(विनीत द्विवेदी) बछरावां, रायबरेली। एक तरफ न्यूनतम समर्थन मूल्य पाने के लिए किसान जहां अपनी फसल को आवारा जानवरों और कमरतोड़ महंगाई से तैयार कर जब गणेश परिक्रमा करके आनलाइन बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन कराकर सत्यापन कराकर बेचने के लिए खरीद केंद्रों पर जा रहा है। तो दूसरी तरफ जिले के खरीद अधिकारियों और जिला प्रशासन की गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली के कारण लगभग दो सप्ताह से खरीद सेंटरों पर आनलाइन बोरिया ना होने के कारण किसान सेंटर पर जाकर मायूस होकर लौट रहा है। सेंट्रल प्रभारी बता रहे हैं कि ऑनलाइन बोरिया ना होने के कारण हम खरीद नहीं कर पाएंगे तो बेचारा मजबूर किसान कैसे अपनी धान की बिक्री करें और कैसे खाद बीज की व्यवस्था कर गेहूं, सरसों, मटर, चना, आलू अन्य फसलों की बुवाई कैसे करें। जिम्मेदारों के इस रवैया को लेकर किसानों में जबरदस्त आक्रोश है जिला के खरीद प्रभारी क्या इन जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही करेंगे या बगैर कार्यवाही के सेंटरों पर ऑनलाइन बोरिया दिलवाई जाएंगी। वही आलम तो यह है सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार की खरीद के उपरांत अभी तक मिलो का अटैचमेंट नहीं हुआ और ना ही किसी सेंटर पर ठेकेदार द्वारा लेबर भेजे गए हैं। इन सब कार्यशैली से प्रतीत होता है कि सरकार किसानों का धान खरीदना ही नहीं चाहती या जिम्मेदार अधिकारी अपनी मनमानी पर उतारा हैं।
आनलाइन बोरियां नहीं, धान खरीद बंद
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