खनन कारोबारी कर रहे अवैध बालू खनन, प्रशासन नही कर रहा कार्यवाही

RAJNITIK BULLET
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(रितेश कुमार) फतेहपुर। तहसील खागा के अंतर्गत किशनपुर थाना क्षेत्र के संगोलीपुर व गुरुवल मोरंग खदान में खदान संचालकों द्वारा तहसील प्रशासनिकों व विभागीय अधिकारियों की सांठ गांठ से सरे आम खनन नियमावली की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं –
– खदान संचालकों द्वारा आवंटित भू भाग से अधिक क्षेत्रफल में बड़ी बूम वाली मशीनों को जल धारा में उतारकर बड़े पैमाने पर किया जा रहा मोरंग का अवैध खनन।
– सी सी टीवी कैमरों को बंद कर दिन में कम रात के अंधेरे में अधिक किया जा रहा मोरंग खनन।
– खनन खण्डों से ही धड़ल्ले से कराया जा रहा मोरंग का ओवरलोड परिवहन।
– खनन खण्डों के बाहर लगाए गये धर्म काँटे बने हुए हैं शो पीस।
– ओवर लोड मोरंग लदे वाहनों की चपेट में आने से संगोलीपुर व गुरुवल मोरंग खदान में अब तक हो चुके हैं कई दर्दनाक हादसे जा चुकी हैं कई लोगों की जानें।
– करोड़ो की लागत से बनाई गई क्षेत्रीय सड़कें भी मोरंग के ओवर लोड वाहनों के दिन रात फर्राटा भरने की वजह से हो रही हैं खस्ता हाल।
खदान संचालकों की मनमानी के बावजूद सबकुछ जानते हुए भी उनके खिलाफ बजाय कोई कार्यवाही सुनिश्चित करने के जिम्मेदार तहसील प्रशासनिक समेत विभागीय अधिकारी भी खदान संचालकों की काली कमाई में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित कर खदान संचालको को मोरंग की लूट की खुली छूट दे रहे। जिम्मेदार मूक दर्शक बन धृतराष्ट्र की भूमिका अदा कर रहे खदान संचालन के शुरुआती दौर से अब तक बड़े पैमाने पर किये जा रहे मोरंग के नियम विपरीत अवैध खनन के सैकड़ांे बार जीपीएस व लाइव वीडियोज वायरल होने के बावजूद भी दोनों खदानों में एक भी खदान में मामले की सत्यता को परखने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों डीएम व एस डी एम का पगफेरा नहीं हुआ।
लगातार कई कई दिनों तक शोसल मीडिया समेत अखबारों में मोरंग के अवैध खनन ओवरलोड परिवहन की खबरें प्रकाशित होने पर स्वयं की बदनामी से बचने के लिए जिम्मेदारों द्वारा केवल राजस्व टीम को खदान तक भेज जांच की औपचारिकता पूरी की जा रही है।
कार्यवाही से बचने के लिए खदान संचालको द्वारा जिम्मेदार प्रशासनिकों समेत विभागीय अधिकारियों को मैनेजिंग शर्त के अनुसार माहवारी के रूप में हर माह मुहैय्या लाखों रुपये की एकमुश्त रकम कराई जाती है। खदानों में ब्याप्त भारी अनियमितताओं के बावजूद भी खदान संचालकों के खिलाफ जिम्मेदार तहसील व जिला प्रशासनिकों द्वारा कोई प्रभावी कार्यवाही ना करने से स्थानीय जिम्मेदारों की ईमानदार कार्यशैली पर बदनुमा दाग लगा रहे है।

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