(नन्द कुमार कस्यप) बहराइच में इस समय संचारी रोग व संक्रामक रोग के मरीजों से जिले के अस्पताल के वार्ड पूरी तरह खचाखच भरें हैं आलम यह है कि एक बेड पर दो दो मरीजों को लिटाकर इलाज किया जा रहा है। इन मरीजों में अधिकतर मरीज बुखार व खांसी से पीड़ित है। अगर हम बात करें बहराइच जिला अस्पताल में बने चिल्ड्रेन वार्ड की तो यहाँ ये आलम है कि वार्डो में बेड की संख्या बढ़ानी पड़ी है। देखा जा रहा है कि एक एक बेड पर दो दो मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वहीं इस सम्बंध में जब ब्डै ओ पी पाण्डेय से हमारे संवाददाता ने बात की तो उन्होने बताया कि बहराइच का जिला अस्पताल मेडिकल कालेज में परिवर्तित हो गया है। जिसके कारण बेहतर इलाज के लिये बहराइच के नजदीकी जिले श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर व पड़ोसी देश नेपाल के भी मरीज बह राइच मेडिकल कॉलेज में रेफर किए जाते हैं जिसके कारण बहराइच जिला अस्प ताल में मरीजों की संख्या अधिक रहती है लेकिन फिर भी शासन के मनसाअनुरुप मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है और अगर भविष्य में मरीजों की संख्या और भी बढ़ती है तो उनके लिए अलग वार्ड की भी व्यवस्था की जाएगी लेकिन कहने वाली बात यह है कि अगर हर जिलों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होती और सभी मरीजों का इलाज बेहतर ढंग से किया जाता तो इन मरीजों को गैर जनपद में रेफर करने की जरूरत ही क्या पड़े। जिसका सीधा मत लब है कि कहीं ना कहीं पड़ोसी जिलों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर नहीं हैं जिसके कारण पड़ोसी जिलों के मरीज बहराइच में भेजे जा रहे हैं जिसकी वजह से बहराइच के जिला अस्पताल में बने वार्डों में मरीजो की भरमार है।
संचारी रोगों के मरीजों से अस्पताल के वार्ड हुए फुल
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