उप कृषि निदेशक ने किसानों को बचाव के बताए तरीके

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(बीके सिंह) सीतापुर। उप कृषि निदेशक ने बताया कि प्रिय किसान भाइयों भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त मौसम पूर्वानुमान दिनांक-16.03.2023 के माध्यम से जनपद में दिनांक-20.03.2023 तक हल्के से मध्यम बादल छाये रहने, हल्की बारिश, तेज हवाओं के साथ ही गरज चमक के साथ ओलावृष्टि होने की सम्भावना व्यक्त की गयी है। इस बीच हवाओं का बहाव उत्तर पचिम, उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पूर्व रह सकता है, हवाओं की गति 9 से 10 कि0मी0 प्रति घण्टा रहने की सम्भावना है। मौसम की प्रतिकूल परिस्थिति को देखते हुये किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि गेहूं की फसल हेतु पुष्पन/दान भरने की अवस्था में ओलावृष्टि से खड़ी फसल का विकास बाधित होने तथा फूल गिरने से खड़ी फसल का नुकसान होने की सम्भावना, हवा की तेज गति से फसल गिरने की वजह से पैदावार में भारी नुकसान हो सकता है। इस नुकसान की रोकथाम हेतु तेज हवा होने पर सिंचाई न करें तथा किसी भी प्रकार का रासायनिक छिड़काव हवा के शान्त होने पर ही किया जाये। यदि ओलावृष्टि से फसल से 15 से 20 प्रतिशत तक नुकसान होता है तो खुले मौसम में यूरिया की टाप डेªसिंग किये जाने की सलाह दी जाती है। सरसों की फसल हेतु दाना भरने/परिपक्वता की अवस्था में ओलावृष्टि/तेज हवा से खड़ी फसलों की फली टूटने एवं दाना बिखरने से नुकसान की सम्भावना है।
इस नुकसान की रोकथाम हेतु पकी फसल की तुरन्त कटाई करके सुरक्षित स्थान पर रखें, यदि कटी हुयी फसल खेत में है तो उपज को पालीथिनशीट से ढक दें। आलू की फसल हेतु भण्डारण की अवस्था में खुदी हुयी आलू फसल की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। इस नुकसान की रोकथाम हेतु ओलावृष्टि से पूर्व खुदी हुयी आलू का सुरक्षित भण्डारण सुनिश्चित करें। चना/मटर की फसल हेतु फली बनने/दाना भरने की अवस्था में ओलावृष्टि एवं तेज हवाओं के चलने से खड़ी फसल का विकास बाधित होने एवं फूल गिरने से उपज में गिरावट की सम्भावना। बेमौसमी वर्षा से कटी हुयी फसल के बीज अंकुरित हो सकते है। इस नुकसान की रोकथाम हेतु पकी फसल की कटाई करके सुरक्षित स्थान पर रखे, यदि कटी हुयी फसल खेत में है तो उपज को पालीथिन शीट से ढक दें।
वर्षा की दशा में जल निकास का उचित प्रबन्ध करें तथा मक्का, उर्द, मूंग, मूंगफली की फसल हेतु बुवाई अंकुरण की अवस्था में जल जमाव के कारण बीज विस्थापन के परिणामस्वरूप अंकुरण में कमी सम्भावित है। इस नुकसान की रोकथाम हेतु बुवाई रोक दें तथा बोई हुयी फसल में जल निकास का उचित प्रबन्ध करें।

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