Feb 13, 2023
सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट करता है कि निर्णय का परिसीमन अधिनियम की वैधता और एससी के समक्ष लंबित अनुच्छेद 370 याचिकाओं के मुद्दे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसी के साथ चुनाव का रास्ता भी साफ हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के लिए एक परिसीमन आयोग स्थापित करने और परिसीमन अभ्यास करने के लिए केंद्र की शक्तियों को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट करता है कि निर्णय का परिसीमन अधिनियम की वैधता और एससी के समक्ष लंबित अनुच्छेद 370 याचिकाओं के मुद्दे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
दो कश्मीर निवासियों अब्दुल गनी खान और मुहम्मद अयूब मट्टो द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल और एएस ओका की पीठ ने कहा कि इसने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की वैधता पर फैसला नहीं सुनाया है, जो कि संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं के बीच सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है। परिसीमन समय के साथ जनसंख्या में परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक विधानसभा या लोकसभा सीट की सीमाओं को फिर से परिभाषित करने का कार्य है। केंद्र द्वारा गठित परिसीमन आयोग ने पिछले साल मई में जम्मू और कश्मीर में परिसीमन के लिए अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसमें सात अतिरिक्त निर्वाचन क्षेत्रों की सिफारिश की गई थी।