यूनियन बैंक में समाहित आन्ध्रा बैंक द्वारा दिया गया था ऋण। बैंक मैनेजर की सांठ-गांठ से बन्धक भूमि किराये पर दी गयी। मेसर्स यश फूड्स के संचालक जगदीप कुमार से हो बकाये की वसूली। यक्तिगत लाभ के लिए बैंक मैनेजर नहीं कर रहे कोई कार्यवाही।
(मनोज मौर्य) रायबरेली। सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ओ.पी. यादव ने भारत सरकार के वित्त मंत्री समेत विभिन्न अधिकारियांे को शिकायती पत्र भेजकर यूनियन बैंक में समाहित आन्ध्रा बैंक स्टेशन रोड रायबरेली के मैनेजर पर कार्यवाही किए जाने व मेसर्स यश फूड्स के ऊपर बकाया साढ़े नौ करोड़ रूपये से अधिक की वसूली किये जाने एवं बंधक भूमि पर निर्मित भवन में अवैध ढंग से किराये पर दिये गये खाद्य विपणन अधिकारी की किरायेदारी को निरस्त करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाने की मांग की है। वित्त मंत्री को भेजे गये पत्र में लिखा है कि यूनियन बैंक आफ इण्डिया (आन्ध्रा बैंक) रेलवे स्टेशन रोड शाखा रायबरेली से मेसर्स यश फूड्स के पार्टनर जगदीप कुमार, श्रीमती शकुंतला देवी व आयुष कुमार एवं गारन्टर अशोक कुमार ने शाखा प्रबन्धक से सांठ-गांठ कर 5,98,00,000ध्- का ऋण लिया। ऋण की अदायगी न होने पर बैंक ने अन्तर्गत धारा-14 अधिनियम वित्तीय परिसम्पत्तियों के प्रतिभूतिकरण तथा पुननिर्माण एवं प्रतिभूतिहित प्रवर्तन (सरफेसी) अधिनियम 2002 वाद संख्या-01215ध्2018 आन्ध्रा बैंक बनाम् मेसर्स यश फूड्स व अन्य का वाद अपर जिलाधिकारी प्रशासन रायबरेली के यहाँ योजित किया। मान्नीय न्यायालय द्वारा बंधक की गयी सम्पत्तियों को बैंक द्वारा कब्जा किये जाने का आदेश 12-12-2018 को पारित किया गया। आदेश की एक प्रति क्रियान्वयन में सहयोग करने हेतु उप जिला मजिस्ट्रेट महराजगंज एवं थानाध्यक्ष महराजगंज को भेजी गयी। आन्ध्रा बैंक के शाखा प्रबन्धक द्वारा औपचारिकता पूरी करने हेतु एस.डी.एम. महराजगंज को पत्र भेजा गया, एस.डी.एम. महराजगंज ने पत्रांक 7336 पर 11-02-2019 को तहसील दार महराजगंज को नियमा नुसार आ0का0 करायें का आदेश किया गया। तहसील दार मह राजगंज ने पत्राँक- 29 पर दिनांक 12-02-2019 को रा.नि.ले. कृपया अनुपालन करें, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। आन्ध्रा बैंक के शाखा प्रबन्धक द्वारा दूसरा पत्र भी औपचारिकता पूरी करने के उद्देश्य से एस.डी.एम. महराजगंज को पत्र भेजा गया। एस.डी.एम. महराजगंज ने पत्रांक-830 पर दिनंाक 06-09-2019 को तह0 (म0) कृपया प्रकरण की जाँच कर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करें का आदेश पारित किया। तहसीलदार महराजगंज ने पत्रांक 1502 पर दिनांक 09-09-2019 को रा0नि0ध्ले0 जाँचकर नियमानुसार निस्तारण कर आख्या दें, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
जनहित में जिलाधिकारी को जब जनता के पैसे के बन्दरबांट के बारे में अवगत कराया गया तो मेसर्स यश फूड्स द्वारा वसूली रोके जाने हेतु एक वाद मान्नीय ऋण वसूली न्यायालय लखनऊ में योजित किया गया। इस मुकदमें में याची ने बैंक के अधिकारियों से सांठ-गांठ कर दिनांक 30-10-2019 को स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया, उसके बाद ऋणी और बैंक मैनेजर ने सांठ-गांठ कर तारीखें लेते रहे। जब पुनः जिलाधिकारी को शिकायती प्रार्थना-पत्र दिया गया, तो जिलाधिकारी की पहल पर बैंक मैनेजर सक्रिय हुए और दिनांक 10-03-2021 को मेसर्स यश फूड्स की याचिका न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गयी। साथ ही दिनांक 30-10-2019 को पारित स्थगन आदेश भी निरस्त कर दिया गया, लेकिन बैंक मैनेजर वसूली की प्रक्रिया नहीं अपना रहे हैं, पूरी तरीके से मेसर्स यश फूड् को अवैध ढंग से लाभ पहुँचा रहे हैं। यही नहीं मेसर्स यश फूडस के संचालक के पुत्र आयुष कुमार द्वारा बन्धक भूमि में निर्मित भवन को एग्रीमेन्ट कराकर जिला खाद्य विपणन अधिकारी को किराये पर दे दिया है, जिससे जनता की गाढ़ी कमाई का 9,50,00,000ध्- (रूपये नौ करोड़ पचास लाख) का बैंक का नुकसान हो रहा है। श्री यादव ने मांग की है कि जनहित एवं न्यायहित में मान्नीय न्यायालय के आदेश का अनुपालन कराके जनता की गाढ़ी कमाई का बैंक में जमा पैसा वसूलने हेतु बंधक सम्पत्तियों पर बैंक को भौतिक कब्जा दिलाते हुए अवैधानिक रूप से बैंक में बन्धकुशदा भूमि पर संचालित जिला खाद्य विपणन अधिकारी के किरायेनामे को निरस्त करते हुए सम्बन्धित के विरूद्ध वैधानिक एवं विभागीय कार्यवाही करने की कृपा की जाए एवं यूनियन बैंक में समाहित आन्ध्रा बैंक के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाए।
जनता की गाढ़ी कमाई का साढ़े नौ करोड़ रूपया डूबा – ओ.पी. यादव
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