कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि सांप्रदायिक उन्माद के ख़िलाफ बोलने से अगर मेरे खिलाफ एक नहीं एक लाख भी एफआईआर दर्ज हो जाए तो मुझे अफसोस नहीं है। जो मेरा ट्वीट था उसमें भी मैंने प्रश्न ही पूछा था, वो तस्वीर खरगोन की नहीं थी इसलिए मैंने उस ट्वीट को डिलीट कर दिया।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि सांप्रदायिक उन्माद के ख़िलाफ बोलने से अगर मेरे खिलाफ एक नहीं एक लाख भी एफआईआर दर्ज हो जाए तो मुझे अफसोस नहीं है। जो मेरा ट्वीट था उसमें भी मैंने प्रश्न ही पूछा था, वो तस्वीर खरगोन की नहीं थी इसलिए मैंने उस ट्वीट को डिलीट कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा मेरे खिलाफ नहीं पूरे देश के खिलाफ एजेंडा चला रही है।
क्या है पूरा मामला ?
खरगोन में रामनवमी के जुलूस के दौरान पथराव, कुछ वाहनों और घरों में आगजनी की घटनाओं के बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया। इसके साथ ही शिवराज सरकार ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा था कि दंगाईयों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। मध्य प्रदेश की धरती में दंगाईयों का कोई स्थान नहीं है और फिर खरगोन में आरोपियों के मकानों और दुकानों पर सरकारी बुलडोजर चलाया गया।
सरकारी कार्रवाई को लेकर दिग्विजय सिंह खफा हो गए और उन्होंने एक फोटो शेयर करते हुए खरगोन प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा था कि क्या खरगोन प्रशासन ने हथियारों को लेकर जुलूस निकालने की इजाजत दी थी ? लेकिन उन्होंने जो फोटो साझा किया था वो मध्य प्रदेश का नहीं बल्कि बिहार का था। जिसके कुछ वक्त बाद उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया लेकिन वह काफी ज्यादा वायरल हो चुका था।