एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
वर्ष 1987 में रिलीज हुई हिंदी पिक्चर फिल्म सिंदूर का आनंद बख्शी द्वारा लिखा गया गीत पतझड़ सावन बसंत बहार एक बरस के मौसम चार हमने सुने हैं जो सृष्टि की सदियों पुरानी संस्कृति थी। परंतु आज वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से पूरी दुनिया विपदाओं से घिरी हुई है। एक जमाना था जब गर्मी सर्दी बारिश का मौसम चार चार महीनों में समय पर बदलता था परंतु शायद हम मानवीय मनमानी और भूलों के ही कारण जलवायु परिवर्तन के रूप में हमें दिख रहा है। अब इन तीनों मौसमों का अंदाज ही बिगड़ गया है। कब कौनसा मौसम कैसा भर आएगा पता नहीं चलता। बस कुदरत का कहर मानकर चला जा रहा है, परंतु आज अब मानवीय सजगता का ही फल है कि जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता हुआ है। हम इस दिशा में तीव्रता से आगे बढ़ रहे हैं आने वाले जलवायु परिवर्तनों की विपत्ति का पूर्वानुमान कर हम उसके लिए अलर्ट हो जाते हैं। जैसा कि भारत में दिनांक 28 फरवरी 2023 को केंद्र सरकार के सचिव ने सभी राज्यों को गर्मी से बचने एडवाइजरी अलर्ट जारी किया है। इस बार मौसम का अंदाज बदला- बदला सा नजर आ रहा है और गर्मी के तेवर अभी से दिखने लगे हैं। अभी से तापमान 33 डिग्री तक पहुंच चुका है और फरवरी का मौसम अप्रैल जैसा अहसास दिला रहा है। इससे अनुमान है कि इस बार गर्मी जमकर कहर मचाएगी और लोगों को खूबझुलसाएगी। गर्मी के मौसम में होने वाली बीमारियों के संबंध में आज केंद्र सरकार ने एडवाइजरी भी जारी कर दी है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, गर्मी के अनुमानित कहरी तेवर बनाम सरकारी तैयारियों का मास्टर स्ट्रोक।
साथियों बात अगर हम केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव द्वारा जारी एडवाइजरी की करें तो उन्होंने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को गर्मी से संबंधित बीमारियों पर दैनिक निगरानी के संबंध में पत्र लिखा है। इसे 1 मार्च से लागू किया गया है। इसमें उन्होंने लिखा है – 1 मार्च, 2023 से सभी राज्यों और जिलों में राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनपीसीसीएचएच) के तहत गर्मी से संबंधित बीमारियों को लेकर दैनिक निगरानी एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच (आईएच आईपी) आयोजित की जाएगी। गर्मी के मौसम से पहले कुछ स्थानों पर तापमान में असामान्य बढ़ोतरी के बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को गर्मी से निपटने के लिए अलर्ट जारी किया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि फरवरी के महीने में भीषण गर्मी से बचने के लिए सरकार को एडवाइजरी जारी करनी पड़े। चिट्ठी में कहा गया है कि भारत के कई हिस्सों में अभी से ही सामान्य तरीके से तापमान बढ़ गया है, ऐसे में सरकार के नेशनल क्लाइ मेट चेंज प्रोग्राम के मद्देनजर डाटा इकट्ठा किया जाए, कि किस राज्य और किस जिले में कितने लोग गर्मी के शिकार होकर बीमार पड़ रहे हैं, या फिर जान गवां सकते हैं। उसके अलावा अस्पतालों से कहा गया है कि गर्मी से होने वाली बीमारियों को देखते हुए जरूरी दवाओं का स्टाक, ओआरएस के पाउच, और बाकी सामानों को अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में इकट्ठा कर लिया जाए। गर्मी से होने वाली बीमारियों की सर्विलांस देशभर में करने के लिए कहा गया है। सरकार ने गर्मी से बचने के लिए आम लोगों के लिए भी एडवाइजरी जारी की है उसमें हेल्पलाइन नंबर 108 और 102 भी जारी किए गए हैं ताकि किसी भी इमरजेंसी हालात में इन नंबरों पर संपर्क किया जा सके।
साथियों बात अगर हम एडवाइजरी के अनुसार गर्मी से बचने के लिए क्या करना है क्या नहीं करना है की करें तो, गर्मी से बचने के लिए क्या करें – दिनभर में खूब पानी पीएं, चाहे प्यास न भी लग रही हो, तब भी पानी पीते रहें। शरीर को डिहाइड्रेट न होने दें। सफर करते वक्त पीने का पानी साथ में जरूर रखें। ओरल रीहाइड्रेशन सोल्यूशन (ओआरएस) का उपयोग करें। साथ ही नींबू पानी, छाछ, लस्सी और फलों के जूस जैसे घर पर बनीं ड्रिंक्स का सेवन भी करें। मौसमी फलों जैसे- तरबूज, खरबूज, संतरा, अंगूर, अनन्ना स, खीरा, लेटस आदि को जरूर खाएं। हल्के रंग के ढीले और सूती कपड़े ही पहनें। घर से बाहर जाते समय सिर को छाते, हैट, टोपी, तौलिए से ढकें और सीधे धूप से बचाएं। घर से बाहर जाते वक्त चप्पल या जूते पहनें जितना हो सके घर, आफिस या ऐसी जगह जो वेंटिलेटेड हो और ठंडी हो, वहीं रहें। दिन में खिड़की और दरवाजों को बंद रखें और पर्दें लगाएं। इन्हें रात को खोलें। बाहर सिर्फ सुबह जल्दी या फिर रात को ही निकलें बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं को गर्मी में बाहर न निकलने दें। क्या नहीं करें – दिन में 12 बजे से 3 बजे तक धूप में बाहर न निकलें। दोपहर में ऐसा काम न करें जिसमें ज्यादा मेहनत लगे। नंगे पैर बाहर न निकलें। तेज गर्मी में खाना पकाने का काम न करें. किचन की खिड़कियां और दरवाजे खोलकर रखें ताकि वेंटिलेशन रहे। हाईप्रोटीन फूड्स और बासी खाने के सेवन से बचें शराब चाय काफी और साफ्ट ड्रिंक्स का सेवन ज्यादा न करें। बच्चों और पालतू जानवरों को पार्क की हुई गाड़ी में न छोड़ें।
साथियों बात अगर हम जनता को दी गई एडवाइजरी करें तो, इन बातों का करें पालन – खाना पकाने की जगह को पर्याप्त रूप से हवादार रखने के लिए दरवाजे और खिड़कियां खोलें। शराब, चाय, काफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय या बड़ी मात्रा में चीनी वाले पेय से बचें क्योंकि ये शरीर के अधिक तरल पदार्थ को नुकसान पहुंचाते हैं या पेट में ऐंठन का कारण बन सकते हैं।
अधिक प्रोटीन वाले भोजन से परहेज करें और बासी भोजन न करें। वाहन के अंदर का तापमान खतरनाक हो सकता है।
पर्याप्त मात्रा में जरूरी दवाएं, तरल पदार्थ, आइस पैक रखें। उन्होंने आगे कहा, पर्याप्त मात्रा में जरूरी दवाएं, तरल पदार्थ, आइस पैक, ओआरएस और सभी आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता के लिए स्वास्थ्य सुविधा की तैयारी की समीक्षा की जानी चाहिए। सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में पर्याप्त पेयजल की उपलब्धता और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ठंडा रखने वाले उपकरणों का संचालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। पत्र के अनुसार, स्वास्थ्य केंद्रों में ठंड बनाए रखने वाले उपकरणों के लिए बिना रुकावट बिजली की व्यवस्था करके, सौर पैनलों की स्थापना (जहां भी संभव हो), ऊर्जा संरक्षण उपायों और ठंडी या हरी छत, खिड़की के माध्यम से इनडोर गर्मी को कम करने के उपाय किए जाने चाहिए। पानी में आत्मनिर्भरता के लिए वर्षा जल संचयन और रिसाइ- क्लिंग प्लांट का इंतजाम किया जा सकता है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि मुझे यकीन है कि आपके प्रभावी नेतृत्व के साथ राज्य इस गर्मी में स्वास्थ्य को लेकर तुरंत निगरानी और प्रबंधन करने में सक्षम होगा। पत्र के साथ राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा तैयार किए गए क्या करें और क्या न करें के बिंदुओं को ऊपर बताया गया है।
पत्र में लिखा है, राज्य के स्वास्थ्य विभागों को चिकित्सा अधिकारियों स्वास्थ्य कर्मचारियों, जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को गर्मी से होने वाली बीमारी, इसकी शीघ्र पहचान और प्रबंधन के प्रति संवेदनशील बनाने और क्षमता निर्माण के प्रयासों को जारी रखना चाहिए। इन विषयों पर एनसीडीसी द्वारा विकसित प्रशिक्षण नियमावली उपलब्ध है और इस तरह के प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि, गर्मी से बचके रहना रे बाबा। गर्मी के अनुमानित कहरी तेवर बनाम सरकारी तैयारियों का मास्टर स्ट्रोक। जलवायु परिवर्तन के कारण इस बार गर्मी के जमकर कहर बरपाने का अनुमान – केंद्र सरकार ने राज्यों को एडवाइजरी जारी की।
गर्मी से बचके रहना रे बाबा, गर्मी के अनुमानित भयावह तेवर बनाम सरकारी तैयारियों का मास्टर स्ट्रोक
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