गठजोड़ ने विपक्ष का उत्साह बढ़ाया – 1977 का इतिहास दोहराने की राह दिखलाया

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पटना में विपक्षी गठजोड़ का सफल आगाज – वाशिंगटन डीसी से भारत को ताज – जनता जनार्दन तय करेगी किसको पहनाना है ताज
वैश्विक स्तरपर पूरी दुनिया के लिए 23 जून 2023 का दिन यादगार माना जाएगा जिसमें दुनिया की महाशक्ति की टेक्नोलॉजी पावर तथा भारत की संभावना का जज्बा, संसाधनों का अंबार और युवा ह्यूमन शक्ति का अभूतपूर्व खजाना जब मिल जाए तो पूरे विश्व को कल्याण के की राह पर ले जाया जा सकता है और दुनिया में भारत की साखघ् प्रतिष्ठा और बल को महसूस किया जिस तरह भारत के 140 करोड़ जन संख्या के प्रतिनिधि का 21 से 24 जून 2023 के शानदार स्वागत राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति से लेकर पूरी संसद द्वारा जिस तरह गर्मजोशी से उनका सम्मान और स्वागत किया गया उससे हर भारत वासी का सीना गर्व से चैड़ा हो गया है। दूसरी तरफ हमने भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती का एक महत्वपूर्ण उदाहरण पटना में 23 जून 2023 को निर्धारित महागठ बंधन के लिए प्रस्तावित सभा के सकारात्मक परिणाम आए जब विपक्ष का दमदार गठजोड़ आखिर बन ही गया जो उसका उत्साह बढ़ाएगा और सत्ताधारी पक्ष को मुश्किलों से जरूर बढ़ाएगी क्योंकि यदि अधिकतम लोक सभा सीटों पर एक साझा उम्मीदवार उतारा गया जो पक्ष को मुश्किलों के सामने करने पड़ सकते हैं इसके लिए पहले से तैयार माननीय पीएम ने वैश्विक वाशिंगटन डीसी में अपनी उपलब्धियों का भंडारा पिटारा खोलकर 9 वर्षों का लेखा-जोखा बताया और उसके सम्मान में अमेरिकी संसद में संसद 15 से उठने और 79 बार जोरदार तालियां बजाए जो रेखांकित करने वाली बात है क्योंकि 23 जून 2023 को जो मह त्वपूर्ण बातें हुई इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे विपक्ष से कहा जानदार गठजोड़ बनाम वाशिंगटन डीसी से उत्साह ताबड़तोड़।
साथियों बातें कर हम पटना में 23 जून 2023 को हुए दमदार गठजोड़ की करें तो विपक्षी बैठक खत्म होने के बाद विपक्ष के नेताओं के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंससी ने कहा कि एक साथ चलने पर सहमति हुई है. अलगी बैठक कुछ ही दिन बाद करने का निर्णय लिया गया है। अलगी बैठक में सब कुछ तय कर लिया जाएगा। साथियों बात अगर हम विपक्षी द्वारा 1971 का इति हास दोहराने की राह पकड़ने की करें तस 20 मार्च 1977 का वो ऐति हासिक दिन। 6वीं लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनकी पार्टी सत्ता गंवा चुके थे और जनता दल पहली बार इलेक्शन जीतकर सर कार बना रही थी। इस बद लाव से देशभर में जनता दल समर्थक सड़क पर उत्साह मना रहे थे।लोकसभा चुनाव के इतिहास में यह वो पल था, जब बिना पीएम चेहरे के विपक्षी दल ने उस वक्त की सबसे ताकतवर नेता को हरा दिया था। इस चुनाव में इंदिरा गांधी के लिए यह हार इसलिए भी बेहद निराशा जनक थी, क्योंकि वह अपनी सीट रायबरेली भी नहीं जीत सकी। 1977 लोकसभा चुनाव की बात अचानक क्यों उठ रही है दरअसल, दिग्गज भारतीय राजनेता और महा राष्ट्र के पूर्व सीएम शरद पवार ने इस पर बयान दिया है। विपक्ष के पीएम फेस पर अभी तक कोई एक राय न होने पर बात करते हुए शरद पवार ने कहा कि ऐसा नहीं है कि यह पहली बार है, 1977 में भी ऐसा ही था। तो फिर इस बार हम क्यों नहीं जीत सकते। चलिए जानते हैं कि 1977 में ऐसा क्या हुआ कि इतनी ताकत के बावजूद इंदिरा गांधी हार गई?
साथियों बातें कर हम वाशिंगटन डीसी में पीएम के सम्मान की करें यूएस कांग्रेस में पहुंचने पर अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और प्रतिनिधि सभा के स्पीकर केविन मैकार्थी ने उनका स्वा गत किया इसके बाद पीएम ने हाथ जोड़कर नमस्कार के जरिए अपनी बात की. उन्होंने एक-एक करके पिछले 9 साल में भारत के जनजीवन में आए बदलावों से अमेरिकी कांग्रेस और पूरी दुनिया को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि आज से 9 साल पहले भारत अर्थव्य वस्था के मामले में दुनिया में 10वें नंबर पर था लेकिन अब वह 5वें नंबर पर पहुंच चुका है और जल्द ही 3 नंबर पर पहुंच जाएगा। भारत की सांस्कृतिक विविधता से अवगत कराते हुए उन्होंने कहा कि इंडिया में ढाई हजार राजनी तिक पार्टियां, 22 आधिका रिक भाषाएं और सैकड़ों बोलियां हैं. इसके बावजूद देश के मसलों पर पूरा देश एक स्वर में बोलता है. भारत में जाति-धर्म, भाषा या क्षेत्र के आधार पर किसी से भेद भाव नहीं होता और सबको पूरे अधिकार हैं.स्वास्थ क्षेत्र में भारत की ताकत का अह सास कराते हुए पीएम ने कहा कि भारत अब फॉर्मेसी का ग्लोबल है. दुनिया में सबसे ज्यादा दवाइयां भारत में बनती और निर्यात की जाती है. कोरोना काल में भी भारत ने 2 टीकों का आविष्कार करके उसे जन-जन तक पहुंचाया. निर्धन देशों को यह दवा निशुल्क सप्लाई की गई. जिससे लाखों जिंदगियां बचाने में मदद मिली। अगर हम उपरोक्त प्रकरण कायम करो उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि, विपक्ष का दमदार गठजोड़ बनाम वाशिंग टन डीसी से उत्साह ताबड़ तोड़। गठजोड़ ने विपक्ष का उत्साह बढ़ाया – 1977 का इतिहास दोहराने की राह दिखला या पटना में विपक्षी गठजोड़ का सफल आगाज – वाशिंगटन डीसी से भारत को ताज-जनता तय करेगी किसको पहनाना है ताज।

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