बीएसएफ सेना की अभियानगत कमान के तहत भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा की रक्षा करती है और इसकी कुछ इकाइयाँ नगरों में भी कानून-व्यवस्था संबंधी दायित्व के लिए तैनात हैं। घाटी में नए बंकर स्थापित किए गए हैं और लोगों की तलाशी बढ़ा दी गई है।
कश्मीर में आम नागरिकों की लक्षित हत्याओं की आतंकी घटनाओं में वृद्धि के चलते केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के 5,500 से अधिक अतिरिक्त जवानों को घाटी में भेजा गया है। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा को चाक चौबंद करने और जमीन पर बलों की तैनाती दिखने की रणनीति के तहत सीएपीएफ की नयी कंपनियां घाटी भेजी गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले महीने निर्देश दिया था कि आम नागरिकों की लक्षित हत्याओं के मद्देनजर केंद्रीय बलों की लगभग 55 नयी कंपनी कश्मीर घाटी में तैनात की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कवायद की अंतिम पांच कंपनी अगले सप्ताह तक तैनात हो जाएंगी।
इनमें से 25 कंपनियां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की हैं और शेष सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की हैं। सीएपीएफ की एक कंपनी में लगभग 100 कर्मी होते हैं। सीआरपीएफ को जम्मू कश्मीर में कानून और व्यवस्था तथा आतंकवाद रोधी दायित्व के लिए व्यापक रूप से तैनात किया गया है जिसकी लगभग 60 बटालियन (प्रत्येक में लगभग 1,000 कर्मी) कश्मीर में ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों में नियमित तैनाती के रूप में हैं। बीएसएफ सेना की अभियानगत कमान के तहत भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा की रक्षा करती है और इसकी कुछ इकाइयाँ नगरों में भी कानून-व्यवस्था संबंधी दायित्व के लिए तैनात हैं। घाटी में नए बंकर स्थापित किए गए हैं और लोगों की तलाशी बढ़ा दी गई है तथा केंद्रीय और राज्य पुलिस के कर्मी लगातार वाहनों की जांच कर रहे हैं। यहां तक कि लाल चौक के आसपास के इलाकों में महिलाओं की तलाशी के लिए सीआरपीएफ की महिला जवानों को भी तैनात किया गया है।
जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी में एक अक्टूबर से अब तक कम से कम 14 लोगों की जान जा चुकी है। मारे गए लोगों में से पांच बिहार के मजदूर थे, जबकि दो शिक्षकों सहित तीन लोग कश्मीर के हिन्दू-सिख समुदाय से थे। अधिकारियों ने कहा कि संयुक्त अभियान के दौरान सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों ने इस साल केंद्रशासित
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को केंद्रशासित प्रदेश में सुरक्षा हालात का जायजा लिया जिसके बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो गये जहां उन्हें एक अहम बैठक में हिस्सा लेना है। सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल ने सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए बैठक की अध्यक्षता की। इसमें पुलिस, सेना, अर्धसैनिक बल और खुफिया एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। बैठक में हत्या की हालिया घटनाओं पर भी चर्चा हुई।
दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर को ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (यूसीसीएन)’ में शामिल किये जाने से शहर में खुशी का माहौल है। प्रभासाक्षी संवाददाता ने इस मुद्दे पर शहर के प्रतिष्ठित लोगों और अधिकारियों से बातचीत की। यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में शामिल किये जाने पर श्रीनगर के लोगों ने कहा है कि यहां की कला और हस्तशिल्प को मान्यता अथक प्रयासों का नतीजा है।