22 के 657.71 करोड़ रुपये के मुकाबले 2023-24 में 1045 करोड़ रुपये किया गया है।

खेल के मैदान में बहुत सारी चीजें आसानी से सीखी जा सकती है… अगर किसी जीत को पचाना है या हार से सीखने का हुनर अपने अंदर पैदा करना है तो ये खेल के मैदान पर आसानी से सीखा जा सकता है जो सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं बल्कि एक व्यक्ति के जीनव की प्रगति का भी अमूल्य अंग होता है। इसके अलावा खेल के मैदान पर ही मानसिक दृढ़ता, नेतृत्व कौशल और जोखिम लेने का विश्वास आसानी से सिख जाते है। देश भर में युवाओं में ये इच्छा जागृत हो सके इसके लिए 22 अप्रैल, 2016 को “खेलो इंडिया योजना” की शुरुआत की गई थी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों पर बल हो या फिर खेल इंफ्रास्टट्रक्चर का निर्माण, खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता हो या फिर खेल में आधुनिक तकनीक का बढ़ता इस्तेमाल। यही है नए भारत की पहचान जिससे भारतीय खिलाड़ियों का वैश्विक दबदबा और समृद्ध हो रही है खेल संस्कृति बढ़ रही है।
दुनिया के देशों को विकास करने के लिए सिर्फ आर्थिक और सामरिक शक्ति से बड़ा बनना संभव नहीं होता है। देश के बड़ा होने में कई पहलू शामिल होते है, जिसमें खेल भी एक अहम पहलू बन गया है। आज के समय में खेल ऐसा संगठित क्षेत्र बन चुका है जिससे संरचित तरीके से दुनिया में किसी देश की शक्ति और छवि का प्रदर्शन होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए खेल का सशक्त और मजबूत इकोसिस्टम बनाने के लिए वर्ष 2016 में सरकार ने खेलो इंडिया योजना की शुरुआत की थी। खेलो इंडिया का बजट 2021-22 के 657.71 करोड़ रुपये के मुकाबले 2023-24 में 1045 करोड़ रुपये किया गया है। ‘खेलो इंडिया’ और अन्य मंचों से निकले भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक, कॉमनवेल्थ सहित अन्य टूर्नामेंट में बीते समय में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं।
यही कारण है कि आज के समय में भारत विश्व स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं में बेहतर स्थिति में पहुंच चुका है। भारत के खेलों और खिलाड़ियों को दुनिया भर में नई पहचान मिली है। इस समय को भारत के खेलों का स्वर्णिम काल की शुरुआत कहना गलत नहीं होगा। देश में खिलाड़ियों को एक से बढ़कर एक सुविधाएं दी जा रही है। खेल में सुधार लाने के लिए भी उन्हें अधिक अवसर मिल रहे है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014 से पहले अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में 100 से कम खिलाड़ी हिस्सा लेते थे मगर अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों की संख्या में तीन गुणा से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। खेलों की संख्या में भी अब 20-25 से बढ़कर अब 40 तक पहुंच गई है।
इस योजना की शुरुआत होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम संतोष मानकर चुप बैठने वाले नहीं हैं। नए टैलेंट खोजकर उन्हें पोडियम तक पहुंचाने के प्रयासों को हमें और तेज करना है।” यानी पीएम मोदी के इरादे पक्के हैं के खेलों का विकास देश को आगे ले जाने के लिए किया जाएगा। यही कारण है कि राष्ट्रीय कार्यक्रम खेलो इंडिया अभियान से लेकर ओलंपिक पोडियम स्कीम की मदद से समग्र सोच के साथ देश आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में देश भर में भरा हुआ टैलेंट पहचान कर उसे टीम सिलेक्शन तक, पारदर्शिता और सहयोग के साथ लेकर जाना ही सरकार की प्राथमिकता है। सरकार ने इस बात का भी खास ख्याल रखा है कि जिन खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत करने के बाद देश का मान सम्मान बढ़ाया है उन्हें जीवन भर किसी तरह की परेशानी से जूझना ना पड़े। इसके लिए रिटायरमेंट के बाद उन्हें तकलीफ न हो, उनके अनुभव का लाभ नए खिलाड़ियों को मिल सके इसके लिए खेलो इंडिया केंद्रों पर 464 पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों को कोच और मेंटोर के तौर पर नियुक्त किया गया है।
बता दें कि खेलो इंडिया अभियान में चुने गए युवा खिलाड़ियों को हर वर्ष लगभग सवा 6 लाख रुपये तक की मदद दी जाती है। देश की 100 से अधिक एकेडेमी में ट्रेनिंग दी जाती है। खास बात है कि सराकर हर स्तर पर खिलाड़ियों का समर्थन करती है। उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सरकार का पूरा जोर है।

– इस योजना की मददसे बीते पांच वर्षों में 13,135 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को लाभ हुआ है।

– देश के 491 जिलों में 733 खेलो इंडिया केंद्र स्वीकृत जिनमें 12 हजार से अधिक एथलीट प्रशिक्षण ले रहे।

– खेलो इंडिया यूथ गेम्स में 25 हजार और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में 7060 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।

– योजना की शुरुआत से फरवरी, 2023 तक देश भर में कुल 297 खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हुए है।

– 236 से अधिक खेल अकादमियों को सहायता के लिए मान्यता दी गई है।

– 21 खेलों में 2841 खिलाड़ियों को खेलो इंडिया टैलेंट डेवलपमेंट के तहत खेलो इंडिया एथलीट के तौर पर चुना गया है।

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