(एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी) वैश्विक स्तरपर आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी कुशल समृद्ध अर्थ व्य वस्था की रैंकिंग में है। जबकि ऐसी उम्मीद की जा रही है कि यह रैंकिंग शीघ्र ही तीसरे नंबर पर होने की संभावना है और विजन 2047 के पूर्व ही भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के खिताब से नवाजी जाएगी ऐसा मेरा विश्वास है। चूंकि 28 नवंबर 2022 को वित्तमंत्री द्वारा बजट 2023-24 के लिए सुझाव के लिए ली गई 8 बैठकों में 7 हितधारकों के समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले 110 से भी अधिक आमंत्रित व्यक्तियों द्वारा भाग लिया गया और अभी आम जनतासे 10 दिसंबर 2022 तक अपने समावेशी विचारों और सुझावों को आमंत्रित किया गया है,ताकि जन भागीदारी कीभावना को बढ़ावा दिया जा सके और समावेशी विकास के साथ भारत को वैश्विक आर्थिक महाशक्ति में बदलने में आम जनता, हितधारकों के सुझाव के लाभों को उपयोग में लाया जा सके इसलिए आज हम इलेक्ट्रानिक मीडिया और पी आईबी में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे कि आगामी केंद्रीय बजट 2023 -24 से हमें क्या अपेक्षा है।
साथियों बात अगर हम संभवत 1 फरवरी 2023 को आने वाले आम बजट से अनुमान और उम्मीदों की करें तो मेरा अनुमान है कि, कैपिटल गेन टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव होने की संभावना है तथा मुख्य रूप से यह बजट चूंकि लोकसभा चुनाव 2024 के आगाज की प्राथमिक दस्तक होने की संभावना है, इसीलिए मध्यमवर्गीय परिवारों को खुश करने के लिए आयकर के सिलैब में परिवर्तन किया जा सकता है अब कितना किया जाएगा कह नहीं सकते पर परिवर्तन की उम्मीद जरूर है। इसके दो कारण हैं पहला अनेक वर्षों से स्लैब में परिवर्तन नहीं हुआ है, दूसरा लोकसभा चुनाव 2024 का जबरदस्त मुद्दा जिसे मध्यमवर्गीय वर्ग पर प्रभाव पड़ेगा। दूसरी तरफ किसानों को खुश करने के लिए एमएसटी से कम लागत वाले कृषि उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इसके अलावा आम जनता को आयकर के प्रति आकर्षित करने के लिए कुछ स्कीमें भी लाई जा सकती है। वैसे आने वाले दिनों में मैं विस्तार से हर मुद्दे पर अपनी राय और पूर्वानुमान रखने का प्रयत्न करूंगा।
साथियों बात अगर हम केंद्रीय बजट तैयार करने की करें तो यह बहुत कठिन और बाहरी बैठकों, सुझावों के अतिरिक्त 5 चरणों में होता है जिसकी गतिविधियां बहुत पहले शुरू हो जाती है। हमें 1 फरवरी को बजट मिल जाता है लेकिन इसके पीछे कितनी मेहनत और कठिनाई में शामिल है आओ आज हम इसको जानते हैं।
केंद्रीय वित्त और कारपोरेट कार्य मंत्री ने बजट 2023-24 के लिए 21 से 28 नवंबर, 2022 तक वर्चुअल मोड में आयोजित बजट पूर्व परामर्श बैठकों की अध्यक्षता की। बजट पूर्व बैठकों का आज यहां समापन हो गया। इस अवधि के दौरान निद्र्दारित 8 बैठकों में 7 हितधारक समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले 110 से भी अधिक आमंत्रित व्यक्तियों ने भाग लिया। हितधारक समूहों में कृषि एवं कृषि प्रसंस्करण उद्योग, उद्योग, अवसंरचना और जलवायु परिवर्तन, वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजार, सेवा और व्यापार क्षेत्र, सामाजिक क्षेत्र के प्रतिनिधि एवं विशेषज्ञ, ट्रेड यूनियनों और श्रम संगठनों के प्रतिनिधि और अर्थशास्त्री शामिल थे। हितधारक समूहों के प्रतिनिधियों ने आगामी बजट के लिए कई सुझाव दिए जिनमें एमएसएमई की मदद के लिए हरित प्रमाणी करण की व्यवस्था करना, शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए शहरी रोजगार गारंटी कार्यक्रम, आयकर को तर्कसंगत बनाना, नवाचार क्लस्टरों का निर्माण करना, घरेलू आपूर्ति श्रृंखलाओं को बेहतर करने के लिए योजनाएं बनाना, इत्यादि शामिल हैं। वित्त मंत्री ने प्रतिभागियों द्वारा अपने बहुमूल्य सुझावों को साझा करने के लिए उनका धन्यवाद किया और आश्वासन दिया कि बजट 2023-24 तैयार करते समय इन सुझावों पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाएगा।
साथियों बता दें, आगामी बजट के लिए बैठकों का सिलसिला लगातार जारी है। इससे पहले वित्त मंत्री ने सोशल सेक्टर जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास, पानी और साफ-सफाई की व्यवस्था से जुड़े जानकारों के साथ मुलाकात की थीं। वहीं, इससे सेवा एवं व्यापार क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधियों के साथ भी प्री-बजट की गई थी। केंद्र सरकार ने बजट 2023-24 के लिए लोगों से विचार और सुझाव आमंत्रित किए हैं, जिसे अगले साल फरवरी में पेश किया जाएगा। जिसके लिए माय गोव प्लेट फार्म से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर लोगों से सुझाव मांगे हैं।
जनभागीदारी की भावना को बढ़ावा देने के लिए, आर्थिक मामलों का विभाग, वित्त मंत्रालय बजट बनाने की प्रक्रिया को सहभागी और समावेशी बनाने के लिए हर साल नागरिकों से सुझाव आमंत्रित करता है। विज्ञप्ति में कहा गया है, कृपया अपने विचारों और सुझावों को साझा करें जो भारत को समावेशी विकास के साथ वैश्विक आर्थिक महाशक्ति में बदलने में मदद कर सकते हैं। अतीत में, यहां साझा किए गए कई सुझावों को वार्षिक बजट में शामिल किया गया है। अभी तक लोगों ने सुझाव दिया है कि मध्यम वर्ग के ऊपर कर का बोझ कम करने का प्रयास हो। शिक्षा के ऊपर अधिक ध्यान दिया जाए। भारत में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने पर जोर दिए जाने की अधिक आवश्यकता है। नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन में और अधिक तेजी लाई जाए।
इसके अलावा, आगामी बजट में भारत में स्वास्थ्य में क्षेत्रों में सुधार पर अधिक जोर दिया जाए। कुछ लोगों का सुझाव है कि उच्च शिक्षा में अनुसंधान करने वाले विद्यार्थियों के लिए वर्ष में दो बार इंटर्नशिप अनिवार्य करनी चाहिए, जिससे उनको रोजगार मिलेगा और उनकी कार्यशैली में बहुत बड़ा बदलाव होगा।
इसके अलावा, गांवों में सर्वे करवाकर सभी कच्चे रास्तों को पक्की सड़कों में बदलने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को विस्तारित रूप दिया जाए, ताकि गांव में परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके। 10 दिसंबर तक दे सकते हैं सुझाव। आने वाला वित्त वर्ष 2023-24 का बजट वर्तमान सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट होगा। इस वजह से सरकार की कोशिश है कि सभी वर्गों का इसमें ध्यान रखा जाए। 2024 के अप्रैल- मई में लोकसभा चुनाव हो सकते हैं।
साथियों बात अगर हम बजट बनाने वाले स्टाप अधिकारियों की करें तो, बता दें कि 10 दिनों तक दुनिया से दूर अपने काम का अंजाम देने में जुटे कम से कम 100 अधिकारियों और कर्मचारियों को इस अवधि में अपने घर जाने की भी इजाजत नहीं होती है। बजट तैयार होने के दौरान वित्त मंत्री के बेहद वरिष्ठ और भरोसेमंद अधि कारियों को ही घर जाने की इजाजत होती है। जब तक बजट पेश नहीं हो जाता तब तक बजट तैयार करने की प्रक्रिया से जुड़े लोगों की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर इस दौरान वित्त मंत्रालय की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चैबंद होती है। किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वित्त मंत्रालय में नहीं होता है। इस दौरान छपाई से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों को भी बाहर आने या फिर अपने सहयोगियों से मिलने की भी मनाही होती है। अगर किसी विजिटर का आना बहुत जरूरी है तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों कीनिगरानी में अंदर भेजा जाता है। वित्त मंत्रालय में खुफिया विभाग से लेकर के साइबर सिक्योरिटी सेल सबका पहरा रहता है। इन 10 दिनों तक मंत्रालय के अंदर कोई भी मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है। केवल लैंडलाइन फोन के जरिए ही बातचीत हो पाती है। दरअसल, यह चाक चैबंद सुरक्षा व्यवस्था इसलिए की जाती है ताकि देश के वित्तीय लेखा-जोखा को तैयार करने के दौरान कोई भी अंदरूनी जानकारी किसी भी तरह से लीक न हो सके।
यह वजह है कि इस कार्य में जुटे सभी अधिकारी और कर्मचारियों को कड़ी निगरानी के बीच बाहर की दुनिया से दूर रहना पड़ता है। यह इस बात का उदाहरण है कि देश का बजट तैयार करना आसान बात नहीं, बल्कि हर बारीकियों पर बेहद सतर्कता के साथ निगरानी की जाती है ताकि देश के बजट से जुड़ी जानकारियों पूरी तरह से गोपनीय रहें और इन्हें बजट पेश होने से पहले कोई न जान सके।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि आगामी केंद्रीय आम बजट 2023-24 की कवायद शुरू। वित्त मंत्रालय ने आम नागरिकों से 10 दिसंबर 2022 तक सुझाव मांगे हैं। 8 हितधारकों समूहों से बैठक में समाप्त। जनभागीदारी की भावनाओं को बढ़ावा देने, समावेशी विकास के साथ भारत को वैश्विक आर्थिक महाशक्ति में बदलने में आम जनता हित धारकों के सुझाव जरूरी हैं
केंद्रीय बजट फरवरी 2023ः वित्त मंत्रालय ने आम नागरिकों से 10 दिसंबर 2022 तक सुझाव मांगे, आठ हितधारक समूहों से बैठकें समाप्त
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