उमेश पाल हत्याकांड से जुड़े मामले में बिल्डर जफर के घर पर गरजा पीडीए का बुलडोजर

RAJNITIK BULLET
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(मो0 रिजवान) उमेश पाल की हत्या के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में कहा था कि हम माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। उनके इस बयान का असर अब जमीन पर दिखाई देने लगा है। बुलडोजर की पहली कार्रवाई बिल्डर जफर के घर पर हुई है। जफर के इसी मकान में शाइस्ता परवीन बच्चों के साथ रहती थी। बताया जा रहा है कि खालिद जफर ने उमेश पाल की हत्या करने वाले शूटर को थोड़ी देर के लिए पनाह दी थी। इससे जफर पुलिस के निशाने पर आया और बुधवार चकिया कसारी मसारी स्थित अतीक के परिवार के कब्जे वाले मकान को तोड़े जाने के दौरान पुलिस कार्रवाई का डर साफ दिखाई दे रहा था। जैसे ही मजदूरों ने घर खाली किया, अतीक और पड़ोसियों का कोई भी रिश्तेदार घर के सामान और दस्तावेजों की देखभाल के लिए मौजूद नहीं था, जो कि अतीक के पैतृक घर के लान में असुरक्षित रूप से पड़े थे, जिसे 2020 में पहले ही ध्वस्त कर दिया गया था।
घरेलू सामानों में अतीक के परिवार और बच्चों से संबंधित दस्तावेजों, किताबों और फोटो एलबम के बड़े ढेर के अलावा फर्नीचर, बिस्तर, रेफ्रिजरेटर, टेलीविजन शामिल थे।
बुधवार सुबह जब पीडीए की टीम और पुलिस वहां पहुंची तो घर पर कोई नहीं मिला। मजदूर घर से फर्नीचर व अन्य जरूरी सामान निकालने में लगे थे। सामान को अतीक के पुश्तैनी मकान के लान में ले जाकर अव्यवस्थित तरीके से रख दिया गया। कुछ जिज्ञासु पड़ोसी सामान देखने के लिए उमड़ पड़े लेकिन कोई भी सामान की व्यवस्था करने के लिए आगे नहीं आया। इलाके में तैनात पुलिसकर्मियों ने भी उनका पीछा किया क्योंकि विध्वंस अभियान चलाया जा रहा था। बाद में पीडीए अधिकारियों के निर्देश पर माल को एक ट्रक में लोड किया गया। एक तरफ जहां बुलडोजर गरज रहा है तो वहीं दूसरी तरफ आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है। पुलिस की एक टीम ने लखनऊ के महानगर में यूनिवर्सल अपार्टमेंट में पूर्व सांसद अतीक अहमद के फ्लैट पर छापा मारा। अतीक अहमद के फ्लैट 202 पर ताला लगा था। उमेश पाल की हत्या के बाद शूटरों के इसी अपार्टमेंट में रुकने की बात सामने आई थी। पुलिस ने इस दौरान पार्किंग में खड़ी अतीक अह मद की लैंड क्रूजर और मर्सिडीज कब्जे में ले लिया है।
नाम न छापने की शर्त पर एक स्थानीय युवक ने कहा कि चकिया और कसारी मसारी के लोग अब अतीक या उसके परिवार के सदस्यों की मदद करने या खुद को जोड़ने से बहुत डरते हैं। उन्होंने कहा कि पहले स्थानीय युवक अतीक के बेटों के साथ अपनी दोस्ती की शेखी बघारते थे, लेकिन कोई उनसे जुड़ना नहीं चाहता।
अतीक के कथित ड्राइवर अरबाज की मौत ने उन लोगों में डर पैदा कर दिया है जो परिवार से जुड़े थे या उनकी मदद करते थे। अब कोई भी अतीक या उसके परिजनों की मदद करके निशाना नहीं बनना चाहता है। क्षेत्र से नगरसेवक का पद। पहले यह कार्रवाई अतीक के रिश्तेदारों और सहयोगियों के घर को गिराने या संपत्तियों को कुर्क करने तक सीमित थी, लेकिन पहली बार पुलिस ने अतीक से कथित रूप से जुड़े एक व्यक्ति को मार गिराया है। अन्य स्थानीय लोगों ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई से डर पैदा हो गया है। गौरतलब है कि शाइस्ता परवीन और उनके बेटों के अलावा, उनके रिश्तेदार और पड़ोसी बड़ी संख्या में मौजूद थे क्योंकि 2020 में पीडीए टीम द्वारा गिराए जाने से पहले अतीक के पैतृक घर को खाली कर दिया गया था।

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