भारत मिशन मोड में आया- मुक्त व्यापार समझौते, मेक इन इंडिया, वोकल फार लोकल का वैश्विक आगाज

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(एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी) वैश्विक स्तरपर कोरोना महामारी के जबरदस्त आघात, घातक प्रहार और यूक्रेन -रूस से चल रहे क्राइसेस उससे उत्पन्न स्थितिपर वैश्विक हलचल, परमाणु युद्ध की आशंका के चलते युवाओं के लिए दुनिया भर में रोजगार का संकट उत्पन्न होते जा रहा है, क्योंकि हर देश अपने भविष्य के लिए असुरक्षित मह सूस कर रहा है, इस कठिन समय में भी दुनिया भर की नजरें भारत पर जिज्ञासा भरी नजरों से देख रही है और दुनिया के विशेषज्ञों का भारत के विकास के बारे में आशा विंत होना स्वाभाविक है, क्योंकि भारत दुनिया के आर्थिक रूप से संपन्न 20 देशों के जी-20 मंच की अध्यक्षता कर रहा है और उम्मीद है भारत में मुक्त व्यापार समझौते की झड़ी लगेगी। आस्ट्रेलियन संसद ने 22 नवंबर 2022 को भारत से मुक्त व्यापार समझौते का प्रस्ताव पारित कियाहै जिसका हमारे पीएम ने भी स्वागत किया है। ब्रिटेन पीएम ऋषि सुनक सहित अनेक देशों ने शीघ्र कदम उठाने का भरोसा दिया है। आसियान समूह के सभी देश पहले से ही मुक्त व्यापार समझौते में हैं। चूंकि वैश्विक स्तरपर मंदी के दौर का खतरा मंडरा रहा है, उदाहरण ब्रिटेन मैं 45 वर्षों के सबसे अधिक महंगाई का दौर जारी है, जबकि भारत में मुक्त व्यापार समझौते, मेक इन इंडिया, वोकल फार लोकल 80 हजार से अधिक स्टार्टअप का आगाज हो रहा है। जिसका परिणाम कर्मयोगी प्रारंभ भारत मिशन से रोजगार मेलों की झड़ी सी लग गई है, जो अक्टूबर 2022 से शुरू हुआ था तब धनतेरस के दिन 75226 नए उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दिया गया था, जबकि अभी 22 नवंबर 2022 को 45 से अधिक शहरों में 71 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं, और पीआईएल योजना से 60 लाख से अधिक रोजगार सृजन होने की संभावना व्यक्ति की जा रही है यदि ऐसी ही गति भविष्य में भी रही तो विजन 2047 का हमारा सपना अपनी डेडलाइन से पूर्व ही साकार होगा ऐसा मेरा मानना है। चूंकि इस तरह के रोजगार मेले कई राज्यों में लगाए गए हैं और 24 नवंबर को गोवा 28 नवंबर 2022 को त्रिपुरा में भी रोजगार मेला आयोजित किया गया है, भारत जैसे युवा देश में, हमारे करोड़ों नौजवान इस राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत हैं। अपने युवाओं की प्रतिभा और उनकी ऊर्जा, राष्ट्र निर्माण में ज्यादा से ज्यादा उपयोग में आए, इसे केंद्र सरकार सर्वोच्च प्राथमि कता दे रही है।
साथियों बात अगर हम माननीय पीएम द्वारा 22 नवंबर 2022 को आनलाइन मोड से उपस्थित होकर 45 शहरों के 71 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर संबोद्दन की करें तो उन्होंने महामारी और युद्ध के कारण युवाओं के लिए वैश्विक स्तर पर पैदा हुए संकट का जिक्र करते हुए कहा कि इस कठिन समय में भी दुनिया भर के विशेषज्ञ भारत के विकास पथ के बारे में आशान्वित रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत सेवा क्षेत्र में एक बड़ी ताकत बन गया है और जल्द ही यह दुनिया का विनिर्माण केंद्र भी बन जाएगा। उन्होंने कहा पीएलआई जैसी बड़ी पहल जहां इसमें बड़ी भूमिका निभाएगी, वहीं इसमें देश के युवाओं का और भी महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। पीएलआई योजना से 60 लाख रोजगार सृजित होने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि मेक इन इंडिया, वोकल फार लोकल और स्थानीय को वैश्विक स्तरपर ले जाने जैसे अभियान रोजगार और स्वरोज गार के नए अवसर पैदा कर रहे हैं। सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में नई नौकरियों की संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि ये अवसर युवाओं के लिए उनके अपने शहरों और गांवों में ही उभर रहे हैं। इससे युवाओं की पलायन की मजबूरी कम हुई है और वे अपने क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में समर्थ हो रहे हैं।
एक माह पूर्व रोजगार मेले की शुरुआत का स्मरण कराते हुए उन्होंने कहा कि कई केंद्र शासित प्रदेश और राज्य भी समय-समय पर ऐसे रोजगार मेलों का आयोजन करते रहेंगे। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि हजारों युवाओं को संबंधित सरकारों द्वारा महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली और चंडीगढ़ में नियुक्ति पत्र दिए गए थे। गोवा और त्रिपुरा भी कुछ दिनों में इसी तरह के रोजगार मेले आयोजित करने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भारत के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए इस तरह के रोजगार मेले समय-समय पर आयोजित किए जाएंगे।
संाथियों बात अगर हम कुछ आयात प्रतिस्थापन और रोजगार सृजन के लिए पीएलआई योजना की करें तो, उच्च आयात प्रतिस्थापन और रोजगार सृजन के साथ घरेलू विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने के लिये पीएलआई योजना की कल्पना की गई थी। सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों हेतु पीएलआई योजनाओं के तहत 1.97 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया तथा वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में सौर पीवी माड्यूल के लिए पीएलआई हेतु 19,500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया गया है। क्या है प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम? भारत सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और आयात बिल कम करने के लिए मार्च 2020 में इस योजना की शुरुआत की थी। इसमें सरकार कंपनियों को भारत में बने प्रोडक्ट की बिक्री के आधार पर इंसेंटिव देती है। मार्च 2020 में शुरू की गई इस योजना ने शुरू में तीन उद्योगों को लक्षित किया था, मोबाइल और संबद्ध घटक निर्माण, विद्युत घटक निर्माण और चिकित्सा उपकरण।
साथियों बात अगर हम रोजगार मेले के क्रम की करें तो, आज देश के 45 शहरों में 71 हजार से ज्यादा युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए। यानें आज एक साथ हजारों घरों में खुशहाली के नए दौर की शुरुआत हुई है। पिछले महीने भी 75 हजार नौजवानों को नियुक्ति पत्र बांटे गए थे। अब आज का ये विशाल रोजगार मेला दिखाता है कि सरकार किस तरह शासकीय जॉब देने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है।
साथियों बात अगर हम पीएम कर्मयोगी प्रारंभ माडल की करें तो, पीएम नें इसका भी शुभारंभ किया। यह माड्यूल विभिन्न सरकारी विभागों में सभी नए भर्ती किए गए उम्मीदवारों के लिए एक आनलाइनउन्मुखीकरण (ओरिएंटेशन) पाठ्यक्रम है। इस पाठ्यक्रम में सरकारी कर्मचारियों के लिए आचार संहिता, कार्यस्थल में नैतिकता और अखंडता, मानव संसाधन नीतियां तथा अन्य लाभ और भत्ते शामिल होंगे, जो उन्हें नीतियों के अनुकूल बनने और नई भूमिकाओं में आसानी से बदलाव करने में मदद करेंगे। उन्हें अपने ज्ञान, कौशल औरक्षमताओं को बढ़ाने के लिए दिए गए मेल के प्लेटफार्म पर अन्य पाठ्यक्रमों का पता लगाने का भी अवसर प्राप्त होगा।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि पीएम कर्मयोगी भारत-रोजगार मेलों की झड़ी,भारत मिशन मोड में आया- मुक्त व्यापार समझौता, मेक इन इंडिया,वोकल फार लोकल का वैश्विक आगाज। युवाओं के लिए कौशलता दक्ष क्षमता आधारित नए रोजगार का सृजन विजन 2047 में मील का पत्थर साबित होगा।

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