जलवायु परिवर्तन बनाम, अत्यधिक गर्मी की आपदाएं – पीएम ने की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों को हम मीडिया के माध्यम से रोज देखते व सुनते रहते हैं कि वर्तमान ऐसा समय आ गया है कि किस मौसम में कौन से मौसम की प्राकृतिक विपदा आ जाए कोई तय नहीं रहता है।
मसलन फुल गर्मी में भारी बारिश, ठंडी में गर्मी तो कहीं गर्मी में ठंडी, कहीं जल का सैलाब तो कहीं जल के लिए तरसते मानवीय जीव अभी दिनांक 6 मार्च 2023 को मौसम की स्थिति को भांपते हुए माननीय पीएम द्वारा गर्मी से निपटने के लिए और तैयारियों का जायजा लेने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक अपने सरकारी आवास दिल्ली में आयोजित की और तैयारियों की समीक्षा कर कुछ दिशा निर्देश दिए। इसके पूर्व 28 फरवरी 2023 को भी केंद्रीय सचिव ने राज्यों को गर्मी से निपटने के उपायों की एडवाइजरी जारी की थी, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 1 मार्च 2023 से लागू हो चुकी है क्योंकि अभी से ही कुछ राज्यों में 33 डिग्री सेल्सियस तापमान पहुंच चुका है।
साथियों बात अगर हम 6 मार्च 2023 को गर्मी से निपटने माननीय पीएम द्वारा एक उच्च स्तरीय बैठक की करें तो, पीएम ने आईएमडी से दैनिक मौसम पूर्वानुमान इस तरीके से जारी करने को कहा, जिसे आसानी से समझा और प्रसारित किया जा सके। इस बात पर भी चर्चा की गई कि टीवी समाचार चैनल, एफएम रेडियो आदि दैनिक मौसम पूर्वानुमान को इस तरह से समझाने के लिए रोजाना कुछ मिनट दें, जिससे नागरिक आवश्यक सावधानी बरत सकें। उन्होंने सभी अस्पतालों के ब्योरेवार फायर आडिट की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सभी अस्पतालों में अग्निशामकों द्वारा माक फायर ड्रिल की जानी चाहिए। जंगल की आग से निपटने के लिए समन्वित प्रयास की जरूरत को भी रेखांकित किया गया। इस बात पर चर्चा की गई कि जंगल की आग को रोकने और उससे निपटने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रणालीगत बदलाव किए जाने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि चारे और जलाशयों में पानी की उपलब्धता पर नजर रखी जाए। भारतीय खाद्य निगम को प्रतिकूल मौसम की स्थिति में अनाज का इष्टतम भंडारण सुनिश्चित करने के लिए तैयार रहने को कहा गया। पीएम को अगले कुछ महीनों के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मौसम पूर्वानुमान और सामान्य मानसून की संभावना के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें रबी फसलों पर मौसम के प्रभाव और प्रमुख फसलों की अनुमानित उपज के बारे में भी जानकारी दी गई। सिंचाई जल आपूर्ति, चारा और पेयजल की निगरानी के लिए जारी प्रयासों की भी समीक्षा की गई। इसके अलावा, प्रधानमंत्री को आवश्यक आपूर्ति की उपलब्धता और आपात स्थिति के लिए तैयारियों के संदर्भ में राज्यों की तैयारियों और अस्पताल अवसंरचना आदि के बारे में अवगत कराया गया। उन्हें गर्मी से संबंधित आपदाओं की तैयारी के लिए देश भर में चल रहे विभिन्न प्रयासों और शमन उपायों से भी अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि नागरिकों, मेडिकल कर्मियों नगर पालिका और पंचायत प्राधिकरण, आपदा प्रतिक्रिया टीमों जैसे अग्निशमन समेत विभिन्न हितधारकों के लिए अलग-अलग जागरूकता सामग्री तैयार की जानी चाहिए। अत्यधिक गर्मी की स्थिति से निपटने के लिए बच्चों को संवेदनशील बनाने के क्रम में स्कूलों में कुछ मल्टीमीडिया व्याख्यान सत्र शामिल करने के भी निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि गर्म मौसम के लिए प्रोटोकाल और क्या करें और क्या न करें को सुलभ प्रारूप में तैयार किया जाना चाहिए तथा प्रचार के विभिन्न तरीकों जैसे जिंगल्स, फिल्म, पर्चे आदि भी तैयार और जारी किए जाने चाहिए। पीएमओ के बयान के मुताबिक, पीएम ने नागरिकों सहित विभिन्न हितधारकों के लिए अलग- अलग जागरूकता सामग्री तैयार करने और स्कूलों में कुछ मल्टीमीडिया व्याख्यान सत्रों को शामिल करने का निर्देश दिया गया, ताकि बच्चों को अत्यधिक गर्मी की स्थिति से निपटने के बारे में संवेदनशील बनाया जा सके।
साथियों बात अगर हम केंद्रीय सचिव द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी एडवाइजरी की करें तो, 28 फरवरी 2023 को केंद्र सरकार के सचिव ने सभी राज्यों को गर्मी से बचने एडवाइजरी अलर्ट जारी किया है। इस बार मौसम का अंदाज बदला-बदला सा नजर आ रहा है और गर्मी के तेवर अभी से दिखने लगे हैं। अभी से तापमान 33 डिग्री तक पहुंच चुका है और फरवरी का मौसम अप्रैल जैसा अहसास दिला रहा है। इससे अनुमान है कि इस बार गर्मी जमकर कहर मचाएगी और लोगों को खूब झुलसाएगी। गर्मी के मौसम में होने वाली बीमारियों के संबंध में आज केंद्र सरकार ने एडवाइजरी भी जारी कर दी है, जो गर्मी के अनुमानित कहरी तेवर बनाम सरकारी तैयारियों का मास्टर स्ट्रोक था।
साथियों बात अगर हम भारत मौसम विज्ञान विभाग के 7 मार्च 2023 के देर शाम के अपडेट अलर्ट की करें तो, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और पश्चिमी मध्य प्रदेश में बुधवार को आंधी और तूफान की संभावना है। इसके साथ ही ओले भी पड़ सकते हैं। उत्तर भारत में मौसम दो दिन से बदला सा नजर आ रहा है। हल्के बादल के कारण तापमान में भी गिरावट देखने को मिली है। होली पर देश के कुछ राज्यों में बारिश की भी संभावना जताई गई है, वहीं महाराष्ट्र में 9 मार्च को बारिश पड़ सकती है। इसके अलावा झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी होली पर बादल छाए रहने की संभावना है। इन इलाकों में हल्की बारिश पड़ सकती है, इसी से जलवायु परिवर्तन का अंदेशा लगाया जा सकता है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि ए बाबू! गर्मी के अलर्ट पर ध्यान दीजिएगा! जलवायु परिवर्तन बनाम अत्यधिक गर्मी की आपदाएं -पीएम ने उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। अत्यधिक गर्मी से संबंधित आपदाओं से निपटने जागरूकता अभियान चलाना समय की मांग।

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