देश में मुफ्त बिजली को लेकर राजनीतिक दल खूब दांव चल रहे हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और उसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मुफ्त बिजली को चुनावी मुद्दा बनाया। उसके बाद उन्होंने हर राज्य में मुफ्त बिजली देने की बात कही। इसमें उन्हें पंजाब में सफलता भी मिली। आम आदमी पार्टी के ही रास्ते पर चलते हुए कई राज्यों में विभिन्न दलों ने मुफ्त में बिजली देने की बात कही है। जिससे उन्हें चुनावी फायदे की उम्मीद भी होती है। हालांकि, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे बेमतलब की बात बताया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनके पास कोई काम नहीं है वह कुछ भी बोलते रहते हैं। हालांकि, नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार पर भी जबरदस्त तरीके से निशाना साधा।
बिहार के मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि केंद्र को हर नागरिक का कल्याण करना है और यही कारण है कि उन्हें हर राज्य को सामान दर पर बिजली मुहैया कराना चाहिए। सीएम ने वन नेशन वन तारीफ की डिमांड भी कर दी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर देश एक है, सभी नागरिकों का कल्याण करना है तो फिर अलग-अलग रेट क्यों? यह फर्क क्यों है? यह सारा काम तो केंद्र का है। वहीं से सभी को बिजली मिल रही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि प्रदेश के लिए एक ही तरह का रेट होना चाहिए। नीतीश कुमार ने ‘एक देश, एक बिजली शुल्क’ की नीति का आह्वान करते हुए कहा कि कुछ राज्य अन्य की तुलना में ऊंची कीमत पर बिजली खरीदते हैं।
नीतीश ने 15,871 करोड़ रुपये मूल्य की बिजली विभाग की परियोजनाओं का अनावरण करते हुए आगे कहा कि बिहार को अन्य राज्यों की तुलना में केंद्र सरकार के बिजली संयंत्रों से ऊंची दर पर बिजली मिलती है। उन्होंने कहा कि सारे राज्य देश के समग्र विकास में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। मैंने पहले भी कई बार कहा था कि ‘एक देश, एक बिजली शुल्क’ की नीति होनी चाहिए। आखिर कुछ राज्य ऊंची कीमत पर बिजली क्यों खरीद रहे हैं? देश भर में एकीकृत बिजली दर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य में स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगाने का फैसला किया है।