किताबों पर समाज का अटूट विश्वास है

RAJNITIK BULLET
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(नन्दकिशोर शाह) किता बों की महिमा अपार है। कहा जाता है कि जब एक लाइब्रेरी खुलता है तो एक जेल बंद हो जाता है। यानी कि किताबें आपको अपराधिक गतिविधियों की ओर जाने से रोकती हैं। जरूरत पड़ने पर गवाही देती है। इतनाही ही नहीं आपको सच बोलने के लिए मजबूर करती है। किताबों पर समाज की अटूट विश्वास है वरना गीताध्कुरान पर हाथ रखकर कसम खाने से लोग नहीं घबराते। इंटरनेट युग के कारण किताबों की महत्व कम नहीं हुआ है। यह सर्व सुलभ हो गया है। जब आप गूगल में विषय ढूंढते हैं तो पीडीएफ के रूप में वहां भी किताबें ही मिलती हैं। आज महंगाई के दौर में कपड़े, जूते, पीजे महंगे हुए हैं। किताबें तो आज भी चाय समोसे के मूल्य पर मिल जाएंगे। जब आप घर बनवाते हैं तो शौचालय, रसोई, पूजा घर निश्चित रूप से बनवाते हैं तो एक कमरा पुस्तकालय का भी बनवाई है। बच्चों को पाठ्य पुस्तकों के अलावे मनोरं जक, प्रदायक कहानी की किताबें भी खरीद कर दीजिए। इससे बच्चों के अंद र किताब से लगाव बढ़ेगा। अपने सपनों को साकार करेगा। लोग जन्म लेते और मरते हैं, मगर किताबों की कभी मौत नहीं होती। आप कितनी ही तरतीब से किताबों को खत्म करने की कोशिश करें किंतु इसकी हमेशा गुंजाइश रहती है कि एक प्रति जिंदा बच जाए और किसी दूरदराज की लाइब्रेरी के सेल्फ में सुरक्षित पड़ी रहे।
हमारे इतिहास में कई महापुरुष रहे हैं और उनके वक्तव्य और ज्ञान भरी बातों को हम आसानी से पुस्तकों में पढ़ सकते हैं। जैसा कि गांधीजी, जो भले आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी विचारधारा अभी भी जिन्दा है। पुराने काल में लोग मौखिक ज्ञान लिया करते थे और सबसे पहले पत्तों पर लिखा गया। धीरे-धीरे कागज में परिवर्तित हो गया। पहले हस्तलिखित रूप में उपलब्ध थे, और धीरे-धीरे प्रिंटिंग प्रेस के आविष्कार के बाद पुस्तकों का मुद्रण किया जाने लगा। पुस्तक के आविष्कार के बाद लोग पुस्तकों के माध्यम से ज्ञान का हस्तांतरण एक युग से दूसरे युग में करने लगे। पुस्तकों के आविष्कार के कारण ही हम अपने इतिहास को जान पाए। शायद शब्द कम पड़ जाए लेकिन उनकी उपयोगिता कम नहीं होगी। पुस्तकों का उपयोग हम ज्ञान के संग्रहण के लिये करते हैं। सन् 1440 में फ्रांस में प्रिंटिंग प्रेस की शुरुआत हुई और धीरे-धीरे पूरे विश्व में इसका प्रचलन हो गया। इसके बाद पुस्तकों का मुद्रित माध्यम समाज में उपलब्ध होने लगा। 1455 में पहला पुस्तक छपी जो की बाइबिल थी। सदियों से लाखों किताबें लिखी और प्रकाशित की गई हैं। मनुष्य ने प्राचीन काल से लिखना शुरू किया और यह एक प्रथा है जो उसने आधुनिक युग में भी नहीं छोड़ी है। कई अनुभवी और अनुभवी लेखकों ने विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकों को लिखा है। काल्पनिक और गैर-काल्पनिक दोनों तरह की किताबें विज्ञान, ज्योतिष, फैशन, सौंदर्य, जीवन शैली, इतिहास, संस्कृति, दर्शन और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न शैलियों पर लिखी गई हैं। यात्रा, प्रौद्योगिकी, पौराणिक कथाओं, खगोल विज्ञान, फैशन, विज्ञान, साहित्य, इतिहास सहित विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें लिखी गई हैं। विभिन्न क्षेत्रों के प्रत्येक और हर पहलू को अलग-अलग पुस्तकों द्वारा छुआ गया है। इन्हें ज्ञान के खजाने के रूप में जाना जाता है। जितनी गहराई में आप किताबों में ढूंढते हैं, उतना ही अधिक खजाना आपको मिल जाएगा। एक ऐसा खजाना जो हमेशा के लिए आपके पास रहेगा। इन पुस्तकों में विभिन्न विषयों के बारे में ज्ञान है और यह पाठकों को मंत्रमुग्ध कर रही हैं। किताब पढ़ने की आदत उन सबसे अच्छी आदतों में से एक है, जिसे कोई व्यक्ति अपना सकता है। समझदार बनने के लिए विभिन्न प्रकार की पुस्तकों को पढ़ने की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है। किताबें हमेशा हमारे भले के लिए होती हैं। इन्हें आसानी से चलते-फिरते ले जाया जा सकता है और बस कहीं भी पढ़ा जा सकता है। किताबें न केवल बोरियत को मारने और अकेलेपन की भावना से बचने में मदद करती हैं बल्कि ज्ञान भी प्रदान करती हैं। एक व्यक्ति जो विभिन्न प्रकार की पुस्तकों को पढ़ता है और नियमित रूप से पढ़ने के लिए प्रेरित करता है, वह अच्छी तरह से सीखता है। वह सां सारिक बुद्धिमान होता है। वह विभिन्न स्थितियों को उन लोगों की तुलना में बेहतर ढंग से संभाल सकता है जो पढ़ने में आनाकानी करते हैं।
किताबें पढ़ना आत्म विश्वास बनाता है और यह उसके व्यक्तित्व में प्रति बिंबित होता है। लोग ऐसे व्यक्ति को देखते हैं जो अच्छी तरह से पढ़ा हुआ है।

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