(बीके सिंह) सीतापुर। शासन द्वारा शासनादेश तो किसान हित में जारी किए जाते हैं, परंतु इसके लिए जिम्मेदार प्रशासन तू डाल- डाल मैं पात-पात कहावत को चरितार्थ कर अपना उल्लू सीधा करने में लगा है। यह बात राष्ट्रीय सचिव/प्रदेश प्रभारी किसान मंच शिव प्रकाश सिंह ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि जनपद सीतापुर में धान क्रय केंद्र चयन प्रक्रिया में कौन सा माप दण्ड अपनाया गया, यह सोंच से परे है। बतौर उदाहरण सीतापुर मुख्यालय से सटे ब्लाक ऐलिया, हरगांव, परसेंडी, खैराबाद, महोली में नाम मात्र धान क्रय केंद्रों का चयन किया गया, सभी जिम्मेदारों को पता है कि इन सभी ब्लाकों में पर्याप्त मात्रा में धान पैदा होता है। आश्चर्य इस बात का है कि गांजर क्षेत्र के ब्लाकों में जहां बाढ़ के कारण हमेशा किसी फसल की कोई गारंटी नहीं होती। सर्वाधिक क्रय केंद्र उसी क्षेत्र के लिए निर्गत किए गए। साथ ही क्रय विक्रय समिति और सहकारी संघ के 52 क्रय केंद्रों के संचालन पर रोक के लिए अपर आयुक्त खाद्य ए के सिंह द्वारा जारी शासनादेश ठंडे बस्ते में डाल कर सिर्फ धन उगाही का जरिया बना लिया। जिला सहायक उप निबंधक सहकारिता नवीन चंद्र शुक्ल, डिप्टी आर एम ओ अरविंद दुबे के साथ पी सी एफ जिला प्रबंधक अतुल चैधरी की अगुवाई में शासन द्वारा जारी धान खरीद नीति को दफनाकर हर तरह से किसानों का शोषण किया जा रहा है। किसानों के साथ जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे अन्याय के विरुद्ध शीघ्र ही किसान मंच सीतापुर पदाधिकारियों द्वारा पांच नवंबर की मासिक बैठक में विचार विमर्श के बाद धान क्रय केंद्रों पर वास्तविकता के साथ प्रमाण इकठ्ठा कर जिला मुख्यालय पर आंदोलन के लिए समय सुनिश्चित किया जाएगा!
समूचे सीतापुर में धान खरीद के नाम पर क्रय केंद्रों में चल रहा गोरखधंधा -शिव प्रकाश सिंह
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