(राममिलन शर्मा) रायबरेली। केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। इसके तहत सरकार द्वारा विभिन्न अभियान चलाए जा रहे हैं। क्षय रोगियों को चिन्हित करने के लिए साल में दो बार सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान चलाया जाता है। इसी क्रम में अब उपचारित टीबी मरीजों को गोद लेने का अभियान चलाया जा रहा हैै। विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च) पर इस अभियान की शुरुआत होगी। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनुपम सिंह ने दी।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया- जिले में गोद लेने हेतु 929 टीबी मरीजों की पहचान की गई है जिसमे 134 बच्चों व 795 वयस्क क्षय रोगी शामिल हैं। इनमें से 36 गणमान्य व्यक्तियों व संस्थानों द्वारा 510 क्षय रोगी विश्व क्षय दिवस पर गोद लिए जाएंगे। टीबी के सक्रिय मरीजों की पहचान कर उन्हें समुचित इलाज मुहैया कराने के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों एवं स्वयं संभ्रांत व्यक्तियों द्वारा गोद लिया जा रहा है। स्वयंसेवी संगठन, शैक्षणिक संस्थान एवं संभ्रांत व्यक्ति गोद लेने वाले टीबी मरीजों के इलाज, दवा और उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने के साथ ही पौष्टिक आहार की किट भी उपलब्ध कराएंगे। यह पौष्टिक आहार किट हर माह दी जाएगी जिसमें एक-एक किलो मूंगफली, भुना चना, गुड़ और सत्तू होगा। इसके साथ ही तिल या गजक या अन्य सामान भी होगा।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया-एक जनवरी से अभी तक जनपद में कुल 1151 क्षय रोगी मिले हैं। एसीएफ में कुल 112 मरीजों की पहचान हुई है। अब तक कुल 510 क्षय रोगी गोद लिए जा चुके हैं। क्षय रोगियों को पोषण हेतु इलाज के दौरान निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं।
विश्व क्षय रोग दिवस पर आज गोद लिए जायेंगे टीबी मरीज
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