(संदीप सक्सेना)
बलरामपुर। टीबी बीमारी की शीघ्र पहचान कर उसका इलाज शुरु करने से जहाँ एक ओर रोगी को जल्द इससे छुटकारा मिल जाता है, वहीं बीमारी के प्रसार पर भी रोक लग जाती है। इसके लिए हर साल की तरह इस बार भी जिले में सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान चलाया गया ह। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सजीवन लाल ने दी।
क्षय रोग अधिकारी मंगलवार को टीबी क्लीनिक के सभागार में सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान को सफल बनाने के लिए आयोजित प्रेस-कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थ। जिला क्षय रोग अधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि जिले के सभी नौ ब्लाकों में यह अभियान चलाया जाएगा। इसमें जिले की कुल जनसंख्या 25 लाख में से 20 प्रतिशत यानि पांच लाख घरों का सर्वे कर लोगों को टीबी के प्रति सचेत किया जाएगा। टीबी के लक्षणयुक्त व्यक्तियों की जाँच और पाजिटिव मिलने वालों का शीघ्रातिशीघ्र इलाज शुरु कराया जाएगा। दो चरणों में प्रस्तावित इस अभियान के पहले चरण में 20 से 23 फरवरी तक सघन आबादी वाले जगहों जैसे- वृद्धाश्रम, नवोदय विद्यालय, जिला कारागार एवं सभी मदरसों में शिविर लगाकर लोगों को टीबी के लक्षण, रोकथाम और इलाज के प्रति जागरुक किया जाएगा। टीम द्वारा लोगों से बातचीत के दौरान लक्षण के आधार पर संभावित मिले लोगों की टीबी जाँच उनके निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पर करायी जाएगी और पाजिटिव मिलने वालों को स्वास्थ्य केन्द्र बुलाकर त्वरित उपचार शुरु किया जाएगा।
वहीं 24 फरवरी से 05 मार्च तक शहरी एवं ग्रामीण मलिन बस्ती एवं हाई रिस्क जनसंख्या (एचआईवी और मधुमेह) को कवर करना है। इसमें सब्जी मंडी, फल मंडी, लेबर मार्केट, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, ईट भट्ठा के साथ साप्ताहिक बाजार में जन जागरुकता फैलाने के साथ हीं मरीजों को चिंहित किया जाएगा। जिला जेल के सभी बंदियों की टीबी व एचआईवी जांच कराए जाने का शासनादेश मिला है। इसके साथ ही जिला क्षय रोग अधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने में मीडिया की अहम भूमिका है। उन्होंने जिले के मीडिया बंधुओं से अभियान की सफलता में सहयोग की अपेक्षा की।
अभियान को लेकर की गयी तैयारियों पर जानकारी देते हुए राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक अविनाश विक्रम सिंह ने बताया कि जिले को कुल 23 सेक्टरों में बांटा गया है। सभी सेक्टर के लिए एक-एक सुपरवाइजर बनाये गए हैं। 113 लोगों की टीमें बनी हैं, जो सुपरवाइजर की देखरेख में काम करेंगी। जिले भर में 19 लैब टेक्नीशियन हैं, जो टीबी की जाँच करेंगे। वहीं 12 चिकित्सा अधिकारियों को अभियान की सभी गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
जिले में क्षय रोगियों के आंकड़ों पर बात करें, तो साल 2021 में कुल 3478 टीबी के मरीज खोजे गए, जिसमें 3076 स्वस्थ हो गए। साल 2022 में क्षय रोगियों की संख्या 4262 रही, जिसमें 4112 स्वस्थ हुए तथा वर्तमान में लगभग सात सौ क्षय रोगियों का इलाज किया जा रहा है। इस मौके पर एपिडेमि- योलाजिस्ट डा0 श्याम श्रीवास्तव, जिला मलेरिया अधिकारी राजेश पाण्डेय व जिले के कई पत्रकार बंधु उपस्थित रहे।
टीबी रोग पर जागरुकता को बनाएं जन आन्दोलन, तभी देश से होगा इसका समूल उन्मूलन -डीटीओ
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