कैंसर पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए राज्य सरकार ने सामाजिक संस्था से किया समझौता

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(शमशाद सिद्दीकी) भारत के बच्चों में तेजी से फैल रहे कैंसर की रोकथाम के लिए सोमवार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश व कैनकिड्स किड्सकैन के मध्य मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार दुर्गा शंकर मिश्र की मौजूदगी में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया। समझौते में कैंकिड्स किडस्कैन व परिवार कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के कैंसर से संबंधित विभागों के साथ मिलकर बच्चों में तेजी से फैल रही कैंसर बीमारी की जानकारी, देखभाल व सहायता के लिए मिलकर मजबूती से काम करने का संकल्प लिया गया। इस मौके पर मौजूद रहे मुख्य सचिव दुर्गा प्रसाद मिश्र ने कैंकिड्स केडिस्कन की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों में तेजी से फैल रही कैंसर बीमारी की रोकथाम के लिए हर संभव सहायता मिलनी चाहिए। कैंसर से बचे लोग कैंसर विजेता होते हैं। मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थव सारथी सेन शर्मा की मौजूदगी में राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन की निदेशक श्रीमती अपर्णा उपाध्याय व कैंकिड्स केडिस्कन की संस्थापक अध्यक्षा श्रीमती पूनम बगई के समझौता पत्र पर हस्तक्षार किया। इस मौके पर एनएचएम के महाप्रबंधक डा0 मनोज शुक्ला, डीजीएम डा0 रेशमा, कैंनकिडस किड्सकैन स्टेट को- आर्डिनेटर डा0 योगिता भाटिया समेत आरएम एलआईएमएस की निदेशक डा0 सोनिया नित्यानंद, निदेशक एसजी पीजीआई डा0 आरके धीमान व एनएचएम के कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। समझौते पर हुए हस्ताक्षर के उपरांत कैनकिड्स केडिस्कैन संस्था की संस्थापक अध्यक्षा पूनम बगाई ने रायबरेली रोड के वृंदावन योजना सेक्टर – 6 स्थित अपने कार्यालय में बताया की संस्था का लक्ष्य वर्ष 2030 तक राज्य में प्रत्येक कैंसर से पीड़ित बच्चे की 60ः उत्तरजीविता और 100ः देखभाल तक पहुंचना है। उन्होंने कहा कि कैंसर पीड़ित बच्चे के परिवार को जानकारी देकर उपचार केंद्र तक पहुंचाने के साथ-साथ उसके निदान, उपचार, देखभाल और सहायता के सर्वोत्तम मानकों तक साझा देखभाल की निरंतरता बनाना और पीड़ित बच्चे के अभिभावकों को उचित और अद्यतन देखभाल की जानकारी साझा करने का लक्ष्य होना चाहिए । जिससे ऐसे बच्चों के गरीब माता पिता को आर्थिक, मानसिक व शारीरिक पीड़ा से बचाया जा सके। संस्था की स्टेट कोआर्डिनेटर डा0 योगिता भाटिया ने बताया कि पूरी दुनिया के कुल कैंसर पीड़ित बच्चों में 04 प्रतिशत व पूरे भारत में 20 प्रतिशत कैंसर पीड़ित बच्चे सिर्फ उत्तर प्रदेश के होते हैं। जिनमे 70 प्रतिशत बच्चों को इलाज ही नही मिल पा रहा है, जबकि समुचित इलाज से लगभग 85 प्रतिशत बच्चे स्वस्थ हो जाते है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्था ऐसे पीड़ित बच्चों को चिन्हित कर जांच के उपरांत सारी औपचा- रिकताएं पूरी कर इलाज शुरू कराती हैं। इस कार्य के लिए हमारी टीम उत्तर प्रदेश समेत आठ राज्यों में बृहद रूप से काम कर रही है। संस्था के लोग पीड़ित बच्चे के माता पिता को बच्चे की देखभाल, सहयोग और इलाज की बेहतर जानकारी देते हैं जिससे वह अपने घर में भी पीड़ित बच्चे की सही देखभाल कर सकें।

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