(मोनू शर्मा) माधौगढ़ जालौन। माधौगढ विकास खंड के ग्राम पंचायात मीगनी में इंग्लिश मीडियम प्राथमिक विद्यालय रसोइया के भरोसे चल रहा, इंचार्ज सहायक अध्यापक आकाश गहोई वर्षा का बहाना बना कर घर पर आराम कर रहे ऑर रसोईया विद्यालय खोलकर बैठ जाती है लेकिन मजे की बात तो यह है कि जिले पर बैठे अधिकारी आंख बंद करके बैठे है एक तरफ सड़क के किनारे बने विद्यालय में उरई से लेकर माधौगढ़ ब रामपुरा तक 6, व 7, अध्यापक तैनात कर दिए सुविधा शुल्क की दम पर और जनपद के मैन रोड से दूर स्थिति 5 , किमी य 10 किमी दूर पर एक अध्यापक तैनात है जहा रसोइया विद्यालय चला रही जिनकी न तो बी एस ए महोदय खबर लेते और न ही ए बी एस तो देखने तक नही जाते विद्यालय और ए बी एस को कोई जानकारी तक नही किस विद्यालय में कितने अध्यापक है और कोन अध्यापक आ रहा कौन नही आता कभी भी बीहड़ झेत्र में भ्रमण नही करते बी आर सी पर बैठ कर खाना पूर्ति होती है वही जूनियर हाई स्कूल मीगनी में एक अध्यापक अमर सोनी विद्यालय में उपस्थित पाए गए तो वही संजय कुमार स अ ऑनलाइन छुट्टी पर और दूसरे आशीष कुमार से जब फोन पर बात की तो बी एल ओ में ड्यूटी कटवाने का बहाना बताया अब यह तो अधिकारी ही बता सकते घर पर या उरई गए , जव की 3 अध्यापक जूनियर हाईस्कूल में तैनात पढ़ाई चैपट है वही मीडिया कर्मी ने कक्षा 8 के छात्र अवनीश से किताब में लिखा नाम पूछा तो नाम नही बता पाया कितनी अच्छी पढ़ाई हो रही की नाम पढ़ना भी नही सिख पाया कक्षा 8 का छात्र इसे क्या कहा जाए स्कूल में अध्यापकों की लापरवाही या पढ़ाई नहीं की जाती वाह योगी मोदी की सरकार चाहे जितनी योजनाएं संचालित करो लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी सरकार की संचालित योजनाओ को जमकर चूना लगाने में लगी।
यह है सरकारी स्कूल में शिक्षा का स्तर बच्चो को नाम तक पढ़ना नहीं आता वाह योगी मोदी की सरकार वाह बी एस ए प्रेम चंद साहब का शासन वाह ए बी एस ए नेत्रपाल सिंह की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है इसके बाद जब जब मीडिया की टीम में मचकछा पहुंचकर देखा तो जूनियर हाईस्कूल बंद जब मास्टर साहब को फोन लगाया तो उन्होंने बताया की सूपा निकल गए स्कूल में रसोइया को पता चला तो वह आनन फानन में भाग कर आई और उससे जानकारी की तो पता चला कि न तो रसोइया आती और न ही एम डी एम बनता है और न ही कभी भी सी डी पी ओ , या सुपर वाइजर कभी भी आंगन वाडी केंद्र का निरीक्षण करने नही आते और न कोई बच्चे आंगन वाडी केंद्र में नहीं आते और फर्जी कागजों पर पोषा हार वितरण दिखाया जाता । हकीकत तो यह है की योगी मोदी सरकार को बदनाम करने में लगे शिक्षा विभाग व बाल विकास पुष्टाहार के अधिकारी व कर्मचारी व शिक्षक व सी डी पी ओ माधौगढ़ कपिल शर्मा व सुपर वाइजर जो जिला मुख्यालय पर बैठकर खाना पूर्ति करते है जिनका जीता जागता उदाहरण सामने देखने को मिल रहा न तो शिक्षक मौके पर मिले और न आंगन वाडी केंद्र पर कार्यकत्री, और सहायक कोई भी नही और न बच्चे मिले और आंगन वाडी सहायक को सूचना मिलने पर प्रिमिला हाफती भागती हुई केन्द्र पर पहुंची जब उनसे मास्टर साहब की जानकारी कि तो सुनीत कौशिक के बारे में झूठ बोल रही थी कि अभी गए और अन्य लोगो से जानकारी की तो सुनीत कौशिक आए ही नहीं थे आखिर यह भ्रष्टाचार का खेल कब तक चलेगा विद्यालय आयो या न आयो खाना पूर्ति कंप्लीट करो और मीडिया वालो से झूठ बोलकर बताते है की मैं अभी निकला जब कहा की दो मिनट रुको अभी आ रहा हूं तो कहते में सूपा से निकल गए जब की सूपा की रास्ता बंद थी बाद में मिल लेंगे यह कहकर फोन काट दिया आखिर यह खेल कब तक चलेगा योगी मोदी भाजपा सरकार को बदनाम करेगा एक तरफ योगी मोदी सरकार संचालित योजनाएं धरातल पर चलान चाहते और अधिकारी कर्मचारी सिर्फ कागजों में दिखाने का कार्य कर रहे बीहड़ क्षेत्र में अध्यापक जाना नहीं चाहते और अधिकारी भी बीहड़ क्षेत्र में कभी भी जाने की जहमत नहीं जुटाते और न ही निरीक्षण करने जाते । जव की बी एस ए द्वारा रोड के किनारे के स्कूलों में सुविधा शुल्क की दम पर एक स्कूल में 5 से 8 अध्यापको को तैनाती दे रहे तो वही बीहड़ में एक अध्यापक व रसोईया के भरोसे विद्यालय चल रहे एक अध्यापक विद्यालय का कार्य करे या बच्चो को पढ़ाए । ऐसी क्या मजबूरी है बी एस ए साहब की जो रोड किनारे के जिला मुख्यालय से जुड़े विद्यालय में भीड़ एकत्रित किए बच्चे कम अध्यापक ज्यादा वही दूसरी ओर बीहड़ क्षेत्र में बच्चे ज्यादा एक अध्यापक वाह भाजपा सरकार के अधिकारी ।