(अरविंद कुमार) उरई (जालौन) महात्मा गांधी की पुघ्ण्यतिथि पर राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान का शुभारंभ हो गया। इस दौरान जिला पुरुष चिकित्सालय परिसर में स्थित शहरी कुष्ठ नियंत्रण इकाई में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें छह कुष्ठ रोगियों को सेल्फ केयर किट और एमडीटी और एमसीआर चप्पल दी गई। इस दौरान कुष्ठ उन्मूलन के लिए जिलाधिकारी का संदेश पढ़कर भी सुनाया गया और कुष्ठ के कलंक को समाप्त करने की शपथ ली गई कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर 30 जनवरी 2023 से 13 फरवरी 2023 तक जिले में कुष्ठ जागरुकता और कुष्ठ रोगियों की खोज के लिए अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान पुराने कुष्ठ रोगियों का फॉलोअप भी किया जाएगा और नए रोगियों को कुष्ठ के इलाज के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग की पहचान बहुत सरल है और समय से इलाज से इससे मुक्ति भी मिल जाती है। इसलिए कुष्ठ रोग को लेकर भ्रम न पालें। कुष्ठ रोगियों के साथ भेदभाव भी न करें उन्होंने बताया कि इस तरह का आयोजन जिलाधिकारी के निर्देश पर ग्राम पंचायत स्तर पर भी आयोजित किया गया। प्रधानों ने जिलाधिकारी के संदेश को पढ़कर सुनाया जिला कुष्ठ अधिकारी डा. महेश चंद्रा ने बताया कि कुष्ठ रोगियों के साथ भेदभाव न करें। कुष्ठ के कलंक को समाप्त करने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक रुप से प्रयास करें। उन्होंने बताया कि इस बार की थीम आइए कुष्ठ से लड़े और कुष्ठ को इतिहास बनाएं रखी गई है। उन्होंने बताया कि अगर किसी व्यक्ति की त्वचा पर हल्के रंग के दाग, धब्बे हो, जो कि सुन्न हो तो ऐसे व्यक्ति संदिग्ध कुष्ठ रोगी हो सकते हैं। उन्हें तत्काल स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज लेना चाहिए। जिला कुष्ठ परामर्शदाता डा. मदनमोहन ने बताया कि इस समय जिले में 147 कुष्ठ रोगी उपचाराधीन है। कुष्ठ रोगियों का इलाज छह माह से लेकर एक साल तक चलता है। कुछ केसों में आपरेशन की जरूरत होती है लेकिन यह रोग पूरी तरह ठीक हो जाता है। इस अवसर पर प्रमुख रुप से जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. एसपी सिंह, डा. केपी सिंह, मुकेश कुमार, सियाराम, सियाशरण, जितेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।
समय से कराएं इलाज, पाएं कुष्ठ से मुक्ति
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