समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव फिलहाल मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव को लेकर पूरी ताकत लगा रहे हैं। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद से यह सीट खाली हुई थी। अखिलेश यादव ने यहां से अपनी पत्नी डिंपल यादव को चुनावी मैदान में उतारा है। फिलहाल अखिलेश यादव करहल सीट से विधायक हैं और उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। हालांकि, 2019 के चुनाव में अखिलेश यादव ने आजमगढ़ से जीत हासिल की थी और लोकसभा के सदस्य बने थे। यूपी विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बने थे।
इसी के बाद आजमगढ़ में उपचुनाव हुआ और वहां भाजपा ने जीत हासिल की। भाजपा ने दिनेश लाल यादव निरहुआ को चुनावी मैदान में उतारा था। जबकि समाजवादी पार्टी ने पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को वहां उतारा था। आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी का किला माना जाता है। लेकिन वहां से सपा को हार मिली। 2014 में मुलायम सिंह यादव वहां से सांसद बने थे। ऐसे में इस बात की उम्मीद की जा रही थी कि एक बार फिर से 2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, अखिलेश यादव ने एक ऐसा बयान दिया है जिसके बाद से ऐसा लगता है कि कहीं ना कहीं उनका आजमगढ़ से मोहभंग हो चुका है।
अखिलेश यादव से संवाददाताओं ने कहा कि डिंपल यादव को आप मैनपुरी क्यों ले गए? डिंपल तो कन्नौज के सांसद रह चुकी हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि 2024 में भी चुनाव है। रिपोर्टर ने पूछा कि क्या आप खुद आएंगे? जवाब में अखिलेश ने कहा कि क्या करेंगे खाली बैठकर। चुनाव तो लड़ना ही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जहां हम पहला चुनाव लड़े हैं, वहीं से चुनाव लड़ेंगे। इसका मतलब साफ है कि कहीं ना कहीं अखिलेश यादव 2024 में कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, बाद में खुद को संभालते हुए उन्होंने कहा कि यह पार्टी तय करेगी कहां से चुनाव लड़ना है। आपको बता दें कि अखिलेश यादव कन्नौज से सांसद रह चुके हैं।