इस अभियान के दौरान वन विभाग द्वारा राज्य में नशीले पदार्थों की खेती को नष्ट किया जाएगा और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के प्रतिनिधियों को नशे के दुष्प्रभावों के सम्बन्ध में जागरूक किया जाएगा और नशा निवारण सम्बन्धी शपथ दिलाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों में मादक पदार्थोंे का सेवन चिन्ता का विषय है और राज्य से नशे के उन्मूलन के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करें। इस अभियान के दौरान वन विभाग द्वारा राज्य में नशीले पदार्थों की खेती को नष्ट किया जाएगा और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के प्रतिनिधियों को नशे के दुष्प्रभावों के सम्बन्ध में जागरूक किया जाएगा और नशा निवारण सम्बन्धी शपथ दिलाई जाएगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और शिक्षा विभाग के संयुक्त समन्वय द्वारा नशे के दुष्प्रभावों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी तथा नाटक का भी आयोजन किया जाएगा। नशे के दुष्प्रभावों से संबंधित प्रचार-प्रसार सामग्री को भी जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा इस अभियान से सम्बन्धित कर्टन रेज़र तैयार किया जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि इस अभियान के अन्तर्गत प्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर पर नशे के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए नाटक नारालेखन, पेंटिंग प्रतियोगिताएं करवाई जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ता ग्राम पंचायतों, महिला मण्डलों और पाठशालाओं में जाकर नशे के दुष्प्रभावों से लोगों को अवगत करवाएंगे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर बुधवार को नशे सम्बन्धी परामर्श के लिए विशेष ओपीडी का प्रावधान किया जाएगा। इस दौरान प्रदेशभर में नुक्कड़ नाटक भी आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस अभियान को सफल बनाने के लिए पंचायती राज संस्थाओं, शहरी निकायों के प्रतिनिधियों सहित गैर सरकारी संस्थाओं के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिलों में उपायुक्त इस अभियान का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे।
हिमाचल प्रदेश नशा निवारण बोर्ड के समन्वयक एवं सलाहकार ओ.पी. शर्मा, राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त यूनुस सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे।