(संतोष उपाध्याय)
सरोजिनी नगर। राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर प्रथम वार्ड चार के अंतर्गत आने वाले गौरी गांव को दो वार्डों में विभाजित करने के विरोध में दिन सोमवार को यहां के निवासियों शिव बालक, अवधेश कुमार साहू, रामरतन साहू, राजेंद्र कुमार, सरोज कुमार, फूलचंद, राम नरेश शर्मा, भाईलाल, ब्रजकिशोर रावत आदि लगभग 100 लोगों ने हस्ताक्षर युक्त पत्र मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश नगर आयुक्त लखनऊ नगर प्रमुख लखनऊ व विधायक सरोजनी नगर राजेश्वर सिंह को शिकायती पत्र भेजकर बताया। गौरी गांव को सन 1989 में नगर निगम में सम्मिलित किया गया था, किंतु आज तक यहां के नागरिक नगरीय सुविधाओं से वंचित है। न ही जल निकासी की कोई व्यवस्था है न ही सीवर लाइन बनी है और न ही पानी की टंकी बनी किंतु यहां के निवासियों से तभी से कर के रूप में हाउस टैक्स आज तक बराबर वसूला जा रहा है। इसके साथ ही यहां कभी नालियों की सफाई नहीं होती। पूरे लखनऊ में डेंगू और संक्रमण के बुखार से लोग पीड़ित हो रहे हैं। सरोजनी नगर का क्षेत्र भी अछूता नहीं है। इसके बावजूद भी यंहा के रास्तों में कचरा भरा पड़ा है, बरसात का पानी तो दूर की बात गांव के घरों से निकलने वाला गंदा पानी जगह-जगह भरा पड़ा है जिससे संक्रमण के तेजी से बढ़ने की संभावनाएं बढ़ रही है लोगों का निकलना दूभर है । यहां से निर्वाचित होने वाले पार्षदों ने भी यहां कभी ध्यान नहीं दिया। अब वर्ष 2022 में हो रहे नए परिसीमन में गौरी गांव को ही दो भागों में विभाजित कर दिया गया। आधा हिस्सा सरोजनी नगर प्रथम में तो दूसरा आधा हिस्सा बिजली पासी वार्ड में सम्मिलित कर दिया गया। जिसके चलते अब यहां पर और भी किसी भी प्रकार के कार्य होने की संभावनाएं खत्म हो गयी हैं। उन्होंने कहा नगर निगम चुनाव से पूर्व बन रही सूची में सुधार कर गौरी गांव को किसी एक वार्ड में सम्मिलित नहीं किया जाता है तो हम सभी गांव वाले इस नगर निगम चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
गौरी गांव को नए परिसीमन में दो भागों में विभाजित करने पर हुए ग्रामीण नाराज
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