मोदी ने अरुणाचल के पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का उद्घाटन किया

RAJNITIK BULLET
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 Nov 20, 2022
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘राजनीतिक टिप्पणीकारों ने (2019 में) दावा किया था कि हवाई अड्डे के लिए आधारशिला रखना एक चुनावी हथकंडा है। लेकिन आज जब कोई चुनाव नहीं है, तो हम इस हवाई अड्डे का उद्घाटन कर रहे हैं। यह हवाई अड्डा उनके चेहरे पर एक तमाचा है।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को डोनी पोलो हवाई अड्डे का उद्घाटन किया, जो अरुणाचल प्रदेश में पहला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा है। अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर होलोंगी स्थित यह हवाई अड्डा इस सीमावर्ती राज्य को वाणिज्यिक उड़ानों के जरिये देश के अन्य शहरों के साथ तथा अरुणाचल प्रदेश के अन्य हिस्सों को हेलीकॉप्टर सेवाओं के माध्यम से जोड़ेगा। मोदी ने राजनीतिक टिप्पणीकारों से कहा कि वे सब कुछ राजनीति के चश्मे से देखना बंद करें। हवाई अड्डे की आधारशिला मोदी ने फरवरी 2019 को रखी थी।

प्रधानमंत्री ने कहा,“राजनीतिक टिप्पणीकारों ने (2019 में) दावा किया था कि हवाई अड्डे के लिए आधारशिला रखना एक चुनावी हथकंडा है। लेकिन आज जब कोई चुनाव नहीं है, तो हम इस हवाई अड्डे का उद्घाटन कर रहे हैं। यह हवाई अड्डा उनके चेहरे पर एक तमाचा है।” उन्होंने ‘उज्ज्वल सीमावर्ती ग्राम’ कार्यक्रम के तहत सभी सीमावर्ती गांवों को विकसित करने के सरकार के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। मोदी ने कहा कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र से पलायन में कमी आएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले सीमावर्ती इलाकों की बस्तियों को आखिरी गांव माना जाता था, लेकिन अब उन्हें पहला गांव के तौर पर जाना जाता है।

मोदी ने कहा कि लंबे समय से पूर्वोत्तर की उपेक्षा की जाती रही है, जबकि विकास के मामले में आज इस क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में पूर्वोत्तर में सात हवाई अड्डे बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलती है, चाहे वह पर्यटन हो या व्यापार, दूरसंचार या कपड़ा। मोदी ने कहा, ‘‘नीति निर्माता पहले केवल चुनाव जीतना चाहते थे, जबकि हम केवल राष्ट्र के विकास के लिए काम करते हैं।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने अरुणाचल प्रदेश राज्य के पश्चिम कामेंग जिले में 600 मेगावाट की कामेंग जलविद्युत परियोजना को भी राष्ट्र को समर्पित किया। कामेंग जलविद्युत परियोजना को 80 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में 8,450 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। इससे अरुणाचल प्रदेश के बिजली अधिशेष वाला राज्य बनने और स्थिरता एवं एकीकरण के मामले में राष्ट्रीय ग्रिड को लाभ होने की उम्मीद है। मोदी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में ढांचागत विकास के लिए निकट भविष्य में 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

मोदी ने कहा, ‘‘संपर्क और ऊर्जा बुनियादी ढांचा पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विकास की एक नयी सुबह लाएगा।’’ उन्होंने राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों से उचित संपर्क कायम करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि अरुणाचल प्रदेश के 85 प्रतिशत गांव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि नए हवाई अड्डे के विकास से कार्गो सेवाओं के क्षेत्र में अपार संभावनाएं पैदा होंगी, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के किसान अब अपनी उपज को बड़े बाजारों में बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में किसान पीएम किसान निधि का लाभ उठा रहे हैं।

मोदी ने कहा, “हम राज्य के हर घर और गांव में विकास को गति देने के लिए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं।” अरुणाचल प्रदेश के लोगों को बांस काटने से रोकने वाले औपनिवेशिक कानून का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार कानून को खत्म करने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि बांस राज्य की जीवन शैली का हिस्सा है और इसकी खेती क्षेत्र के लोगों को पूरे भारत और दुनिया में बांस उत्पादों का निर्यात करने में मदद कर रही है। उन्होंने कहा, “अब आप किसी भी अन्य फसल की तरह बांस की खेती, कटाई और बिक्री कर सकते हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि गरीब एक अच्छा जीवन व्यतीत करें। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार देश के विकास के लिए 365 दिन, सातों दिन और 24 घंटे काम करती है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन परियोजनाओं का उद्घाटन करता हूं, जिनकी आधारशिला मेरे द्वारा रखी गई है। बेपरवाह रवैये के दिन गए।’’ अधिकारियों का अनुमान है कि हवाईअड्डा से क्षेत्र के करीब 20 लाख लोगों को सेवा मिलेगी और इससे कनेक्टिविटी, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

उन्होंने केंद्र सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उड़ान’ पर एक कॉफी-टेबल बुक का विमोचन भी किया। इस मौके पर राज्य के राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) डॉ बी डी मिश्रा, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी उपस्थित थे। खांडू ने अपने संबोधन में कहा कि हवाई अड्डे का नामकरण अरुणाचल प्रदेश के लोगों की सूर्य (डोनी) और चंद्रमा (पोलो) के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है। अधिकारियों ने कहा कि डोनी पोलो हवाई अड्डे को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा 645 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित किया गया है तथा इसमें आठ चेक-इन काउंटर होंगे, जो व्यस्त समय के दौरान 200 यात्री समायोजित कर सकते हैं।

तेईस सौ मीटर के रनवे वाला हवाई अड्डा सभी मौसमों में उड़ानों के संचालन के लिए उपयुक्त है। देश के सबसे पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश में कोई हवाई अड्डा नहीं था। निकटतम हवाई अड्डा 80 किलोमीटर दूर असम के उत्तरी लखीमपुर जिले में लीलाबाड़ी हवाई अड्डा है। हालांकि, राज्य में पासीघाट और तेजू सहित कुछ उन्नत लैंडिंग ग्राउंड हैं। खांडू ने कहा कि 2014 के बाद कई उन्नत लैंडिंग ग्राउंड बने। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में जलविद्युत की बहुत संभावनाएं हैं और ऐसी कई परियोजनाओं को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि केंद्र ने 2,500 किलोमीटर की सड़क के निर्माण के लिए 40,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।

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