दरअसल ईश्वर सिंह ने अपनी जिंदगी से तंग आकर आत्महत्या कर ली। वहीं उसकी बेटी खुशबू ने भी पिता के सदमें में आकर सुसाइड कर लिया। शुरुआती जांच में सामने आया है कि किसान कर्ज के चलते परेशान था।
बता दें कि ईश्वर सिंह सांपखेड़ा गांव में जमीन लीज पर लेकर सब्जियों की खेती करता था। उसने यह जमीन गांव के ही सुशील अग्रवाल से 4 बीघा जमीन किराए पर ली थी। लेकिन कुछ दिन बाद ही दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया।
मामले की जांच कर रहे टीआई उदय सिंह ने कहा कि पीड़ित परिवार के दी शिकायत के मुताबिक, मामला दर्ज लिया है। जांच की जा रही है, जल्द ही आरोपी को पकड़कर कार्रवाई की जाएगी।
इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस विधायक कणाल चौधरी ने कहा कि अगर किसान के साथ बेटी आत्महत्या कर रही है तो, दर्द समझा जा सकता है। बीजेपी की सरकार आते ही किसानों की आत्महत्या की संख्या बढ़ी है। उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को मिलने वाली सब्सिजी बिजली पर कटौती की गई।
आगे उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार में किसानों को यूरिया, डीएपी नहीं मिल रही है। किसानों को प्राइवेट दुकानों से खरीदना पड़ रहा है। खराब फसलों का मुआवजा नहीं मिल रहा है।