अब घर बैठे आनलाइन बना सकते हैं कैशलेस कार्ड

RAJNITIK BULLET
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(बीके सिंह) सीतापुर। कैशलेस कार्ड बनवाना अब और आसान हो गया है। प्रदेश सरकार का अब कोई भी अधिकारी, कर्मचारी या पेंशनर यह कार्ड घर बैठे अपने कंप्यूटर से बहुत ही आसानी से बना सकता है। यह कार्ड पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के तहत ऑनलाइन बन रहे हैं।
सीएमओ डॉ. मधु गैरोला ने बताया कि इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों तथा पेंशनर्स के कार्ड बनने में आ रही कठिनाईयां दूर कर ली गई हैं। योजना के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन के माध्यम से लाभार्थियों को आसानी से कार्ड उपलब्ध हो रहे हैं। पोर्टल पर योजना से संबंधित समस्त आवश्यक जानकारी उपलब्ध हैं। स्टेट हेल्थ कार्ड बनाने की पूरी प्रक्रिया को पोर्टल पर वीडियो के रूप में भी प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान योजनान्तर्गत आबद्ध प्राइवेट चिकित्सालयों के अतिरिक्त लखनऊ स्थित एसजी पीजीआई जैसे संस्थानों में भी सुविधा मिल दी जा रही है। किसी भी तरह की मदद के लिए योजना के टोल फ्री नंबर 1800 1800 4444 को डायल कर सकते हैं।
बिल पर सीएमओ की मंजूरी जरूरी नही
कैश लेस योजना के जिला नोडल डाॉ. राजशेखर ने बताया कि सरकारी अस्पताल में इलाज में खर्च होने वाले बिल को उस चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) या प्रभारी ही अंतिम रूप में प्रमाणित कर सकेंगे। जबकि पहले सीएमएस या प्रभारी की ओर से प्रमाणित बिल को सीएमओ के स्तर पर दोबारा प्रमाणित करने का प्रावधान था। इसके बाद ट्रेजरी आफिस से मरीज को इलाज का खर्च मिलता था। जिन लाभार्थियों का कार्ड अब तक नहीं बन पाया है, उन्हें आवश्यकता पड़ने पर जिला अस्पताल, लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई, डा0ॉ आरएमएल इन्स्टीट्यूट जैसे सरकारी चिकित्सा संस्थानों में इलाज कराने पर उनके चिकित्सा बिल की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति होगी। इसके लिए सीएमओ के प्रतिहस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होगी। यह प्रावधान योजना के शासनादेश में निहित है।
ऐसे बनाएं कार्ड-
– सरकारी कर्मचारी एवं पेंशनर्स को योजना के पोर्टल पर स्टेट हेल्थ कार्ड के लिए आवेदन करना होगा।
– आनलाइन आवेदन का सत्यापन कर्मचारियों के आहरण वितरण अधिकारी तथा पेंशनर्स के आवेदन का सत्यापन संबंधित कोषाधिकारी की ओर से किया जाएगा।
– आवेदन सत्यापन के बाद पोर्टल के दिये गये लिंक पर जाकर ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।
– ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण होते ही पोर्टल पर विकल्प उपलब्ध होगा। इसके जरिए सरकारी सेवक और आश्रितों के अलग-अलग कार्ड डाउनलोड कर लें।

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