Karnataka को भाजपा के ध्रुवीकरण नहीं, कांग्रेस के प्रदर्शन की जरूरत : जयराम रमेश

RAJNITIK BULLET
0 0
Read Time4 Minute, 27 Second

Apr 30 2023
रमेश ने कहा, ‘‘भाजपा जितना अधिक ‘कार्पेट बॉम्बिंग’ प्रचार अभियान चलाएगी, उसकी ‘‘निराशा और हताशा’’ उतनी स्पष्ट दिखेगी।’’ कांग्रेस के स्टार प्रचारक रमेश ने कहा कि कर्नाटक के चुनाव ‘भाजपा के खतरे बनाम कांग्रेस प्रशासन की गारंटी’ की लड़ाई हैं।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट मांग रही है, जबकि कांग्रेस प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’ नारे को अपनाकर राज्यों के लोगों के मुद्दे उठा रही है। रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर साक्षात्कार के दौरान कहा कि कर्नाटक को भाजपा शासन के चार साल बाद ‘विटामिन-पी’ की जरूरत है, जहां ‘पी’ का मतलब कांग्रेस के ‘परफॉर्मेंस’ (प्रदर्शन) से है, न कि भाजपा के ‘पोलराइजेशन’ (ध्रुवीकरण) से।
रमेश ने सशस्त्र बलों की का इस्तेमाल करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं की ‘‘कार्पेट बॉम्बिंग’’ (किसी एक विशेष स्थान को नष्ट करने के लिए बड़ी संख्या में बम गिराना) प्रचार रणनीति से कांग्रेस चिंतित नहीं है, क्योंकि उसके पास ‘‘पर्याप्त विमान रोधी बंदूकें’’ हैं। रमेश ने कहा, ‘‘भाजपा जितना अधिक ‘कार्पेट बॉम्बिंग’ प्रचार अभियान चलाएगी, उसकी ‘‘निराशा और हताशा’’ उतनी स्पष्ट दिखेगी।’’ कांग्रेस के स्टार प्रचारक रमेश ने कहा कि कर्नाटक के चुनाव ‘भाजपा के खतरे बनाम कांग्रेस प्रशासन की गारंटी’ की लड़ाई हैं।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस को चुनाव में ‘‘स्पष्ट बहुमत’’ मिलेगा, जिससे ‘ऑपरेशन कमल’ पूरी तरह नाकाम हो जाएगा। ‘ऑपरेशन कमल’ विपक्षी दलों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। वे राज्य सरकारों को गिराने के लिए विपक्ष के विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करने की भाजपा की कथित कोशिशों को ‘ऑपरेशन कमल’ कहते हैं। भाजपा का चुनाव चिह्न कमल है। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी के शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए होड़ मचने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा कि इस बार कांग्रेस में असंतोष सबसे कम है और भाजपा की तुलना में यह कुछ भी नहीं है, जिसने ‘‘अपने पूर्व मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों और कई राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के नेताओं को गंवा दिया है।’’
उन्होंने कहा कि यह चुनाव प्रधानमंत्री चुनने के लिए नहीं, बल्कि राज्य में सरकार बनाने के लिए है। रमेश ने कहा कि कर्नाटक के मतदाता बुद्धिमान हैं और जानते हैं कि किस स्तर पर किसके लिए मतदान करना है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’ के नारे को उनसे अधिक हमने गंभीरता से लिया है।’’ रमेश ने कहा कि भाजपा मोदी के नाम पर वोट मांग रही है, जबकि यह राष्ट्रीय स्तर का चुनाव नहीं, बल्कि विधानसभा चुनाव है। कर्नाटक में 10 मई को चुनाव होगा और नतीजे 13 मई को घोषित किए जाएंगे।

Next Post

Ludhiana में गैस रिसाव से दो बच्चों समेत 11 की मौत, NDRF और फॉरेंसिक टीम मौके पर मौजूद

Apr […]
👉
preload imagepreload image