क्या सदन में पुराना बजट बढ़ा जाना मानवीय त्रुटियां या लापरवाही? शायद इतिहास में पहली बार ऐसी स्थिति दर्ज हुई

RAJNITIK BULLET
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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी
वर्ष 1957 में हिंदी फीचर फिल्म मदर इंडिया का नौशाद द्वारा लिखा गीत, दुख भरे दिन बीते रे भैया, अब सुख आयो रे, रंग जीवन में नया लायो रे, काफी फेमस हुआ था, जिसका संज्ञान हम आज डिजिटल इंडिया के रूप में ले रहे हैं कि वर्तमान वैश्विक डिजिटल युग में इस गीत में दिखाए गए पसीने से हल चलाते और मां रोटी खिलाते कठिनाइयां दुख दिखाया गया है, जिसे अब डिजिटल इंडिया ने महीनों का काम घंटों और मिनटों में बना दिया है। परंतु फिर भी शुक्रवार दिनांक 10 फरवरी 2023 को एक राज्य में बजट पेश करते समय बहुत अचंभा हुआ, इस डिजिटल युग में भी क्या ऐसी ऐतिहासिक गलती से मिस्टेक! की घटना हो सकती है? मेरा मानना है इसे मानवीय भूल कहें या लापरवाही? यह जनता और उक्त प्रशासन पर छोड़ देना बेहतर रहेगा। हुआ यूं कि बजट सेशन में सीएम ने करीब 8 मिनट तक पुराना यानें 2022 का बजट ही बढ़ते चले गए जिससे सब हैरान रह गए! क्योंकि जिस योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा चुका था उसे प्रपोज्ड के तौर पर बताया जा रहा था और पक्ष के सदस्य भी तालियां ठीक उसी तरह बजा रहे थे जैसे उसी भाषण पर 2022 में बजाई थी ऐसा टीवी चैनल पर साफ दिखाया गया फिर त्रुटि का ध्यान आते ही मानवीय त्रुटि कह कर नया करंट 2023 का बजट पढ़ना शुरू किया गया। इस मामले की गूंज केंद्रीय बजट सेशन दिल्ली संसद में भी उठी। जिस पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने टिप्पणी भी की इसलिए आज हम मीडिया में आई जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे मान वीय त्रुटि बनाम लापरवाही। वो 8 मिनट आई फील सारी। क्या सदन में पुराना बजट बढ़ा जाना मानवीय त्रुटि है या फिर लापरवाही?
साथियों बात अगर हम एक राज्य की विधानसभा में 10 फरवरी 2023 को 8 मिनट तक पिछले साल का पुराना बजट पढ़ने की करें तो, विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री के अपने तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करते समय पिछले साल का बजट पढ़ लिया। उन्होंने पुराना बजट भाषण 8 मिनट तक पढ़ा जिसके बाद विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने बजट भाषण पढ़ना शुरू किया और यह महसूस करने से पहले कई मिनट तक चले कि वह जो बजट पेश कर रहे हैं वह पुराना है। ये कह जाना कि मैंने कोरोना में कितने लोगों को खाना खिलाया था। कितने लोगों का मुफ्त इलाज किया। फिर उन्होंने कहा कि मैंने मनरेगा की तर्ज पर शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू कर रहा हूं। लेकिन उन्हें तब भी ध्यान नहीं आया कि इस योजना को प्रदेश में लागू किया जा चुका है। लेकिन वो बस पुराने बजट को पढ़ते ही जा रहे थे। फिर एक विपक्षी नेता उठे उन्हें टोकने को लेकिन सीएम ने उन्हें चुप करा दिया। फिर जब अधिकारियों में खलबली मची तो मुख्य सचेतक ने कान में जाकर सीएम को पुराना बजट पढ़े जाने की बात बताई। तब फिर सीएम ने इसके लिए माफी मांगी कहा कि मानव त्रुटि से एक पेज लग गया था, उसी वक्त मैंने सारी महसूस किया जब मैंने अपने भाषण को रोका। मान लीजिए, प्रेस में ये बजट मैंने नहीं छपवाया है उन्होंने कहा कि 7-7 दिन तक बजट संबंधी कर्मचारी रात को सोते नहीं है, अगर एक पेज गलत लग गया, सुबह 6 बजे मेरे पास कापी आती है, हालांकि पुराना बजट पढ़ने पर सीएम ने विधानसभा में माफी मांगी। बता दें कि अपने भाषण के दौरान सीएम ने कहा कि अब मैं, शहरों में भी रोजगार सुनिश्चित करने के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू करने की घोषणा करता हूं और इस योजना के माध्यम से आने वाले साल से शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले परिवारों को भी उनके द्वारा मांगे जाने पर प्रतिवर्ष 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। इस पर लगभग 800 करोड़ रुपए वार्षिक खर्च होंगे इसके बाद ही विपक्षी पार्टी ने आरोप लगाया कि सीएम पुराना बजट भाषण पढ़ रहे हैं।
साथियों बात अगर हम इस गलती से मिस्टेक की संसद में गूंज की करें तो, इस मामले पर लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री ने मुख्यमंत्री के पिछले साल का बजट पढ़ने को लेकर तंज कसते हुए कहा कि गलती किसी से भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि उस राज्य में गड़बड़ है। उन्होंने (सीएम) ने पिछले साल का बजट इस साल पढ़ लिया! खैर कोई बात नहीं गलती तो कोई भी कर सकता है। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि भगवान की कृपा बनी रहे, लेकिन कभी किसी की ऐसी हालत नहीं होनी चाहिए है। साथियों बात अगर हम इसको मानवीय त्रुटि बनाम लापरवाही के एंगल से सोचें तो, इस पूरे घटनाक्रम के बाद अधिकारियों के खेमे में अफरातफरी मच गई और तुरंत सीएम हाउस से नए बजट की कापी मंगवाई गई। इधर सीएम ने मुख्य सचिव को इस मामले में तलब किया और इस लापरवाही की वजह पूछी। बताया जा रहा है कि अब बजट पेश होने के बाद इस मामले में सीएम कार्रवाई कर सकते हैं जिसके बाद कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है ऐसा वीडियो में आया है। जानकारों का कहना है कि बजट बनाते समय सरकार के अधिकारी पिछले सालों में पेश हुए बजट का संदर्भ लेते हैं और उन बजट के हिसाब से बजट का स्ट्रक्चर तैयार किया जाता है हालांकि घोषणाएं उनमें नई डाली जाती है। वहीं इस घटनाक्रम में सीएम की बजट स्पीच में पिछले साल के बजट का एक पन्ना आगे रह गया और सीएम ने वही पढ़ दिया। साथियों बात अगर हम उस राज्य के बजट से मिली सौगातों की करें तो, हालांकि विवादों के साथ शुरू हुए चुनावी साल के इस बजट भाषण में सीएम ने प्रदेश की जनता के लिए कई लोक लुभावन ऐलान किए। उन्होंने ऐलान किया कि अब राज्य में युवाओं के लिए सभी भर्ती परीक्षाओं में शुल्क नहीं लगेगा। महिलाओं को सौगात देते हुए उन्होंने कहा कि अब राज्य रोडवेज की बसों के किराए में उन्हें 50 फीसदी की छूट मिलेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि ईडब्लयूएस परिवारों को चिरंजीवी योजना का लाभ दिया जाएगा दुर्घटना बीमा राशि को बढ़ाकर 5 लाख से 10 लाख किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य में 100 यूनिट तक घरेलू बिजली फ्री मिलेगी। इसके अलावा 76 लाख उज्जवाला योजना के गैस उपभोक्ताओं को 500 रुपए में गैस सिलेंडर दिया जाएगा। सीएम बोले- पेपर लीक जैसी घटनाओं के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनेगी। सभी भर्ती परीक्षाओं में वन टाइम चार्ज लगेगा 200 करोड़ का प्रावधान। सरकारी कालेज कैंपस में जाब फेयर लगेंगे 100 जाब फेयर आयोजित होंगे। जयपुर में एपीजे अब्दुल कलाम इंस्टिट्यूट आफ बायोटेक्नो- लाजी की स्थापना की घोषणा करता हूं। इस पर 300 करोड़ का खर्च आएगा। प्रदेश में महात्मा गांधी मिनिमम गारंटी योजना को लागू किया जाएगा। इसके अलावा राजस्थान में 30 हजार सफाईकर्मियों की भर्ती की जाएगी। राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए कानून लाया जाएगा। इसके साथ ही जिला स्तर पर रोड सेफ्टी टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। बजट में सीएम ने एलान किया कि प्रदेश के तीन जिलों में मेडिकल कालेज और जोधपुर में मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी का निर्माण किया जाएगा। सीएम गहलोत ने बजट में ऐलान किया है कि राज्य के 76 लाख परिवारों को 500 रुपए में एलपीजी सिलेंडर दिया जाएगा। सीएम ने बड़ी बजट घोषणा की है। राज्य में चिरंजीवी योजना में इलाज के लिए दस लाख से बढ़ाकर 25 लाख हुई बीमा राशि। महिलाओं को सिलाई मशीन के लिए पांच-पांच हजार। जयपुर में राजीव गांधी एवियशन। रिसर्च करने वाले छात्रों को 30 हजार की आर्थिक मदद 500 करोड़ का युवा विकास। 75 किलोमीटर तक छात्र-छात्राएं सरकारी बसों में निःशुल्क यात्राएं कर सकेंगे। छात्राओं को सरकार देगी इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहन। छात्रों को मिलेगी 1 से 12 तक फ्री शिक्षा। राजस्थान में छात्राओं के साथ छात्रों को आरटीई के तहत को 1 से 12 तक शिक्षा फ्री मिलेगी। राजस्थान में 200 करोड़ शिक्षा छात्रवृति और संसाधन पर खर्च किए जाएंगे। प्रदेश में नई युवा नीति लाई जाएगी। मिड डे मील, स्कूलों में अब रोजाना दूध मिलेगा बच्चों को। 30 हजार सफाई कर्मियों की भर्ती होगी। सामाजिक सुरक्षा पेंशन 1000 रुपए की गई। प्रताप गढ़, जालोर एवं राजसमंद में मेडिकल कालेज खोले जाएंगे 1000 इंग्लिश मीडियम स्कूल और खोले जाएंगे। 100 मेगा रोजगार मेले लगाए जाएंगे। स्टूडेंट्स को 75 किलोमीटर तक की यात्रा फ्री। राजस्थान में 100 यूनिट तक घरेलू बिजली निःशुल्क मिलेगी।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि मानवीय त्रुटि बनाम लापरवाही। वो 8 मिनट आई फील सारी। क्या सदन में पुराना बजट बढ़ा जाना मानवीय त्रुटि या लापरवाही? शायद इतिहास में पहली बार ऐसी स्थिति दर्ज हुई।

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