लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने पिछले दिनों रामपुर विधानसभा उपचुनाव में ‘योजनाबद्ध तरीके से कम मतदान’ करवाने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि कहीं यह समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अंदरूनी मिलीभगत का परिणाम तो नहीं है। मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, “उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा की जीत हुई, लेकिन रामपुर विधानसभा उपचुनाव में आजम खां की खास सीट पर योजनाबद्ध तरीके से कम मतदान करवाकर सपा की पहली बार हुई हार पर यह चर्चा काफी गर्म है कि कहीं यह सब सपा और भाजपा की अंदरूनी मिलीभगत का ही परिणाम तो नहीं?”
उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा, “इस बारे में खासकर मुस्लिम समाज को काफी चिंतन करने और समझने की जरूरत है, ताकि आगे होने वाले चुनावों में धोखा खाने से बचा जा सके। खतौली विधानसभा सीट पर भाजपा की हार को भी लेकर वहां काफी संदेह बना हुआ है। यह भी सोचने वाली बात है।” रामपुर से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने मायावती की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि इस साल जून में हुए रामपुर लोकसभा उपचुनाव में रामपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में 31.5 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि पिछली पांच दिसंबर को विधानसभा उपचुनाव के दौरान यह 35 प्रतिशत वोट पड़े, लिहाजा यह कहना गलत होगा कि वहां जानबूझकर कम मतदान कराया गया।
सपा के विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने आरोप लगाया कि बसपा भाजपा की ‘बी टीम’ के तौर पर काम करती है और हर चुनाव में वह अपना वोट भाजपा को दिलाने की हर मुमकिन कोशिश करती है। उन्होंने कहा कि हालांकि, इस बार उपचुनाव में उसका यह प्रयास सफल नहीं हो सका और लोगों ने बसपा की मंशा को समझकर उसे खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि सपा के संस्थापक सदस्य और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां का गढ़ माने जाने वाले रामपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में पिछली आठ दिसंबर को घोषित उपचुनाव के नतीजे में भाजपा के आकाश सक्सेना ने सपा प्रत्याशी आसिम राजा को करीब 32,000 मतों से पराजित किया था।
इस तरह भाजपा ने रामपुर में पहली बार जीत हासिल की थी। हालांकि, सपा ने रामपुर में पुलिस प्रशासन द्वारा जोर-जबरदस्ती कर एक खास वर्ग के मतदाताओं को वोट डालने के लिए घर से नहीं निकलने देने और बेवजह के बहाने बनाकर मतदाताओं को जबरन लौटाने का आरोप लगाते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया था। सपा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर रामपुर उपचुनाव को रद्द करके फिर से मतदान कराने की गुजारिश की थी।