भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत ने ट्वीट किया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा मंत्री के पुत्र आशीष की जमानत रद्द करने से किसानों में न्याय की उम्मीद जगी है। उत्तर प्रदेश सरकार पीड़ित किसानों की सुरक्षा-मुआवजा-न्याय दिलाने का काम करे। बेगुनाह किसानों को जेल से निकलवाए। पूर्ण न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत सोमवार को रद्द कर दी और उससे एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत व न्यायमूर्ति हिमा कोहली की विशेष पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने अप्रासंगिक विचारों को ध्यान में रखा और प्राथमिकी की सामग्री को अतिरिक्त महत्व दिया। शीर्ष अदालत ने प्रासंगिक तथ्यों और इस तथ्य पर ध्यान देने के बाद कि पीड़ितों को सुनवाई का पूरा अवसर नहीं दिया गया था, गुण-दोष के आधार पर नए सिरे से सुनवाई के लिए जमानत अर्जी को भेज दिया।