सीएसए की यादों में रहेंगे प्रशांत, राज्यपाल महोदया द्वारा दीक्षांत समारोह में दिया गया स्वर्ण पदक

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(प्रदीप यादव) कुछ व्यक्ति अपने कार्य और कुशल व्यवहार के लिए सदैव याद किये जाते हैं इसी श्रेणी के अत्यंत व्यवहार कुशल एवं सज्जन अग्रजों के प्यारे, छोटों के लिए आदर्श स्व. प्रशांत कुमार यादव को 8 सितंबर 2015 को काल ने असमय अपने प्रियजनों से छीन लिया था, प्रशांत यादव चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि के स्नातक तृतीय वर्ष के छात्र थे विश्वविद्यालय के ही तिलक छात्रावास में करंट लगने से उनकी मृत्यु ने पूरे कृषि कुनबे को झकझोर दिया था, परन्तु उनकी स्मृतियां आज भी विश्वविद्यालय में हैं। देश के प्रतिष्ठित कृषि विश्वविद्यालय ने अपने 24 वें दीक्षांत समारोह में दिया प्रशांत कुमार यादव मेमोरियल स्वर्ण पदक। प्रशांत फाउंडेशन एक ऐसा नाम जो गरीबों की मदद के लिए मसीहा के तौर पर जाना जाता है। प्रशांत फाउंडेशन के पदाधिकारी जो मददगार बनकर उन लोगों की मदद करने पहुंचते हैं जो लोग आर्थिक हालातों की मार झेल रहे हैं अक्सर आपने प्रशांत फाउंडेशन का नाम अखबारों और यूट्यूब, चैनलों की खबरों में सुना होगा, लेकिन शायद ही कोई होगा जिसे पता हो कि इंसानियत के नाम पर स्थापित हुई यह संस्था के पीछे की आखिर कहानी क्या है। शायद ही किसी को पता हो कि ये प्रशांत नाम आखिर किसका है जिसके नाम पर समाजसेवा की अलख जगाई जा रही है। तो आज हम आपको बताएंगे कि प्रशांत फाउंडेशन की कहानी आखिर क्या है और किसके नाम पर इस संस्था को शुरू किया गया। दरअसल इटावा जिले की तहसील जसवंतनगर के नगला हरे निवासी स्व. प्रशांत कुमार यादव के नाम पर इस संस्था को शुरू किया गया। प्रशांत कुमार यादव संस्था के सरंक्षक श्री मान सिंह यादव जी के चैथे नम्बर के बेटे थे। रुद्राक्ष मैन डा0 रिपुदमन सिंह, प्रशांत फाउंडेशन के संस्थापक जो अब फाउंडेशन के माध्यम से समाजसेवा एवं पर्यावरण हितैषी के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं एवं पर्यावरणविद् समाजसेवी एवं प्रशांत फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. हेमंत यादव के छोटे भाई थे। प्रशांत कुमार यादव एक ऐसे होनहार छात्र थे जो पढ़ाई में तो अव्वल थे ही साथ ही समाज में बदलाव की अनोखी सोच रखते थे। प्रशांत कुमार यादव चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर में बीएससी कृषि तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन 8 सितंबर 2015 को कुदरत का ऐसा कहर बरपा की होनहार प्रशांत इस दुनियाँ से विदा हो गए। विश्वविद्यालय के बाल गंगाधर तिलक छात्रावास के कमरा नम्बर-5 में रहने वाले प्रशांत की करंट लगने से मृत्यु हो गयी। प्रशांत नेक और परिश्रमी छात्र थे। इस घटना ने प्रशांत के सगे संबंधियों को झकझोर कर रख दिया था। घटना के बाद प्रशांत के सभी भाइयों और दोस्तों ने विचार विमर्श और आपसी सहमति से जनकल्याणकारी प्रशांत फाउंडेशन की नींव रखी। जिस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में प्रशांत शिक्षा प्राप्त कर रहे थे उसी विश्वविद्यालय ने प्रशांत फाउंडेशन के आग्रह पर कुलाधिपति महोदया/ राज्यपाल महोदया, विद्वत परिषद ने 24वें दीक्षांत समारोह से प्रतिवर्ष दीक्षांत समारोह के अवसर पर प्रशांत फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित प्रशांत कुमार यादव मेमोरियल स्वर्ण पदक एमएससी कृषि सस्य विज्ञान विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र/ छात्रा को दिये जाने की संस्तुत प्रदान की। विश्व- विद्यालय ने दिनांक 23 दिसंबर 2022 को पत्र जारी कर प्रशांत यादव के नाम से एम0एस0सी0 कृषि सस्य विज्ञान विषय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र को ‘प्रशांत कुमार यादव मेमोरियल स्वर्ण पदक’ प्रदान करने की घोषणा की। यह स्वर्ण पदक सुनील कुमार प्रजापति, छात्र, ‘एम0एस0 सी0 कृषि सस्य विज्ञान’ को पहली बार प्रदान किया गया। अब यह प्रतिवर्ष विश्वविद्यालय के प्रत्येक दीक्षांत समारोह में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र/छात्रा को प्रदान किया जायेगा। प्रशांत फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर्यावरणविद समाजसेवी डाॅ.हेमन्त कुमार यादव ने इस कार्य के लिये विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महोदयाध् राज्यपाल महोदया, मुख्य अतिथि, कृषि मंत्री, विद्वत परिषद के सदस्यों, कुलपति महोदय एवं समस्त प्रशासनिक अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। डा0 हेमंत ने जानकारी दी कि प्रशांत फाउंडेशन की स्थापना के बाद से ही वह समाज सेवा में लगातार गरीब और असहाय लोगों की मदद करने का कार्य कर रहे हैं, देश में आयी कोरोना महामारी में भी प्रशांत फाउंडेशन ने लोगों की लगातार मदद की। प्रशांत फाउंडेशन के संस्थापक लोगों को रुद्राक्ष का पौधा भेंट स्वरुप प्रदान कर लगातार पर्यावरण के प्रति जागरुक कर रहे हैं यही कारण है की अब लोग उन्हें रुद्राक्ष मैन के नाम से जानने लगे हैं। 11 जनवरी 2023 को आयोजित 24 वें दीक्षांत समारोह में यह स्वर्ण पदक कुलाधिपति ध् राज्यपाल महोदया आदरणीया श्रीमती आनंदी बेन पटेल जी द्वारा सर्वाधिक अंक अर्जित करने वाले मेधावी छात्र सुनील कुमार प्रजापति को प्रदान किया गया। इस अवसर पर केबिनेट कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही व कृषि राज्यमंत्री श्री बलदेव सिंह औलख और प्रोफेसर रमेश चंद्र सदस्य नीति आयोग भारत सरकार और चंद्र शेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. डी आर सिंह आदि के मौजूदगी में प्रशांत कुमार यादव मेमोरियल स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। यह प्रशांत कुमार यादव मेमोरियल स्वर्ण पदक प्रशांत फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित है। इस दृश्य ने सभी को भावुक कर दिया। इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए प्रशान्त फाउंडेशन के संस्थापक रूद्राक्ष मैन डा0 रिपुदमन सिंह ने कहा कि अपने भाई स्व. प्रशान्त के नाम पर स्थापित यह प्रशांत फाउंडेशन निःश्वार्थ सेवाभाव नर सेवा नारायण सेवा के भाव से लगातार काम कर रहा है कोरोना काल में इलाज, दवाइयां इत्यादि से लेकर गरीब बेटियों की शादी करवाने तक में हर जगह फाउंडेशन के सदस्य मजबूती से खड़े नजर आए हैं। वहीं पर्यावरणविद समाजसेवी राष्ट्रीय अध्यक्ष डा0 हेमंत यादव ने कहा कि प्रशान्त हमारे छोटे भाई थे जो पढ़ाई में अव्वल होने के साथ समाज को भी बदलने का जज्बा रखते थे उनकी स्मृतियों को संजोए हुए यह फाउंडेशन लगातार काम कर रहा है चाहे प्रकृति एवं पर्यावरण की दिशा में मिशन हरियाली, मिशन ग्रीन अर्थ, मिशन त्रिवेणी, मिशन पर्यावरण एवं जल संरक्षण, वृक्षदान महाअभियान हो या गरीब बच्चों की शिक्षा हो, गरीबों एवं असहायों की समस्त प्रकार से सहायता हो या रक्तदान जैसे महान कार्य और गौ सेवा, वृद्धिजनों को आश्रय देना हो एवं सर्दियों में कंबल एवं वस्त्र वितरण का कार्य संस्था के सदस्य निरन्तर कार्यरत हैं इस अविस्मरणीय मौके को देखने के लिए प्रशांत फाउंडेशन के सरंक्षक एवं स्व. प्रशान्त यादव के पिता मान सिंह यादव, रुद्राक्ष मैंन डा. रिपुदमन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. हेमन्त यादव, अजीत यादव, मोहित, अनिल, सौरभ सौजन्य, राघवेन्द्र यादव, संजय, रोहित, जयकार, योगेश, सुमित, नितिन, रितिक आदि सहित तमाम कृषि छात्र/छात्रायें इस समारोह के साक्षी बने।

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