विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि टिका ना लगवाने वाले लोगों में वायरस और तेजी से बदल रहा है। उनके बॉडी में मौजूद वायरस म्यूटेशन के लैब के रूप में काम कर रहा है। आने वाले समय के लिए खतरनाक होगा।
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि टिका ना लगवाने वाले लोगों में वायरस और तेजी से बदल रहा है। उनके बॉडी में मौजूद वायरस म्यूटेशन के लैब के रूप में काम कर रहा है। आने वाले समय के लिए खतरनाक होगा। कुछ और विशेषज्ञों का दावा है कि आने वाले दिनों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ेंगे और उनमें बदलाव हो सकते हैं जिसकी वजह से संक्रमण की संख्या दोगुनी हो सकती है और जो नया वेरिएंट आएगा वह और भी खतरनाक होगा। आपको बता दें कि दूसरी ओर भारत सरकार ने लोकसभा को बताया कि देश में चार अगस्त तक कोविड के डेल्टा प्लस स्वरूप के 83 मामले सामने आए। स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक महाराष्ट्र में 33, मध्य प्रदेश में 11 और तमिलनाडु में 10 मामले दर्ज किए गए हैं। मंत्री ने बताया कि वायरस के ‘जिनोमिकट डेटा’ का विश्लेषण लगातार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्यों को नियमित रूप से इसका परामर्श भेजा जाता है कि वे जिनोमी सिक्वेंसिंग के लिए नमूने भेजें।
वहीं, अमेरिका में हर दिन कोविड-19 के औसतन एक लाख नए मामले सामने आ रहे हैं, जो सर्दियों में चरम पर पहुंचे मामलों से अधिक हैं। यह दिखाता है कि वायरस का डेल्टा स्वरूप कितनी तेजी से देशभर में फैला है। देश में जून के अंत से ही हर दिन औसतन 11,000 मामले सामने आ रहे है। अब यह संख्या 1,07,143 हो गई है। अमेरिका को 1,00,000 औसत मामलों का आंकड़ा पार करने में करीब नौ महीने लगे। जनवरी की शुरुआत तक मामले करीब 2,50,000 पर पहुंच गए थे। 70 प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी के टीकाकरण के बावजूद मामले बढ़े हैं। यह वायरस उन लोगों में तेजी से फैल रहा है जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है। दक्षिणी अमेरिका में फ्लोरिडा, लुसियाना और मिसीसिप्पी में अस्पताल मरीजों से भर गए हैं।