(राममिलन शर्मा) डलमऊ रायबरेली। वन विभाग की मिलीभगत के चलते दिन दहाड़े हरे भरे पेड़ों का कटान जारी है।
जिसके कारण हरे भरे पेड़ों की संख्या लगातार घटती जा रही है। काटे गये पेड़ों की लकड़ी टैक्टर ट्राली से लादकर जाया करती है। डलमऊ कोतवाली क्षेत्र में इन दिनों अवैध रूप से हरे वृक्षों को दिन दहाड़े काटा जा रहा है। ऐसा लगता है कि सुबह से लेकर शाम तक लकड़ी माफिया वृक्षों पर कुल्हाड़ी चलवाते रहते हैैं और लकड़ी को एक निश्चित स्थान पर डंप कर देते है। उसके बाद लकड़ी को टैक्टर ट्राली में लादकर ले जाते है और वन विभाग के इशारे पर टैक्टर ट्राली पर रोज न रोज बड़े बड़े लकड़ी के बोटे लादकर मखदूम पुर, जोहवा नटकी एक्साना उर्फ करकसा गांव वाले रास्ते से निकलते है। लकड़ी भरे टैक्टर ट्राली। आम आदमी को तो दिखाई देते है लेकिन टैक्टर ट्राली न तो वन विभाग को दिखाई दे रहे है। इस अवैध कटान को रोकने व पर्यावरण को देखते हुए सरकार हरे भरे पेड़ो को काटने से रोक लगा रही है लेकिन कटान पर अंकुश लगा पाना कठिन साबित हो रहा है।
इसके बावजूद इधर उधर के पीछे, जंगलों में नजर डाले तो एक भी छायादार वृक्ष नही दिखाई देगा। जिसके नीचे बैठकर धूप व गर्मी से बचा जा सके। जबकि एक दशक पूर्व इन जंगलों में नीम, जामुन, शीशम, बरगद, पीपल, के बड़े -बड़े वृक्ष लगे थे जो लोगों को शीतलता प्रदान करते थे। लेकिन अवैध कटान व वन विभाग की मिलीभगत के चलते जंगल का नामो निशान मिट गया और जो पेड़ बचे है उन पर भी संकट छाया है। सभी अधिकारियों का रटा रटाया एक ही जवाब होता है उसके बावजूद भी कटान लगातार होता रहता है।
वन विभाग व पुलिस की मिलीभगत से कीमती पेड़ों पर हो रहा अवैध कटान
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