(मनोज मौर्य) ऊंचाहार रायबरेली। नगर के आईपीएस सेंटर पर जगतगुरू आदि शंकराचार्य का जन्मोत्सव आध्यात्मिक वातावरण में मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार रजनीश पांडे ने कहा लगभग 1200 वर्ष पूर्व केरल में कौशल नामक ग्राम में आदि शंकरा चार्य का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम शिव गुरु भट्ट और माता का नाम सुभद्रा था। इन्होंने 8 वर्ष की अल्प आयु में ही समस्त वेदों का अध्ययन कर लिया था। इन्होंने सनातन परंपरा को विश्व में पुनर्स्थापित करने के और इसके प्रचार-प्रसार के लिए देश के चार कोनों पर चार पीठों की स्थापना की। इन्होंने भागवत गीता, उपनिषदों और वेदांत सूत्रों पर लिखी इनकी टीकाएं प्रसिद्ध है। इन्होंने सांख्य दर्शन का प्रधान कारणवाद और मीमांसा दर्शन के ज्ञान कर्म समुच्चयवाद का खंडन किया। इन्होंने कुरीतियों का पुरजोर विरोध किया। यह लोगों के भेदभाव नहीं मानते थे। इस अवसर पर पंडित जितेन्द्र द्विवेदी ने वैदिक रीति से मंत्रोच्चार के आदि शंकराचार्य का विधिवत पूजन संपन्न कराया। वरिष्ठ पत्र कार राजाराम मौर्य, पवन त्रिपाठी, अनुभव मौर्या, राघ वेंद्र सैनी, शिवकेश, सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
मनाया गया जगतगुरु आदि शंकराचार्य का जन्मोत्सव
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